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________________ अमरकोषः [प्रथमकाले विभावरीतमस्विन्यौ रजनी यामिनी तमी ॥४॥ १ तमिस्रा तामली रात्रिज्योत्स्नी चन्द्रिकयाऽन्विता। ३ आगाभिवर्तमानाहर्युक्तायां निशि पक्षिणी ॥५॥ ४ गणरात्रं निशा वह्वयः ५ प्रदोषो रजनीमुखम् । ६ अर्धरात्रनिशीधौ द्वौ ७ द्वौ यामप्रहरी समौ ॥ ६ ॥ ८ स पर्वसन्धिः प्रतिपत्पश्चदश्योर्यदन्तरम्। (+रात्री ), बियामा, क्षणदा, पा, विभावरी, तमस्विनी, रजनी(+ रजनिः), यामिनी, तमी ( + तमिः, तमा । १२ स्त्री), 'रात' के १२ नाम हैं ॥ १ तमिस्रा (स्त्री) 'अंधेरी रात' का । नाम है ॥ २ ज्योत्स्नी ( स्त्री ।+ ज्योत्स्ना, ज्योत्स्नी), 'उजेली रात' का १ नाम है। ३ पक्षिणी (स्त्री), 'वर्तमान और आगेके दिनसे युक्त रात' का : नाम है। तुल्यन्यायसे वर्तमान रात्रि और दूसरी रात्रिके सहित दूसरे दिन का भी यह नाम है ॥ गणरात्रम् (न ), 'रात्रियों के समूह' का नाम है ॥ . ५ प्रदोषः (पु), रजनीमुखम् (न), 'रातके पहले हिस्से के २ नाम हैं। ६ अर्धरात्रः, निशीथः (पु२), 'आधीरात' के २ नाम हैं। ७ यामः, प्रहरः ( २ पु०), 'प्रहर' के २ नाम हैं। (दिन और रातके भाठवें हिस्से अर्थात् तीन घण्टेका १ 'प्रहर' होता है')॥ ८ पर्व ( =पर्वन् , न । म०, 'पर्व = पर्वन् , सन्धिः , ये दो नाम या 'पर्वसन्धिः' यह एक नाम) 'प्रतिपद और पूर्णिमा या अमावास्याके मध्यभाग' का नाम है। • 'परिणी' पबतुल्याभ्यामहोभ्यां वेरिता निशा ।। इति ॥ 'परिणी' 'पूर्णिमायां स्यादिकायां शाकमेदिनि । भागामिवर्षमानाइजराभ्यामपि सियाम् ॥१॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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