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________________ १८८ अमरकोषः [द्वितीयकाण्डे१ कृताभिषेका महिषी २ भोगिन्योऽन्या नृपस्त्रियः। ३ पत्न' पाणिगृहीती च द्वितीया सहधर्मिणी ॥५॥ भार्याजायाऽथ'भूमिनदारा४स्यात्तु कुटुम्बिनी । पुरन्ध्री ५ उवरित्रा तु सती साध्वी पतिवता ॥६॥ ६ 'कृतसापत्नि काऽध्यूढाऽधिविनाथ स्वयंवरा । पतिवरा च वर्याsथ कुलस्त्री कुलपालिका ।। ७ ।। ९ कन्या कुमारी १ महिषी (स्त्री), 'पटरानी' का । नाम है । ("जैसे वासवदत्ता,...)॥ १ भोगिनी (स्त्री), 'पटरानियोंसे भिन्न रानियो' का १ नाम है । ('जैसे-पद्मावती, ......") ३. पती, पाणिगृहीती, द्वितीया, महधर्मिणी ( + सधर्मिणी, सहचरी), भार्या, 'जाया ( ६ स्त्री), दाराः ( = दार, पु नि० ब० व०। + दारा - श्री ), न्याही हुई स्त्री' के ७ नाम हैं । ____४ कुटुम्बिनी, पुरन्ध्री ( + पुरन्ध्रिः, मु.), 'पति-पुत्रवाली स्त्री' के २ नाम हैं। ५ सुचरित्रा, सती, साध्वी, पतिव्रता (४ सो) 'पतिव्रता स्त्री' के ४ नाम हैं। ६ कृतसापत्रिका ( + कृतसापनका), अध्यूढा, अधिविधा ( ३ स्त्रो) अनेक विवाह किये हुए पुरुषकी पहली स्त्री' के ३ नाम हैं । ___स्वयंवरा, पतिवरा, वर्या ( ३ स्त्री) 'जिसके लिये स्वयंवर किया गया हो उस कन्या के ३ नाम हैं। ८ कुलसी, कुलपालिका ( २ स्त्री) 'कुलीन स्त्री' के २ नाम हैं । ९ कन्या, कुमारी (२ स्त्री)'प्रथम अवस्थाबाली या काँरी लड़की' के २ नाम हैं। १. कृतसापत्नकाऽध्यूढा-' इति पाठान्तरम् ॥ २. जायायास्तद्धि जायात्वं यदस्यां जायते पुनः' इति मनुः ॥ ३. क्रोडा दारा तथा दारा त्रय एते यथाक्रमम् । कोडे दारे च दारेषु शम्दाः प्रोक्ता मनीषिभिः ॥१॥ युक्तः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016095
Book TitleAmar Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovind Shastri
PublisherChaukhamba Amarbharti Prakashan
Publication Year1968
Total Pages742
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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