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________________ परेत परिस्फुरित २७३ परिस्फुरित वि० कंप; हालतुं (२) परीत वि० घेरायेलं; वीटळायेलं (२) चळकतुं; चमकतुं (३) खोलेलं विदाय थयेलु (३) वीतेलु (४) पकपरिस्थंद पुं० जुओ 'परिष्यंद' डायेल (५) प्रदक्षिणा करायेलं परिस्रव पुं० वहेवं ते; रेलो (२) सरी परीताप पुं० जुओ 'परिताप' के सरकी जq ते परीतोष पुं० जुओ 'परितोष' परिनुत वि० झमेलं; टपकेलं परीदाह पुं० जुओ 'परिदाह' परिहत वि० ढोलुं थयेलु – करेलु परीधान न० जुओ 'परिधान' परिहस् १ प० हसवं; मजाक करवी परीपाक पुं० जुओ 'परिपाक' (२) चडियाता थq; हसी काढवू । परीप्सा स्त्री० मेळववानी-प्राप्त करपरिहा ३ प० तजवं; छोडी देव वानी इच्छा (२) ताकीद; त्वरा --कर्मणि० -थी ऊतरता होQ (२) परीप्सु वि० संरक्षवानी इच्छावाळं -मां अधूरा होवू; -थी रहित होवू (२) शोधी काढवानी इच्छावार्छ (३) क्षीण थq; दुबळं थर्बु (४) परीभव पुं० जुओ परिभव' वीती जवं (५)-थी रहित करावं परीमाण न० जुओ 'परिमाण' परिहाणि (-नि) स्त्री० घटाडो (२) परीवर्त पुं० जुओ 'परिवर्त' क्षीण थq ते परीवाद पुं० जुओ 'परिवाद' परिहार पुं० छोडी देवू - छांडवं ते; परीवार पुं० जुओ 'परिवार' दूर करवू ते (२) निराकरण करवू ते परीवाह पुं० जुओ 'परिवाह परिहार्य वि० तजवा के छांडवा योग्य परीवेश (-) पुं० जुओ 'परिवेश' परिहास पुं० मजाक ; ठछो (२) हांसी परीष्ट वि० इच्छवा योग्य ; उत्तम परिहीण वि० -विनानु; रहित (२) परीष्टि स्त्री० शोध-खोळ ; तपास (२) ओछ; अधूरूं; खूटतु सेवा ; चाकरी (३) पूजा-आदर परिह १५० दूर करवू; वर्जg; तजवं परीहार पुं० जुओ परिहार' (२) खंडन करवू; जवाब आपवो परीहास पुं० जुओ 'परिहास' (आक्षेप के आरोपनो) (३)छुपाव परुत् अ० गये वर्षे; परार परिहत वि० त्यागेलं; छांडेल (२) परुष वि० कर्कश; खरबचई (२) दूर करेलं (३) लीधेलं; पकडेलु निष्ठुर; निर्दय (३) तीव्र ; तीj परी (परि + इ) २ प० प्रदक्षिणा परुषाक्षर वि० कठोर शब्दो बोलनारुं करवी (२) वीटळावं; घेराई वळवू परुषित वि० जेनी प्रत्ये कठोरताथी (३) विचारवं ; निरीक्षण करवं वर्तवामां आव्युं होय तेवू परोक्ष (परि + ईक्ष) १ आ० परीक्षा परुषेतर वि० कर्कश नहि तेवू; कोमळ करवी; चकासणी करवी परे (परा+इ) २ प० नासी जवं; परीक्षक पुं० परीक्षा करनार; तपासनार भागी छूटवू (२)पामवं; पहोंचवू (३) परीक्षण न० परीक्षा करवी ते मरण पाम परीक्षा स्त्री० तपास (२) कसोटी परे अ० त्यार पछी (२) भविष्यमां परीक्षित वि० परीक्षा करेलं ; चकासेलु परेण अ० दूर; पार (२) -ना करता परीणाम पुं० जुओ 'परिणाम' वधु (३) पछीथी परीणाह पुं० जुओ 'परिणाह' परेत वि० मृत (२) पुं० (भूत) प्रेत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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