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________________ ७८७. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, विनयचन्द्रगणि / ज्ञानतिलकगणि जिनसागरसूरिशाखा, चौवीसी साहित्य, राजस्थानी, १७५५ राजनगर, आदि-आज जन्म सुकियारथउ रे..., अन्त इण परि मंइ चौवीसी कीधी...', मु., विनयचन्द्र कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. १ ७८८. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, सबलसिंह श्रावक, चौवीसी साहित्य, राजस्थानी, १८६१ मकसूदाबाद, अ., ह. बड़ा मन्दिर भं., अजीमगंज ७८९. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, चौवीसी साहित्य राजस्थानी, १६५८ अहमदाबाद, 'आदि–रिषभदेव मेरा हो..., अन्त–तीर्थंकर रे चोवीसे मैं संस्तव्या...', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ३ ७९०. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, सिद्धितिलक / सिद्धिविलास, चौवीसी साहित्य, राजस्थानी, १७९६ जैसलमेर, अ., ह. आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर ७९१. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, सिद्धिविलास / सिद्धिवर्द्धन, चौवीसी साहित्य, राजस्थानी, १८वीं, अ., आचार्यशाखा ज्ञान भं., बीकानेर, उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. १४६९ ७९२. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, सुमतिमण्डन उ० / धर्मानन्द, चौवीसी साहित्य, हिन्दी, २०वीं, अ., ह. क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर ७९३. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, सुमतिहंसगणि / जिनहर्षसूरि आद्य., चौवीसी साहित्य, राजस्थानी, १६९७ मेड़ता, अ.. ७९४. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, हरखचन्द, चौवीसी साहित्य, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि उठत प्रभात नाम जिनजीको गाइये..., अन्त-मन मान्यो महावीर मेरे...', अ., ह. रा.प्रा.वि.प्र., जयपुर ९७७७ ७९५. चौवीसी - जिन स्तवन चौवीसी, हीरसागर / जिनचन्द्रसूरि पिप्पलक, चौवीसी साहित्य, राजस्थानी, १६१७ पीपलिया, अ., ह. उदयचन्द संग्रह रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर ७९६. छत्तीसी - अक्षर छत्तीसी, ज्ञानसुन्दर / कल्याणविनय, छत्तीसी साहित्य, राजस्थानी, १७८६, अ. ७९७. छत्तीसी - आगम छत्तीसी, श्रीसारोपाध्याय / रत्नहर्ष उ०, छत्तीसी साहित्य, राजस्थानी, १७वीं, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ७९८. छत्तीसी - आत्म प्रबोध छत्तीसी, ज्ञानसारोपाध्याय / रत्नराज उ०, छत्तीसी साहित्य, राजस्थानी, १९वीं, 'आदि-श्री परमातम परम पद..., अन्त-श्रावक आग्रह सौं करें...', मु., ज्ञानसार ग्रन्थावली, पृ. १५५ ७९९. छत्तीसी - आलोयणा छत्तीसी, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, छत्तीसी साहित्य, १६९८ अहमदपुर, 'आदि-पाप आलोय तूं आपणा..., अन्त-संवत सोल अट्ठाणूए...', मु., समयसुन्दर कृति कुसुमाञ्जलि, पृ. ५४४ ८००. छत्तीसी - आहारदोष छत्तीसी, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, छत्तीसी साहित्य, राजस्थानी, १७२७, अ., ह. क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर खरतरगच्छ साहित्य कोश 63 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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