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________________ गुर्जर कोशल ६०५ कोशल, कोसल पुं० एक देश; उत्तर बळरामना जातसंस्कार तेमणे करेला. अने दक्षिण एवा तेना बे विभाग हता. मोटा ज्योतिषी. उत्तर कोशलनी राजधानी श्रावस्ती गंगा स्त्री० भारतनी पवित्र नदी तथा अने दक्षिण कोशलनी अयोध्या. तेनी अधिष्ठाता देवता. ते देवता कौशल्या, कौसल्या स्त्री० दशरथनी ब्रह्माना शापथी पृथ्वी उपर आवी अने पत्नी; रामनी माता. शंतनु राजानी प्रथम पत्नी बनी. कौशांबी स्त्री० वत्स देशनी राजधानी. तेने आठ पुत्रो थया, तेमांनो सौथी अत्यारना कोसम नजीक (अलाहा- नानो भीष्म. ('भगीरथ' तथा 'जन' बादनी उपर ३० माईल) आवेली; पण जुओ) यमुनाने डाबे किनारे. गाधि पुं० विश्वामित्रना पिता. इंद्रनो कौशिकी स्त्री० बिहारनी एक नदी अवतार. ('पारा'); दरभंगानी पूर्वे. तेने गाधिपुर न० कनोज. कांठे ऋष्यशृंगनो आश्रम हतो. गांधार पुं० (कंदहार) भारत अने क्षेमेंद्र पुं० ११ मा सैकानो एक ईरान वच्चनो देश. काबुल नदीने काश्मीरी लेखक; 'भारतमंजरी', किनारे तथा खोसपस (कुनार) अने 'बृहत्कथामंजरी' वगेरेनो कर्ता. सिंधु नदीनी वच्चे आवेलो. तेनी खर पुं० एक राक्षस; रावणनो राजधानीओ पुरुषपुर (पेशावर) अने संबंधी; जनस्थानमा रहेतो हतो. तक्षशिला. रामे तेने वनवास वखते हण्यो हतो. गांधारी स्त्री० गांधार देशना राजा खरोष्ट्र आज- काशगर. सुबळनां पुत्री अने धृतराष्ट्रनां पत्नी; खांडव (वन, प्रस्थ) न० कुरुक्षेत्र कौरवोनां जननी. पति अंध होवाथी प्रदेश- एक वन; अर्जुने तेने बाळयु पोते पण लग्न बाद आंखे पाटा बांधी हतुं; त्यां पछी पांडवोए इंद्रप्रस्थ राखतां. राजधानी वसावेली. गिरिव्रजपुर न० बिहारनुं राजगिर. गणेश पुं० शिव अने पार्वतीना पुत्र; मगधनी प्राचीन राजधानी. बौद्ध मस्तक हाथीनु; सर्व मांगलिक कार्यो- ग्रंथोमां तेनुं 'राजगृह' नाम आवे छे. नी शरूआतमा तेमनी स्तुति थाय छे. गुणाढ्य पुं० भारतनो आगेवान परशुराम साथेनी लड़ाईमां एक वार्ता-लेखक. तेनी मूळ बृहत्कथा दंतूशळ तूटी गयेलो तेथी 'एकदंत' 'पैशाची प्राकृत'मां लखायेल. तेना पण कहेवाय छे. उंदर तेमनुं वाहन. उपरथी सोमदेवे 'कथासरित्सागर' व्यासजी पासे बेसी 'महाभारत'नी रच्यू. ई. स. ना प्रथम सैकामां हस्तप्रत तेमणे लखेली. गोदावरी तीरे प्रतिष्ठानमां थई गयो. गरुड पुं० कश्यप अने विनतानो पुत्र, गुर्जर पुं० गुजरात. पहेलां तेमां खानअरुणनो नानो भाई. पक्षीओनो राजा देश अने माळवाना मोटा भागनो अने सर्पोनो दुश्मन. सफेद मुख, लाल समावेश थतो. ह्य एनत्सांगना समयमां पांखो, अने सोनेरी शरीर. विष्णुनुं सौराष्ट्रनो समावेश तेमां नहोतो वाहन. करातो. आज- मारवाड ते वखते उपाध्याय. कृष्ण 'गुर्जर' नामथी ओळखातुं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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