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________________ ६९४. चन्द्रलेखा चौपई, मतिकुशलगणि / मतिवल्लभ, रास चौपई, राजस्थानी, १७२८ पचियाख, 'आदि-सरसति भगति नमी करी..., अन्त-संवत् सिद्धि कर मुनि शिशै जी...', अ., ह. क्षमाकल्याण संग्रह, बीकानेर, विनय. प्रतिलिपि ६९५. चन्द्रविजय, मन्त्रिमण्डन / बाहड, काव्य, संस्कृत, १५वीं, मु., हेमचन्द्राचार्य जैन सभा, पाटण ६९६. चन्द्रामलक भक्तामर ( भक्तामर स्तोत्र पादपूर्ति), जिनजयसागरसूरि / जिनकृपाचन्द्रसूरि, स्तोत्र, संस्कृत, २०वीं, अ., उ. भक्तामर रहस्य, धीरज लाल टोकरसी शाह ६९७. चन्द्रोदयकथा चौपई, अभयसोमगणि / सोमसुन्दर, रास चौपई, राजस्थानी, १७३० नवसर, ___ 'आदि-संतिकरण श्रीसंति जिण..., अन्त–संवत सतरइ तीसमइ...', अ., ह. अभय ग्र. बीकानेर ६९८. चमत्कारचिन्तामणि टीका, अभयकुशलगणि / पुण्यहर्ष, ज्योतिष, संस्कृत, १८वीं, अ., ह. चारित्र-रा.प्रा.वि.प्र., बीकानेर ६९९. चमत्कारचिन्तामणि स्तबक, मतिसार, ज्योतिष, राजस्थानी, १८वीं फरीदकोट, अ., ह. __ दानसागर-बड़ा ज्ञान भं., बीकानेर ७००. चम्पक चरित्र-वृद्धदन्त शुद्धदन्त रास, जिनोदयसूरि / जिनतिलकसूरि भावहर्षीय, रास चौपई, राजस्थानी, १६६९, आदि-चउवीसे जिनवर वली..., अन्त–दान विषे चंपक तणोजी...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. ९९४ ७०१. चम्पक चौपई, रङ्गप्रमोद / ज्ञानचन्द्र उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १७१५ मुलतान, अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-३, पृ. १२०९ ७०२. चम्पकमाला चौपई, जगनाथ / इलासिंधुर, रास चौपई, राजस्थानी, १८२२ साचौर, अ. ७०३. चम्पक श्रेष्ठि चौपई, समयसुन्दरोपाध्याय / सकलचन्द्रगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६९५ जालौर, 'आदि-जालोर मांहे जागतौ..., अन्त–संवत सोल पंचाणू मैं जालोर मांहे जोड़ी रे... गा. १५', मु. समयसुन्दर रास पंचक, ह. हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ७०४. चम्पूमण्डन, मन्त्रिमण्डन / बाहड, काव्य, संस्कृत, १५वीं, मु., हेमचन्द्राचार्य जैन सभा, पाटण ७०५. चरणसत्तरी करणसत्तरी भेद, गुणविनयोपाध्याय / जयसोम उ०, प्रकरण, राजस्थानी, १७वीं, अ. ७०६. चर्चरी, जिनदत्तसूरि / जिनवल्लभसूरि, चर्चा-उपदेश, अपभ्रंश, १२वीं, 'मूलादि-नमिवि जिणंसर धम्म...', 'आदि टीका - जिनपतिपदपद्मरम्य..., अन्त–संक्षिप्ता मन्द मेधसा...', मु., गायकवाड़ ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बड़ौदा ७०७. चर्चरी टिप्पणक, जिनपालोपाध्याय / जिनपतिसूरि, उपदेश, संस्कृत, १२९४, अन्त-इति चर्चरीसु चर्चा...', मु. गायकवाड़ ओरियन्टल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बड़ौदा, ह. विनय. प्रतिलिपि ७०८. चर्चाप्रश्नोत्तर, तिलोकचन्द लूणिया, चर्चा, राजस्थानी, १९वीं अजमेर, अ., ह. हंसविजय संग्रह, बड़ौदा 56 खरतरगच्छ साहित्य कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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