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________________ मनस्तः अ० मनमाथी मनस्ताप पुं० मानसिक संताप के पीडा मनस्विन् वि० डायु ; बुद्धिशाळी; कुशळ (२) उदार चित्तवाळू (३) एकाग्र (४) स्थिर के दृढ मनवाळं मनस्विनी स्त्री० धीर चित्तवाळी स्त्री (२)अभिमानी स्त्री(३)शीलवती स्त्री मनःकृ ८ उ० –नी उपर मन स्थिर करवू; -नी प्रत्ये मन वाळवं मनःपूत वि० पोताना अंतरात्माए मान्य करेलु के शुद्ध मानेलं मनःप्रसाद पुं० मननी प्रसन्नता मनःशल्य न० मनमा शूळ जेवी चिंता मनःशिल पुं०, मनःशिला, स्त्री० एक खनिज पदार्थ (लाल रंगनो) . मनःशीघ्र वि० मन जेटलं वेगवंत मतःस्थैर्य न० मननी स्थिरता-दृढता मनाक अ० अल्प के थोडं होय तेम (२) धीमेथी (३) फक्त; मात्र . .... मनाका स्त्री० हाथणी मनीषा स्त्री० इच्छा; कामना (२)बुद्धि; समजशक्ति (३) विचार; ख्याल मनीषित वि० इच्छेलं; चाहेलू (२) प्रिय ; मनगमतुं (३) न० इच्छा (४) इच्छेली वस्तु मनीषिता स्त्री० डहापण मनीषिन वि० शाणुं; डाहयु (२)ज्ञानी; विचारवंत (३)पुं० ज्ञानी ऋषि मनु पुं०विवस्वतना पुत्र; मानवकुळना पिता (२) ब्रह्माना चौद पुत्रोमांना दरेक (३)मंत्र(४)ब० व० मानसिक शक्तिओ मनुज पुं० मनुष्य; माणस मनुष्य वि० माणसने हितकर एवं (२) पुं० मानव; माणस मनुष्यकार पुं०मनुष्यनो पुरुषार्थ-प्रयत्न मनुष्यजाति स्त्री० माणस जात मनुष्यता स्त्री०, मनुष्यत्व न० माणस तरीकेनो जन्म मनोरणांतर मनुष्यदेव पुं० राजा(२) ब्राह्मण मनुष्यधर्मन् पुं० कुबेर मनुष्ययज्ञ पुं० (मनुष्ये करवाना पांच यज्ञो पैको एक) अतिथिसत्कार मनुष्ययान न० पालखी; म्यानो मनुष्यशोणित न० माणसनुं लोही मनुष्यश्वर पुं० राजा मनोगत वि० मनमां आवेलुं के रहेलं; मनमां छुपावेलु (२) इच्छेलं (३) न० इच्छा (४) विचार; ख्याल मनोग्राहिन वि० मनने मोहनारं मनोज, मनोजन्मन् वि० मनमां जन्मेलं के जन्मतुं (२)पुं० कामदेव मनोजव वि० मनना तरंग जेटलं झडपी (२)झट समजी ले तेवं मनोजिघ्र वि० सामाना विचारो समजी के कल्पी लेनाएं मनोज्ञ वि० सुंदर; मनगमतुं मनोनिग्रह पुं० मननो संयम के निग्रह मनोनीत वि० पसंद करेलु; गमतुं मनोनुग वि० मनने अनुकूळ; मनगमन मनोभव वि० मनमां उत्पन्न थयेलं; मनथी कल्पी लीधेलु (२) पुं० कामदेव (३) तीव्र कामना मनोभिराम वि. मनने प्रसन्न करे ते मनोभू पुं० कामदेव; मदन मनोयायिन् वि० मनना तरंग प्रमाणे जतुं (२) मनना विचार जेटलं वेगोल मनोरय पुं० इच्छा (२) इच्छेली वस्तु मनोरथकृत वि० स्वेच्छाए पसंद करेलु (जेम के पति) मनोरथदायक पुं० एक कल्पवृक्ष मनोरथद्रुम पुं० कल्पवृक्ष मनोरथबंध पुं० मनोरथ बांधवा ते मनोरथबंधबंधु, मनोरथबंधु पुं० कामना तृप्त करनार मित्र मनोरथसिद्धि स्त्री० इच्छा पूरी थवी ते मनोरथांतर पुं० अंतरथी इच्छेली वस्तु के व्यक्ति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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