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________________ जरायुज १७९ जवा जरायुज पुं० गर्भाशयमांथी उत्पन्न थतुं जलवाहक पुं० पाणी भरनारो प्राणी (मनुष्य, पशु वगेरे) जलाय, जलशयन, जलशायिन् पुं० जरित वि० वृद्ध; अशक्त विष्णु तळाव; जळाशय जर्जर, जर्जरित वि० वृद्ध (२) जीर्ण जलस्थान न०, जलस्थाय पुं० सरोवर; थयेलु (३) पीडित; त्रस्त; घायल जलाकर पुं० झरो जल वि० जड; बेवकूफ जलागम पुं० वर्षाऋतु जल न० पाणी जलात्यय पुं० शरद ऋतु जलकुक्कुट पुं० जळकूकडी जलाधिप पुं० जळनो देव - वरुण जलकेलि पुं०, स्त्री० पाणीमां के पाणी जलाई वि० भीनुं (२)न० भीनुं वस्त्र वडे रमवू ते अंजलि जलावर्त पुं० पाणी- वमळ - भमरो जलक्रिया स्त्री० पितृओने अपाती जलाशय वि० जळमां सूनाएं - आराम जरपीडा स्त्री० धुओ 'जलकेलि' करनारु (२) मूर्ख; बेवकूफ (३) पुं० जलचर, जलचारिन् पुं० जळचर प्राणी सरोवर; तळाव; समुद्र (४)माछलं जलज वि० पाणीमां जन्मेलं - उत्पन्न जलाश्रय पु० तटाव (२) पाणीमां बांधेलु थयेलु (२) पुं० जळचर प्राणी; माछलुं घर पितृओने अपाती जलांजलि (३) चंद्र (४)शेवाळ (५)पुं०,न० शंख जलांजलि पुं० पाणीनी अंजलि (२) जलजंतु पुं० माछलं वगेरे जळचर प्राणी जलका स्त्री० जळो जलजीविन पुं० माछीमार जलेश पुं० वरुण जलतरंग पुं० पाणी, मोजें जलेशय पुं० विष्णु जलद पुं० मेघ; वादळ जलेश्वर पुं० वरुण जलदागम पुं० वर्षाऋतु जलोका, जलौका स्त्री० जळो जलवर पुं० मेघ (२) समुद्र जल्प १५० बोलवू; वात करवी (२) जलधि पुं० समुद्र (२) एक संख्या बडबडवू; अस्पष्ट बोलवू (एकडा उपर पंदर मींडां जेटली) जल्प पुं० कथन; वातचीत (२) बकजलधिज पुं० चंद्र वाद (३)तत्त्वनिर्णयनी इच्छाथी नहि जलनिधि पुं० समुद्र पण परपक्ष-खंडन अने स्वपक्ष-मंडननी जलपटल न० मेघ; वादळ इच्छाए करेलो वाद (न्याय०) जलप्रदान न० पूर्वजोने जलांजलि जल्पक वि० बोल बोल करनारु (२) जलप्रपात पुं० धोध बकवाद करनारं जलमुच पुं० मेघ; वादळं जल्पन वि० बोलतुं (२) बकवाद करतुं जलयंत्र न० पाणीनो फुवारो (२) रेंट (३) न० कथन (४) बकवाद जलयंत्रमंदिर न० पाणीमां बांधेलं जल्पित वि० बोलेलं; कहेलु (२) न० अथवा फवारावाळं मकान ; ग्रीष्मगृह वातचीत (३) बकवाद जलयात्रा स्त्री० दरियाई मुसाफरी जव पुं० त्वरा; उतावळ; वेग जलयान न० नौका; वहाण जवन वि० वेगीलं; झडपी (२) न० जलराशि पुं० महासागर; समुद्र त्वरा; वेग जलरुह, (ह) न० कमळ जवनिका, जवनी स्त्री० पडदो; चक जलवाह पुं० मेघ (२)पाणी भरनारो जवा स्त्री० जुओ 'जपा' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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