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________________ ११०५. दानोपदेशमाला, दिवाकराचार्य / संघतिलकसूरि रुद्रपल्ली, उपदेश, प्राकृत, १५वीं, आदि सयलसमीहियकरणं..., अन्त-इइ संघतिलयगणहरसीसेण...', मु. ॐकारसूरि ज्ञानमन्दिरग्रन्थावलि, सूरत, ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर ११०६. दानोपदेशमाला, देवेन्द्रसूरि / संघतिलकसूरि रुद्रपल्लीय, उपदेश, संस्कृत, १४१८, आदि त्रैलोक्यराज-कमलाममलाशयेभ्य..., अन्त–विक्रमादित्यतोऽष्टेन्दुवार्द्धान्दुमितवत्सरे...', मु., ॐकारसूरिज्ञान-मन्दिरग्रन्थावलि, सूरत, सम्पादिका-रम्यरेणु ११०७. दामनक चौपई, गुणनन्दनगणि / ज्ञानप्रमोदगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६९७ सरसा, 'आदि-ऋषभदेव पयकजनमी..., अन्त-वड सीयर खरतरगच्छपतीए...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ११०८. दामनक चौपई, ज्ञानधर्म उ० / राजसागर उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७३५, अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर ११०९. दामनक चौपई, ज्ञानहर्ष उ० / सुमतिशेखर, रास चौपई, राजस्थानी, १७१० नोखा, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर १११०. दिगम्बर ८४ बोलविसंवाद, जिनसमुद्रसूरि / जिनचन्द्रसूरि, चर्चा, राजस्थानी, १८वीं, अ. ११११. दीक्षाप्रतिष्ठाशुद्धि, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, ज्योतिष, संस्कृत, १६८५ लूणकरणसर, ‘अन्त-श्रीलूणकर्ण सरसि स्मरशर वसु षडुडुपति वर्षे...', अ. १११२. दीक्षाविधि (विधि मार्ग प्रपा और लघुविधि मार्ग प्रपा के आधार से), विधि, हिन्दी प्राकृत, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ३२५ १११३. दीपमालिका कल्प, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, व्याख्यान, प्राकृत, १३८७ देवगिरि, अन्त– इय पावापुरी कप्पो...', मु. जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., सूरत, ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा १११४. दीपमालिका स्तुतिः, लब्धिमुनि उ० / राजमुनि, स्तोत्र, संस्कृत, आदि-स्वर्लोकाच्च्यवनं च गर्भहरणं... गा. ४', मु., लब्धि कृतिसन्दोह, पृ. ४६, जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई १११५. दुमुह प्रत्येकबुद्ध चौपई, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. रामलालजी संग्रह, बीकानेर, उ. जैन गुर्जर कविओ, भाग-३, पृ. ८४४ १११६. दुर्गा सतसई चौपई, कुशललाभ उ० / अभयधर्म उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७वीं, अ., __ ह. अनूप संस्कृत लाइब्रेरी, बीकानेर १११७. दुर्जन दमन चौपई, ज्ञानहर्ष उ० / सुमतिशेखर, रास चौपई, राजस्थानी, १७०७ पूगल, अ., ह. सुराणा लाइब्रेरी, चूरू १११८. दूहा चन्द्रिका, राजसोमोपाध्याय / जयकीर्ति उ०, छन्द शास्त्र, राजस्थानी, १७वीं, 'आदि सरसति माता समरिनइ..., अन्त-दोधक लक्षण दाखिया...', अ., ह. खजांची संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर, आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर 86 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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