SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 225
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २०४१. मनोरमाचरित्र, वर्द्धमानसूरि / अभयदेवसूरि, चरित्र, प्राकृत, ११४०, आदि-भीमभव भमण संभंत..., अन्त-संपइ कहा समप्पइ सुबोहसद्देहि विरइया...', अ., ह. तेरापंथी सभा, सरदारशहर, भावहर्षगच्छीय भं., बालोतरा २०४२. मयणरेहा चौपई, विनयचन्द्रगणि / ज्ञानतिलक उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं जयपुर, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २०४३. मयणरेहा चौपई, हर्षवल्लभगणि / यु. जिनचन्द्रसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १६६२ महिमावती, 'आदि-जिणवर चउवीसे नमुं..., अन्त-मयणरेहा संबंध वखाण्यउ...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ८९२, ह. अभय ग्र., बीकानेर २०४४. मलयसुन्दरी चौपई, लब्धोदयगणि / ज्ञानराज उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७४३ गोगुंदा, 'अन्त–महोपाध्याय ज्ञानराज गुरु...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर २०४५. महाजनवंश मुक्तावली, म० ऋद्धिसार / कुशलनिधान उ०, इतिहास, हिन्दी, १९६०, मु., रामलालगणि, बीकानेर २०४६. महातपस्वी छगनसागरजी जीवन चरित्र , जिनहरिसागरसूरि / भगवानसागर, चरित्र, हिन्दी, २०वीं, मु., हरिसागरसूरि ज्ञान भं., लोहावट २०४७. महादण्डक कुलक, अभयदेवसूरि / जिनेश्वरसूरि, प्रकरण, प्राकृत, १२वीं, आदि-थोवागब्भय मणुआ सखे..., अन्त–अभयदेवसूरिहि सङ्गहियं...', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा १२७९२, अभय ग्र., बीकानेर २०४८. महाप्रभावक स्तोत्र, जिनदत्तसूरि / जिनवल्लभसूरि, स्तोत्र, प्राकृत, १२वीं, आदि-मम हरउ जरं... गा. ३', मु. २०४९. महाबल मलयसुन्दरी रास, चारुचन्द्र उ० / भक्तिलाभ उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६वीं, . 'आदि-सरस वचन द्यु सारदा..., अन्त–इम राज महाबल मलय...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर २०५०. महाबल मलयसुन्दरी रास, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७५१ पाटण, आदि-श्री शांतिसर सोलमउ भयभंजण भगवंत..., अन्त-श्री जयतिलक सूरिश्वरु...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर, सेठिया लाइब्रेरी, बीकानेर, बालचन्द्र संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ २०५१. महाभक्ति गर्भा सर्वज्ञ विज्ञप्तिका, जिनवल्लभसूरि / अभयदेवसूरि, स्तोत्र, प्राकृत, १२वीं, 'आदि-लोयालोयविलोयण..., अन्त–इच्चाइ वुच्चइं? किमेत्थ समत्थवत्थु... गा. ३७', मु., जिनवल्लभसूरि ग्रन्थावली, पृ. १९७, ह. हर्षचन्द्र - पार्श्वचन्द्रगच्छ भं., खम्भात, पृ. ४१५-४१६ २०५२. महाविद्या, पूर्णकलशगणि / जिनेश्वरसृरि, मन्त्रतन्त्र, संस्कृत, १४वीं, अ., ह. ऐलक पन्नालाल सरस्वती भवन, ब्यावर खरतरगच्छ साहित्य कोश 155 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy