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________________ प्रदीपन प्रदीपन न० सळगावq ते (२) उजाळवं ते (३) उश्केर ते प्रदीप्त वि० सळगेलं; प्रकाशित (२) ऊंचु करेलु ; फेलायेल (३) उश्केरायेलं प्रदुष् ४ प० दूषित थq; बगडवू; भ्रष्ट थर्बु (२)पाप के अपराध करवो -प्रेरक भ्रष्ट करवं (२) दोष काढवो प्रदुष्ट वि० भ्रष्ट थयेलं (२) दुष्ट ; पापी (३) स्वच्छंदी [करते प्रदूषण न० भ्रष्ट करवं ते; अपवित्र प्रदश् १ प० [प्रपश्यति] जोवू; निहाळवू (२) विचारवं; मानवं प्रदेय वि० आपवान (२) जणाववानुं (३)परणाववानु (४)पुं० भेट प्रदेश पुं० दर्शावq के सूचवq ते (२) देश ; विभाग; प्रांत (३)स्थान ; स्थळ (४)अंगूठो अने तर्जनी फेलावतां जेटलं अंतर थाय ते [आंगळी - तर्जनी प्रदेशनी, प्रदेशिनी स्त्रो० अंगूठा पासेनी प्रदेष्ट पुं० न्यायाधीश प्रदोष वि० दुराचारी; भ्रष्ट (२) पुं० दोष; पाप ; गुनो (३) बळवो; अंधाधूंधी (४) रातनी शरूआतनो भाग प्रदोषक पुं० सांज प्रदोषतिमिर न० समीसांज- अंधारूं । प्रद्युम्न पुं० श्रीकृष्णनो पुत्र (कामदेवनो अवतार मनाय छे) प्रद्योत पुं० प्रकाश; तेज (२) किरण (३) उज्जयिनीनो प्रसिद्ध राजा प्रदु १५० नासी जq; दोडी जq (२) सामे वेगथी घसवू (३)हुमलो करवो प्रद्रेक १ आ० हणहणवू प्रद्वार स्त्री०, प्रद्वार न० बारणा के दरवाजा आगळनो भाग प्रद्विष् २ उ० द्वेष करवो प्रवेष पुं०, प्रद्वेषण न० द्वेष ; धिक्कार प्रषन न० युद्ध; लडाई(२)विनाश प्रषनाघातक वि० लडाई ऊभी करनारुं प्रधनांगण न० रणक्षेत्र प्रध्वंसिन् प्रवर्ष पुं० बळात्कार; हुमलो प्रषर्षक पुं० हुमलो करनार(२)पजवनार प्रघर्षण न०, प्रवर्षणा स्त्री० हुमलो; बळात्कार (२)अपमान; अनादर प्रधषित वि० हुमलो करायेलं; पराभव पमाडेलु (२)तुमाखीवाळं प्रधान वि० मुख्य ; श्रेष्ठ (२)पुं०, न० राजानो मुख्य मंत्री; वजीर (३) उमराव (४) महावत (५) सेनाध्यक्ष (६) न० अगत्यनी मुख्य वस्तु (७) सत्त्व-रज-तम ए त्रण गुणोनी साम्यावस्थारूप मूळ प्रकृति; जगतनुं मुख्य भौतिक कारण (सांख्य०) प्रषानेन अ० मुख्यपणे प्रधारणा स्त्री० एक वस्तु उपर मनने स्थिर करवं ते प्रधाव् १ उ० आगळ दोडवू; दोडी जवू (२) प्रसरी जq (३) धोवू; साफ करवू(४)लूछी नाखवू प्रधि ० पैडानो गोळ घेरावो प्रधी वि० उत्तम बुद्धिवाळं (२) स्त्री० उत्तम बुद्धि प्रपूपित वि० आपेलुं (२) तपावेलु (३) प्रगटावेलं; सळगावेलु (४)संतापेलं । प्रष १० उ० मूकवू; स्थिर करवू (२) निरधारवं; नक्की करवं प्रषष् ६५० हुमलो करवो (२) पजव, (३)ताबे करवू; हरावq -प्रेरक० हुमलो करवो (२) बळात्कार करवो (३)बरबाद करवू प्रध्मा १ प० [प्रधमति] फूंकवू (२) नाश करवो प्रध्यान न० ऊंडु ध्यान; चिंतन प्रध्ये १ उ० ध्यान धर; चितवq (२) विचारी काढवू; योजवं प्रध्वस्त वि० पूरेपूरु नष्ट प्रध्वंस १ आ० ध्वंस थवो; नाश पामवं प्रध्वंस पुं० विनाश प्रध्वंसिन् वि० नाशवंत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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