SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 341
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्राछ प्राछ् वि० पूछतुं; तपास करतुं प्राजन पुं०, न० परोणो; चाबुक प्राजापत्य वि० प्रजापति (ब्रह्मा) संबंधी (२) प्रजापतिथी जन्मेलु (३)पुं० आठ विवाहप्रकारोमांनो एक (जेमां कन्यानो पिता वर पासेथी कशं लीधा विना कन्यादान करे छे) प्राज्ञ वि० प्रज्ञावान; बुद्धिशाळी (२) डाहयुं; शाणुं (३)पुं० डाह्यो के विद्वान माणस (४)जीव-चेतन (५) परब्रह्म । प्राज्य वि० घणुं; अतिशय ; पुष्कळ (२) मोटुं (३) महत्त्व-; ऊंचं प्राविवाक पुं० न्यायाधीश प्राण २ प० श्वास लेवो (२)जीववं प्राण पुं० श्वास (२)जीवनशक्ति (३) देहमा रहेला पांच प्राणवायु (ब०व०; प्राण-अपान-समान-व्यान-उदान) (४) वायु (५) सत्त्व; बळ (६) जीव (७)परमात्मा (८)इंद्रिय (९) प्राण समान प्रिय जे काई होय ते (१०) जीवन (११) अन्न प्राणकर्मन् न० प्राणोनुं कार्य प्राणघातक वि० प्राणनो नाश करनारु प्राणत्याग पुं० आत्महत्या (२)मोत । प्राणदक्षिणा स्त्री० जीवतदान प्राणदयित पुं० पति प्राणदान न० बीजाने माटे प्राण अर्पण करवा ते (२)जीवतदान प्राणदायक वि० जुओ 'प्राणप्रद' प्राणद्रोह पुं० प्राण लेवा ताकवु ते । प्राणधारण न० जीवननिर्वाह (२) तेनुं साधन (३) जीवनशक्ति प्राणपति पुं० प्रियतम (२) पति (३) जीव (४)वैद्य [तेवू प्राणपरिक्षीण वि० मृत्यु नजीक होय प्राणपरिग्रह पुं० जीवन; अस्तित्व प्राणप्रद वि० सजीवन करनारुं (२) जीव बचावनाएं प्रातिभ प्राणप्रिय पुं० पति (२)प्रियतम प्राणभृत् वि० प्राणधारी (२)पुं० प्राणी प्रागमोक्षण न० मृत्यु (२)आपघात प्राणयात्रा स्त्री० जीवननिर्वाह प्राणवत् वि० प्राणयुक्त; जीवतुं (२) बळवान ; शक्तिशाळी प्राणवल्लभा स्त्री० पत्नी (२)प्रियतमा प्राणसमा स्त्री० पत्नी जोखम प्राणसंदेह पुं० जीवनुं जोखम; मोटुं प्राणसार वि० प्राणवान; सबळ प्राणहर, प्राणहारिन् वि० प्राण हर नारु; घातक प्राणाघात पुं० हिंसा प्राणातिपात पुं० प्राणवध; हिंसा प्राणात्यय पुं० जीव जवो ते ; मृत्यु प्राणायाम पुं० श्वासने रोकवो ते (एक योग-प्रक्रिया) प्राणांतिक वि० प्राणघातक; मारक (२) मरतां सुधीन; जीवन साथे पूर्व थाय तेवू (३)न० खून [सजीव प्राणी प्राणिन् वि० प्राणवाळं; सजीव (२)पुं० प्राणेश पुं० पति (२) प्रियतम प्राणेशा स्त्री० पत्नी (२) प्रियतमा प्राणेश्वर पुं० जुओ प्राणेश' प्राणेश्वरी स्त्री० जुओ 'प्राणेशा' प्रातर् अ० सवारे (२) बीजे दिवसे सवारे प्रातराश पुं० सवारे करातो नास्तो प्रातस्तराम् अ० वहेली सवारे प्रातस्त्य वि० वहेली सवारनुं प्रातःकाल पुं० प्रभातनो समय ; परोढ प्रातःप्रहर पुं० दिवसनो पहेलो पहोर प्रातिकामिन् पुं० दास के दूत प्रातिपक्ष वि० विरोधी; ऊलटुं (२) दुश्मनावटभर्यु; बेरी प्रातिपक्ष्य न० वेर; दुश्मनावट प्रातिपौरुषिक वि० बधा पुरुषोने सामान्य एवं (२)पुरुषार्थ के पराक्रम संबंधी ज्ञान प्रातिभ न० प्रतिभाथी थतुं साहजिक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy