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________________ संकीर्णवर्ग: २] मणिप्रभाव्याख्यासहितः । ४११ १-ज्यानिर्जीर्णो २ भ्रमो भ्रमौ। ३ स्फातिवृद्धौ ४ प्रथा ख्याती ५ स्पृष्टिः पृक्तौ ६ स्नवः सवे ॥९॥ १५ पधा समृद्धी ८ स्फुरणे स्फुरणा ९ प्रमिती प्रमा। १० प्रसूतिः प्रलवे ११ श्च्योत प्राधारः १२ कलमथः क्लमे ॥१०॥ १३ उत्कर्षोऽतिधये १४ सन्धिः श्लेषे १५ विषय आश्रये । , ज्यानिः, जोगिः, ( २ स्त्री), 'पुराना होने के २ नाम हैं ॥ २ भ्रमः (पु), भ्रमिः (स्त्री), 'भ्रमण करने के २ नाम हैं । ३ फातिः, वृद्धिः (२ स्त्री), 'बढने के नाम हैं। प्रथा, ख्यातिः, (२ श्री), 'प्रसिद्धि के २ नाम हैं। ५ स्पृष्टिः, पृतिः (२ वी), 'स्पर्श करने के २ नाम है ॥ ६ स्नकः, स्नवा (पु), 'धीरे धीरे चूने' के २ नाम हैं । ७ एषा ( + विधा), समृद्धिः (२ स्त्री). 'बढ़ने के २ नाम हैं । ८ स्फुरणम् ( + स्फुलनम, स्फोरणम, स्फारणम, स्फरस । न), स्कुरणा (स्त्री), 'फरकने के १ नाम हैं। ९ प्रमितिः, प्रमा ( ३ श्री), 'यथार्थ ज्ञान' के नाम हैं। १० प्रसूतिः (स्त्री), प्रसवः (५), 'बच्चा जनने (पैदा करने ) के २ नाम हैं। । श्च्योतः, प्राधारः (२), 'पानी भादिके धारासे चूने या बहने के २ नाम हैं। १२ क्लमयः, क्लमः ( २ ), 'ग्लानि, खेद' के १ नाम है ॥ ३ सत्कर्षः, अतिशयः (२५), 'उत्कर्ष, बड़ाई के २ नाम हैं। १४ सन्धिः , श्लेषः (१), 'जोड़, मेल' के नाम हैं । १५ विषयः, आश्रयः (+आशयः । पु), 'आश्रय, अवलम्ब' के १ नाम हैं। १. विषा समृसौ' इति पाठान्तरम् ॥ ३. 'भाशये' इति पाठान्तरम् ॥ २. 'कुमथुः' इत्यपपाठः' इति क्षी० स्वा०॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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