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________________ ११३३. देवराज बच्छराज चौपई, मतिकुशलगणि / मतिवल्लभ, रास चौपई, राजस्थानी, १७२९ तलवाड, अ., ह. उदयचन्द संग्रह, जोधपुर ११३४. देवराज बच्छराज चौपई, सत्यरत्न / जिनचन्द्रसूरि, रास चौपई, राजस्थानी, १९वीं, अ., ह. मुकनजी संग्रह, बीकानेर ११३५. देवराज बच्छराज प्रबन्ध, विनयमेरुगणि / हेमधर्मगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६८४ रिणी, अ., ह. खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर, बालचन्द्र संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ ११३६. देवराज बच्छराज चौपई, सहजकीर्त्तिगणि / हेमनन्दनगधि, रास चौपई, राजस्थानी, १६७२ खीमसर, 'आदि-परमोदय कारण पवर..., अन्त - सुखकार खरतरगच्छधणी...', अ., ह. खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर, बालचन्द्र संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., चित्तौड़ ११३७. देवविलास रास, कवियण / ?, रास चौपई, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि-सुक्रत प्रेराजी बने..., अन्त - श्री वीर जिनवर सोहम गणधर...', मु., ऐतिहासिक जैन काव्य संग्रह, पृ. २६४ ११३८. देवार्चन एक दृष्टि, जिनमणिसागरसूरि / महो० सुमतिसागर, चर्चा, हिन्दी, २०वीं, मु., सुमति सदन, कोटा ११३९. दोसावहार पार्श्वनाथ स्तव, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, स्तोत्र, प्राकृत, १४वीं, 'आदिदोसावहारदक्खो... गा. १०', मु., सप्तस्मरणादि स्तोत्र संग्रह ११४०. दोसावहार पार्श्वनाथ स्तोत्र बालावबोध, कुशलचन्द्रसूरि / हीरधर्म उ०, स्तोत्र, राजस्थानी, २० वीं, अ., ह. जयकरण संग्रह, बीकानेर ११४१. दोसावहार पार्श्वनाथ स्तोत्र बालावबोध, साधुकीर्त्ति उ० / अमरमाणिक्य उ०, स्तोत्र, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. चारित्र रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ११४२. द्व्याश्रयमहाकाव्य टीका (संस्कृत) हेमचन्द्रीय, अभयतिलकोपाध्याय / जिनेश्वरसूरि द्वि., महाकाव्य, संस्कृत, १३१२ पालनपुर, आदि-श्रीभूर्भुवः स्वस्त्रितयाहिताग्नि..., अन्तश्रीचान्द्रे विपुले कुलेति विमले...', मु., भांडारकर ओरियन्टल इंस्टीट्यूट, पूना ११४३. द्वयाश्रयमहाकाव्य टीका ( प्राकृत ) हेमचन्द्रीय, पूर्णकलशगणि / जिनेश्वरसूरि द्वि., महाकाव्य, प्राकृत, १३०७, 'आदिदे-पुण्याङ्कुराः शिवसुखफलं ..., अन्त - संतापापहदर्शनं शिवकला....', मु., भांडारकर ओरियन्टल इंस्टीट्यूट, पूना ११४४. द्वयाश्रय महाकाव्य ( श्रेणिक चरित्र ) स्वोपज्ञ टीकासह, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, महाकाव्य, संस्कृत, १३५६, ' आदि - सिद्धो वर्णसमाम्नाय :..., अन्त - वंशे श्रीजिनवल्लभव्रतिपतै:... गा. २४३६', अ., ह. विनय प्रतिलिपि, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ११४५. द्रौपदी चौपई, कनककीर्त्ति उ० / जयमन्दिर उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १६९३ जैसलमेर, 'आदि- पुरिसादाणी पासजिण..., अन्त-संवत ईसर नयन निधान सुं...', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा ९७७६ 88 Jain Education International खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only www.jalnelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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