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________________ माँउच मोग्य न० माथु मूंडी का ते (२) टालियापणं म्ना १ ५० [मनति] मनमां गोखq (२) खंतथी अभ्यास, म्रक्ष १५० घस, (२) ढगलो करवू (३) मारवू (४) १० उ० ढगलो करवो (५)घसद् (६)अस्पष्ट बोलवू नक्षित ('म्रक्ष्' नुं भू० कृ०) वि० घसेलं; खरडेलु नदिमन् पुं० कोमळता; मृदुत्व म्लात वि० करमाई गयेलु (२) झांखुं पडी गयेलं; ऊडी गयेखें म्लान ('म्ल' नुं भू० कृ०) वि० करमायेलं ; चीमळायेलु (२) थाकेलं (३) कृश के क्षीण थयेलं (४) खिन्न थयेलु (५) मेलुं; काळु यज्ञभृत् म्लानवीड वि० बेशरम म्लानि स्त्री० झां पडवू, करमावू के चीमळावं ते (२) थाक; खिन्नता (३) काळापणुं [ओछु थतुं म्लायिन् वि० कृश थतुं ; करमातुं (२) म्लेच्छ १५०, १० उ० अस्पष्ट बोल; जंगलीनी पेठे बोलवं म्लेच्छ पुं० आर्य नहि तेवो (संस्कृत भाषा स्पष्ट न बोलतो); परदेशी (२) बहिष्कृत माणस; दुष्ट ; पापी म्लेच्छभोजन पुं० घउं (२) न० जव म्ल १५० करमावं; चीमळावू (२) खिन्न थर्बु (३) थाकी जq (४) दुबळा पडवू (५) अदृश्य थq; ऊडी जq (६) क्षीण थq म्लेच्छ १५०, १० उ० जुओ ‘म्लेच्छ' यकृत् न० काळजु; 'लीवर' यत् १ था० पूजवू; आदर करवो (२) १५० झडप करवी यक्ष पुं० कुबेरना सेवक गणाता देवोनो वर्ग (२) न० प्रेत यक्षकर्दम पुं० केसर, अगरु, कस्तूरी, कपूर अने चंदन ए पांच पदार्थोनो समभागे बनावेलो खुशबोदार लेप यक्षराज (-ज) पुं० कुबेर यक्षिणी स्त्री० यक्ष स्त्री यक्षी स्त्री० यक्ष स्त्री (२) कुबेरनी पत्नी (३) यक्षोनो वर्ग यक्षेश्वर, यक्षंद्र पुं० कुबेर यक्ष्म, यक्ष्मन् पुं० क्षयरोग यज् १ उ० यज्ञ करवो (२) होम करवो (जे देवने अर्थे होम कराय ते द्वितीया विभक्तिमां आवे, जे वस्तुनो होम कराय ते तृतीयामा) (३) पूजवू यजत्र पुं० अग्निहोत्र करनार यजन न० यज्ञ करवो ते (२) यज्ञ (३) यज्ञस्थान यजमान पुं० पैसा आपी ऋत्विज पासे यज्ञ करावमारो (२) मिजमान (३) कुटुंबनो वडो यजिन वि० यज्ञ करनारु (२) पूजनाएं यजुर्वेद पुं० त्रणमांनो बीजो वेद (ऋग् यजुर्-साम०) [छे) (२) यजुर्वेद यजुस् न० यजुर्वेदनो मंत्र (गद्यमां होय यज्ञ पुं० आहुति होमी देवने पूजवानुं वेदोक्त कर्म (२) वैश्वदेवादि स्मात कर्म (३) विष्णु (४) अग्नि यज्ञद्रव्य न० यज्ञमां वपराती वस्तु यज्ञधीर वि० यज्ञविधिनुं जाणकार यज्ञभागभुज पुं० देव यज्ञभागेश्वर पुं० इंद्र यज्ञभावित वि० यज्ञ वडे पूजेलं के सत्कारेखें; यज्ञ वडे संतुष्ट थयेलं यज्ञभृत् पुं० विष्णु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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