SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 129
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७३५. चैत्यवन्दन चतुर्विंशतिका, लब्धिमुनि उ० / राजमुनि, स्तोत्र, संस्कृत, २००७ विजयनगर, _ 'आदि-च्यवनं यस्य सर्वार्थ... गा. १३६', मु., लब्धि कृतिसन्दोह, पृ. १-१६, जिनदत्तसूरि ज्ञान भं., बम्बई ७३६. चैत्यवन्दन भाष्यवृत्ति तत्त्वार्थदीपिका, धर्मप्रमोदगणि / कल्याणधीर उ०, प्रकरण, संस्कृत, १६६४, अ., ह. बड़ा भं., बीकानेर ७३७. चैत्यवन्दन भाष्ययन्त्र, सुमतिवर्द्धनगणि / विनीतसुन्दरगणि, प्रकरण, राजस्थानी, १९वीं कृष्णगढ़, 'अन्त-संवत अठारइसीसमें सुदि आषाड़', अ., ह. खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ७३८. चैत्यवन्दन भाष्य व्याख्यान पद्धति, हर्षनन्दनगणि / समयसुन्दरोपाध्याय, प्रकरण, संस्कृत, __१७वीं, 'आदि-स्वस्तिश्रीदायिकां', अ., ह. कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा १११७४ ७३९. चैत्यवन्दनस्थान विवरण, जिनप्रभसूरि / जिनसिंहसूरि, प्रकरण, संस्कृत, १४वीं, अ., ह. संघ भं., पाटण, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा १५८० ७४०. चैत्रीपूर्णिमा देववन्दन, क्षमाकल्याणोपाध्याय / अमृतधर्म उ०, विधि, राजस्थानी, १९वीं, अ., ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ७४१. चैत्रीपूर्णिमा देववन्दन विधि, जिनकवीन्द्रसागरसूरि / जिनहरिसागरसूरि, विधि, हिन्दी, ___ २१वीं, मु., पुण्यश्री स्मारक ग्रन्थमाला, जयपुर ७४२. चौदह स्वप्न चौपई, अबीरजी, रास चौपई, राजस्थानी, २०वीं, अ., ह. जैनभवन, कलकत्ता ७४३. चौदह स्वप्न भाषा धवल, विनयलाभोपाध्याय / विनयप्रमोद उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. चतुर्भुज संग्रह, बीकानेर ७४४. चौपर्वी चौपई, समयप्रमोदगणि / ज्ञानविलासगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६७३ जूठाग्राम, ___ अ., ह. दानसागर-बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर, चतुर्भुज संग्रह, बीकानेर ७४५. चौबीस जिन स्तोत्र, जयसागरोपाध्याय / जिनराजसूरि, स्तोत्र, अपभ्रंश, 'आदि–पहिलउं पणमउं आदि जिणिंद... गा. १५', अ., ह. विनय प्रतिलिपि ४१६ (१३) ७४६. चौबोली चौपई, अभयसोमगणि / सोमसुन्दरगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७२४, ‘अन्त कलियुग मांहि विक्रम रायनो...', अ., ह. विनय. प्रतिलिपि, खरतरगच्छ ज्ञान भं., जयपुर ७४७. चौबोली चौपई, कीर्त्तिसुन्दर (कान्हजी) / धर्मवर्द्धन उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७६२ थाणलैनगर, अ., ह. चारित्र-रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ७४८. चौबोली वार्ता चौपई, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. ११८ । ७४९. चौरासीगच्छ विवरणछन्द, अमरविजयगणि / उदयतिलक उ०, विविध, राजस्थानी, १९वीं, __ अ., ह. महिमाभक्ति-बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर खरतरगच्छ साहित्य कोश 59 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy