SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 183
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चलुक क्षुब्ध (२) खसेडेलु (३) गयेलु (४) न० चालवू ते (५)हालवूते (६) एक नृत्य चलुक पुं० हाथनो खोबो (कोगळो करवातुं पाणी लेवा माटे) चषक पुं०, न० दारू पीवानुं पात्र चषति पुं० भक्षण (२)वध ; नाश चंक्रमण न० आम तेम फरवू ते चंग वि० सुंदर (२)निपुण (३)तंदुरस्त चंच १५० हालवू (२)कूदवं; ऊछळवू चंचक वि० कूदतुं (२) हालतुं चंचरिन्, चंवरीक पुं० मोटो भमरो चंचल वि० कंपतु; हालतुं (२) अस्थिर चंचला स्त्री० लक्ष्मी (२) वीजळी चंचु वि० प्रख्यात; जाणीतुं (२) चतुर चंचु (-च) स्त्री० चांच चंचूर्यमाण वि० बीभत्स चाळा करतुं चंड वि० क्रोधी (२) उष्ण (३) भयंकर चंडम् अ० तीव्रपणे; भयंकर रीते; गुस्साथी चंडा स्त्री० दुर्गा (२) क्रोधी स्त्री चंडाल वि० निर्दय ; घातकी (२) पुं० एक जातनो अंत्यज चंडांशु पुं० सूर्य चंडि, चंडिका स्त्री० दुर्गा चंडिमन् पुं० क्रोध ; गुस्सो (२)गरमी चंडी स्त्री० दुर्गा अथवा तेनो लेप चंदन पुं०, न० सुखडनुं वृक्ष, लाकडु चंदनगिरि पुं० मलयाचल पर्वत चंदनसार पुं० उत्तम चंदन चंदनाचल, चंदनाद्रि पुं० मलय पर्वत (ज्यां चंदननां वृक्षो बहु थाय छे) चंदिर पुं० चंद्र (२) हाथी चंद्र पुं० चांदो (२)(समासने अंते) श्रेष्ठ (उदा० 'पुरुषचंद्र') चंद्रक पुं० चंद्र (२) आंगळीनो नख (३) मोरना पीछामांनी टीलडी चंद्रकला स्त्री० चंद्रबिंबनो सोळमो भाग चंद्रकवत् पुं० मोर चंद्रकांत पुं० एक मणि (जेना उपर चंद्रनां चाटुक्ति किरण पडतां तेमांथी पाणी झमे छे) (२) पुं०, न० (रात्रे चंद्रथी खीलतुं) पोयj चंद्रकिन् पुं० मोर चंद्रचूड, चंद्रचूडामणि पुं० शंकर चंद्रद्युति स्त्री चंद्रनुं तेज (२) चांदनी चंद्रपाद पुं० चंद्रकिरण चंद्रप्रभा स्त्री० जुओ'चंद्रद्युति' [ओरडो चंद्रप्रासाद पुं० घरनी टोचे आवेलो चंद्रमस् पुं० चंद्रमा; चांदो चंद्रमुख वि० चंद्र जेवा सुंदर मुखवाळं चंद्रमौलि पुं० शंकर चंद्र-किरण चंद्ररेखा, चंद्रलेखा स्त्रीचंद्रनी कळा(२) चंद्रवदन वि० चंद्र जेवा सुंदर मुखवाळ चंद्रशाला स्त्री० अगासी (२) चांदनी चंद्रशेखर पुं० शंकर चंद्रहास पुं० चमकती तरवार (२) रावणनी तरवारनुं नाम चंद्रातप पुं० चांदनी; चंद्रिका चंद्रात्मज पुं० बुध (ग्रह) चंद्रानन वि० चंद्र जेवा सुंदर मुखवाळू (२) पुं० कार्तिकेय चंद्रापीड पुं० शिव चंद्रार्धमौलि, चंद्रार्धशेखर पुं० (अर्धचंद्र जेना मस्तके छे ते) शिव चंद्रिका स्त्री० चंद्रनो प्रकाश ; चांदनी चंद्रोदय पुं० चंद्रनो उदय चंद्रोपल पुं० चंद्रकांत मणि चंपक पुं० चंपो (२) न० तेनुं फूल चंपू स्त्री० गद्य अने पद्यवाळी, परिश्रमसाध्य एवी एक साहित्यकृति चाकचक्य न० चकचकितपणुं चाक्षुष वि० चक्षु संबंधी; (२) दृश्य; जोवा लायक (३) न० प्रत्यक्ष ज्ञान चाक्षुषज्ञान न० प्रत्यक्षज्ञान (२)पुरावो चाट पुं० धूर्त ; ठग स्पिष्ट वाणी चाटु पु०, न० मधुर वाणी; खुशामत (२) चाटुकार वि० खुशामत करनारं चाटुक्ति स्त्री० मधुर वचन; खुशामत Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy