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________________ L वध्यस्थान ittle बध्यस्थान न० जुओ ‘वध्यभू' । बघ्र न०, वध्री स्त्री. चामडानी दोरी वन् १५० संमानवू; आदर करवो(२) मदद करवी (३) अवाज करवो (४) लीन होवू (५) ८ उ० याचवू; मागवू (६) शोषवू; मेळववा इच्छयूँ वन न० जंगल (२) झुंड; समुदाय (३) पाणी (४)निवासस्थान [रहेतुं वनकाम वि० वननी रुचिवाळू; वनमां वनग वि. जंगलनुं वतनी वनगज पुं० जंगली हाथी वनगहन न० जंगलनो गीच भाग वनग्रहण न० वनने घेरो घाली अवर जवर बंध करवो ते वनवाहिन् पुं० वनने घेरीने हाकोटा करनारो (शिकार माटे) वनचर वि० वनमा रहेनारु-विचरनारं (२)पुं० अरण्यवासी (३)जंगली प्राणी वनज्योत्स्ना स्त्री० एक प्रकारनी फूलवेल वनदेवता स्त्री० बननी अधिष्ठाता देवता बनधारा स्त्री० झाडोनी पंक्ति वनप पुं० वननो रखवाळ वनप्रस्थ वि० वानप्रस्थ (२)पुं० माळनी ऊंची जमीन उपरनुं जंगल वनबहिण पुं० जंगली मोर वनमाला स्त्री० वननां पुष्पोनी माळा (बींचण सुधी लटकती) बनमालिन् पुं० श्रीकृष्ण [वादळ वनमुच् वि० पाणी वरसावतुं (२) पुं० बनराजि(-जी) स्त्री० वृक्षोनी पंक्ति के जूथ (२) वननो लांबो प्रदेश (३) वननी पगदंडी वनरह न० कमळ बनलता स्त्री० वननी वेली वनतिका स्त्री० बटेर पक्षी वनवास पुं० वनमां वसवू ते (२)जंगलनु जीवन (३) वनवासी माणस वनश्वन् पुं० वाघ (२) शियाळ वन्येतर वनसद् पुं० वनवासी; जंगलनो माणस वनस्थ पुं० तपस्वी (२) हरण बनस्थली स्त्री० वननो प्रदेश के भूमि बनस्पति पुं० मोटुं जंगलनुं झाड (खास करीने जेने फूल वगर फळ बेसे) (२) कोई पण वृक्ष (३)यड (४) थांभलो वनापगा स्त्री० जंगलनो वहेळो वनाब्जिनी स्त्री० पाणीनी अंदर थती कमळनी वेल वनायु पुं० जेना घोडा वखणाय छे तेवो एक प्रदेश (२) पुरूरवानो पुत्र बनायुज पुं० 'वनायु' प्रदेशनो घोडो (अरबी?) [वनमां उजाणी वनाश वि० पाणी उपर जीवतुं(२)पुं० चनांत पुं० वननो छेडो-किनारो(२) वनप्रदेश [भाग वनांतर न० बीजुं वन(२)वननी अंदरनो वनिका स्त्री० उपवन [पूजेलं वनित वि० याचेलं; मागेलुं (२) सेवेलुं; वनिता स्त्री॰ स्त्री (२)पत्नी (३)प्रिया वनिष्णु वि० याचनाएं; याचतुं बनी स्त्री० झाडी वनीपक, वनीयक पुं० मागण; याचक वनेचर वि० वनमा रहेतुं-फरतुं (२)पुं० वनवासी माणस (३) तपस्वी (४) जंगली प्राणी (५) राक्षस वनोपप्लव पुं० दावानळ [जंगली प्राणी वनौकस् पुं० वनवासी (२)तपस्वी (३) वन्य वि० वनने लगतुं वनमा पेदा थतुं (२) पाळेलु नहि तेवू; जंगली (३) लाकडा, (४)पुं० जंगली प्राणी (५) जंगली छोड (६) वानर (७) न० वननी पेदाश (फळ, फूल इ०) वन्यवृत्ति वि० जंगलना आहारथी जीवतुं वन्या स्त्री० मोटुं वन; झाडीओनो समुदाय (२) पूर वन्याश्रम पुं० वानप्रस्थाश्रम वन्येतर वि० जंगली नहि तेवू-पाळेलु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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