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________________ गाह १५६ गाह. १ आ० डूबकुंमारबुं; नाहQ (२) गिरिकंदर पुं० पर्वतनी गुफा ऊंडु पेस; चोतरफ फरवु (३) हला- गिरिजा स्त्री० पार्वती (२) गंगा वq; वलोवq (४)तल्लीन थर्बु (५) गिरिजातनय पुं० कार्तिकेय (२)गणपति छुपाईं [मारवं ते गिरिजाधव, गिरिजापति पुं० शिव गाह पुं०, गाहन न० नाहवं ते ; डूबकुं गिरिज्वर पुं० इंद्रनुं वन गांग, गांगेय वि० गंगा नदीन; गंगा गिरितनया स्त्री० पार्वती उपरनु (२)पुं० भीष्म (३) कार्तिकेय । गिरिदुर्ग पुं० पर्वत उपरनो किल्लो गांडिव पुं०, न० अर्जुन- धनुष्य गिरिध्वज पुं० इंद्रनुं वज नदी गांडिवधन्वन् पुं० अर्जुन गिरिनंदिनी स्त्री पार्वती (२) गंगा (३) गांडोग पुं०, न० जुओ ‘गांडिव' गिरिप्रस्थ पं० पर्वत उपरनो सपाट भाग गांडीवधन्वन् पुं० जुओ 'गांडिववन्वन' गिरिभिद् पुं० इंद्र (२) स्त्री० नदी गांडोविन् पुं० अर्जुन गिरिराज् (-ज) पुं० हिमालय गांत्री स्त्री० बळदगाडी गिरिव्रज न० मगधनी राजधानी - गांदिनी स्त्री० गंगा राजगृह गांदिनीसुत पुं० भीष्म (२) कार्तिकेय गिरिश पुं० शिव (कैलासे रहेनार) गांधर्व वि० गंधर्व-; गंधर्वने लगतुं (२) । गिरिशंग पुं० गणपति पुं० गंधर्व ; स्वर्गनो गायक (३) आठ गिरिसुता स्त्री० पार्वती लग्नप्रकारामांनो एक ; गंधर्व विवाह गिरीश, गिरीद्र पुं० शंकर (२)हिमालय (४) एक उपवेद - संगीतशास्त्र (५) गिर्वाण पुं० देव [खाधेलु घोडो (६) न० संगीतशास्त्र । गिलित ('गिल्'- भू० कृ०) वि० गळेलु; गांधर्वक पुं० गयो गीत ('गै' - भू० कृ०) वि० गायेलं; गांधर्वकला, गांधर्वविद्या स्त्री० संगीत गवायेलु (२) कहेवायेलु (३) न० गांधविक पुं० गवैयो (२) दुर्योधन गावं ते; गीत गांधारि पुं० दुर्योधननो मामो- शकुनि गीतक न० गीत; गायन गांधारी स्त्री० गांधार देशना राजानी गीतबंधन न० गावा माटेनुं महाकाव्य पुत्री- धृतराष्ट्रनी पत्नी - दुर्योधनः- गीता स्त्री० केटलाक धार्मिक पद्यग्रंथोने दिनी माता - शकुनिनी बहेन आपवामां आवेलुं नाम ; खास करीने गांधिक पुं० सुगंधी पदार्थो वेचनारो श्रीमद् भगवद्गीता (२) कारकुन (३)न० सुगंधी द्रव्य .. गीति स्त्री० गीत (२) गावं ते (३) एक गांभीर्य न० ऊडाण (पाणीनुं के अवाज-) छंद (४) साममंत्र (२) गंभीरता (अर्थनी के चारित्र्यनी) गीतिका स्त्री० नानू गीत (३) उदारता गीर्ण ('ग'नुं भू० कृ०)वि० गळी जवायेलु गिर् स्त्री० भाषा; वाणी; शब्द (२) (२) वर्णवायेलू वाणीनी देवता - सरस्वती गीर्वाण पुं० देव गिरा स्त्री. वाणी; भाषा (२)स्तुति गुच्छ, गुच्छक पुं० गोटो; झूडो (२)फूलनो गिरि वि० पूज्य ; सन्माननीय (२) गुच्छो (३) मोरना पीछांनो झुडो पुं० पर्वत; खडक गुटिका, गुटी स्त्री० नानी गोळी(२)मोती गिरिक पुं० शिव गुड पुं० गोळ (खाद्य) (२) गोळो; दडो Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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