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________________ स्त्रियवर्गः ८], मणिप्रभाव्याख्यासहितः । २७३ १ पचत्रिध्व २ षडक्षीणो यस्तृतीयाद्यगोचरः। ३ विविक्तविजनच्छन्ननि शलाकास्तथा रहः ॥ २२॥ रहश्योपांशु चालिङ्गे ४ रहम्यं तद्भवे विषु । ५ समो विस्तम्भविश्वासी ६ भ्रषी भ्रंशा पथोचितात् ॥२३॥ ७ सप्रेषन्यायशास्तु देशरूपं समताम् । ८ युक्तमोपायक भजमानामनीतधत ॥ २४ ॥ ___ न्यायसं च त्रिपुष्ट ९ संप्रधारा तु समर्थनम् । १० अववादस्तु निर्देशो निदेशः शासन म सः ॥ २५ ॥ शिपिशाज्ञा च १ यहाँसे ५ शब्द निलम हैं। २ अषडक्षोग (नि), 'केवल दो आदमियोपी की हुई गुप्त सलाह' का नाम है ॥ ३ विविक्तः, विजन:, Eनः, निशाला (४ ) बहः ( = रहस् न), रहः ( = रहः ), उपांशु ( २ अन्य०), 'एकान्त' के ७ नाम हैं । ४ रहस्यम् (त्रि), 'रहस्य, छिपाने योग्य, सलाह आदि' का . नाम है। ५ विखम्भः ( + विश्रामः ), विश्वासः (२९), 'विश्वास' के २ नाम हैं। ६ श्रेषः (पु), 'अनुचित' का । नाम ॥ ७ श्रेषः, न्याय, कल्पः (पु), देशरूर , साम् (२ न ), 'न्याय' ५ नाम हैं। ८ शुक्तरऔपरिषम. लभ्यम्, भजमानम् अनीम , न्यायम (३ त्रि) 'न्याययुक्त कार्य या द्रव्यादि' के ६ नाम हैं । ९ संप्रधारणा (श्री), समर्थनम् (न). 'रक्षिा और अनुचितका विचारकर निश्चय करने २ नाम है ॥ १. अववादा, निदेशः निर्देश , (३ पु), शासनम (न), शिष्टिः, माज्ञा (२ स्त्री), 'आशा, हुक्म' के ६ नाम हैं । १. 'समौ विश्रम्मविश्वासौ' इति पाठान्तरम् ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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