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________________ ४४८. कुर्मापुत्र चौपई,जयनिधानोपाध्याय / राजचन्द्र वा., रास चौपई, राजस्थानी, १६७२, आदि त्रिभुवन पति वधमान जिनेश्वर..., अन्त–सत्तरि दुइ अधिक संबंध सोलहसइ अपह समच्छरि...', अ., ह. जयचन्द संग्रह, बीकानेर ४४९. कुर्मापुत्र चौपई, ? / क्षेमकीर्त्ति शाखा, रास चौपई, राजस्थानी, १६५७, 'आदि-ज्योति सकल अतिदीपता..., अन्त–पूरम पुत्र चरित्र सुणि रे...', अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ४५०. कुलध्वजकुमार चौपई, कमलहर्षगणि / मानविजयगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं, अ., ह. आचार्यशाखा भं., बीकानेर ४५१. कुलध्वजकुमार चौपई, विद्याविलासगणि / कमलहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७४२ लूणकरणसर, अ., ह. यति सुमेरमल संग्रह, भीनासर ४५२. कुलध्वजकुमार रास, उदयसमुद्र उ० / कमलहर्ष उ० पिप्पलक, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं अहमदाबाद, 'आदि-श्रुतदेवि समरु सदा..., अन्त–सम्बन्ध कुलध्वज मुनितणो...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. २६९ ४५३. कुलध्वजकुमार रास, धर्मसमुद्रगणि / विवेकसिंह उ० पिप्पलक, रास चौपई, राजस्थानी, १५८४, अन्त-संवत पनर चउरासीए...', अ., ह. सेठिया लाइब्रेरी, बीकानेर, कैलाशसागरसूरि ज्ञान मन्दिर, कोबा १३७३२ ४५४. कुलध्वजकुमार रास, राजसार / धर्मसोमगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७०४ हाजीखानदेरा, 'आदि-पारसनाथ प्रगट प्रभु..., अन्त-धन धन ऐहवा साधुने...', अ., उ. जैन गुर्जर कविओ भाग-२, पृ. १६९ ४५५. कुलध्वज रास रसलहरी, उदयसमुद्र उ० / कमलहर्ष उ०, रास चौपई, राजस्थानी, १८वीं अहमदाबाद, अ., ह. जिनभद्रसूरि ज्ञान भं., जैसलमेर ४५६. कुशलचन्द्रसूरिपट्टप्रशस्तिः , मणिचन्द्र / हीराचन्द्रसूरि, गुर्वावली, संस्कृत, २००७, आदि श्रीचिन्तामणिपार्श्वनाथमनिशं श्रीरामघाटस्थितम्..., अन्त-श्वेताम्बरीय यतिना मणिचन्द्रेण धीमता... गा. २८६', मु., गोपालचन्द्र जैन, काशी ४५७. कुसुमश्री महासती चौपई, जिनहर्षगणि / शान्तिहर्षगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १७१५, अ., ह. अभय ग्र., बीकानेर ४५८. कृतकर्म रास, लब्धिकल्लोल उ० / विमलरङ्गगणि, रास चौपई, राजस्थानी, १६६५ बब्बेर, 'आदि-अजर अमर अकलंक जिन..., अन्त-एह चरित्रथी संबंध उधर्यो...', अ., मुकुनजी संग्रह, बीकानेर, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा ४५९. कृतपुण्यचरित्र , पूर्णभद्रगणि / जिनपतिसूरि, चरित्र, संस्कृत, १३०५, आदि–प्रथमजिनवरेन्द्रः, अन्त-रमणभवसुमुनिपायसदानावसरे...', अ., ह. जिनभद्रसूरि भं., जैसलमेर २७०/२, हरिसागरसूरि ज्ञान भं., पालीताणा खरतरगच्छ साहित्य कोश For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.016106
Book TitleKhartargaccha Sahitya Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2006
Total Pages692
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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