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________________ कपिकेतन १२० करटिन् कपिकेतन पुं० जुओ कपिध्वज' कमनीय वि० सुंदर; मनोहर (२) इच्छवा कपित्थ पुं० कोठानुं झाड (२)न० कोठं योग्य ; इष्ट कपिध्वज पुं० अर्जुन (धजा उपर हनुमान कमल न० कमळ (२) जळ होवाथी) कमलज पुं० ब्रह्मा कपिरथ पुं० रामचंद्र (२) अर्जुन कमलपत्राक्ष वि० कमळदळ जेवी कपिल वि० घेरा बदामी रंगनुं (२) आंखीवाळू - इंद्र पुं० सांख्यदर्शनना प्रणेता मुनि कमलभवाह पुं० मेघ जेनुं वाहन छे ते कपिश वि. रतूमडु; बदामी रंगनुं कमला स्त्री० लक्ष्मी (२)सुंदर स्त्री कपिजल पुं० चातक (२) तेतर कमलाकर पुं० कमळनो समूह (२) कपींद्र पुं० हनुमान (२) सुग्रीव (३) कमलपूर्ण सरोवर स्त्री जांबुवान पण पंखी कमलाक्षी स्त्री० कमळ जेवां नेत्रवाळी कपोत पुं० कबूतर (२)होलो (३) कोई कमलापति पुं० विष्णु । कपोतवृत्ति स्त्री० आजीविकानो एक कमलालया स्त्री० लक्ष्मी प्रकार (उपयोग जेटलू मेळवीने संचय कमलासन पुं० ब्रह्मा न करवो ते) कमलिनी स्त्री० कमळनी वेल (२) कपोतहस्त पुं० (भिक्षा) मागवा माटे कमळनो समूह (३) कमळथी भरेलु के भयथी अमुक रीते हाथ जोडवा ते सरोवर कपोल पुं० गाल (२)हाथीनुं गंडस्थल । कमली स्त्री० कमळनो समूह कपोलकाष पुं० जेनी साथे गाल के कमलेक्षणा स्त्री० जुओ 'कमलाक्षी' गंडस्थळ घसवामां आवे ते कमंडलु पुं०, न०, कमंडलू स्त्री० कपोलताडन न० ( भुलनी कबूलात कमंडळ ; संन्यासीनुं जळपात्र । तरीके) गाल उपर तमाच मारवी ते । कमा स्त्री० शोभा; सौंदर्य कपोलपालि (-ली) स्त्री० गालनी कम्र वि० सुंदर; मनोहर (२) कामासक्त बाजु विशाळ गाल के लमणा कर वि० करनाएं(समासने अंते ; उदा० कपोलभित्ति स्त्री० गाल अने लमणा (२) 'सुखकर') (२) पुं० हाथ (३) हाथीनी कफ पुं० वात, पित्त अने कफ ए त्रण सूंढ (४) कर; खंडणी (५) किरण (६) धातुओमांनी एक (२) खांसी; उधरस करो (वरसादनो) (३) गळफो; बळखो [स्त्री० कोणी करक पुं० संन्यासी, जळपात्र (कमंडलु) कफणि, कफोणि पुं०, स्त्री०, कफोणी (२) पुं०, न० करो (वरसादनो) कबर वि० मिश्रित (२) जोडेलु जडेलु करकमल न० कमळ जेवो सुंदर हाथ (३) काबरचीतरुं (४)पुं० लट ; वेणी करका स्त्री० करो (वरसादनो) कबरी स्त्री० लट; वेणी कर्राकसलय पुं०, न० कूपळ जेवो कबंध पुं०, न० माथा वगरनुं धड (२) कोमळ हाथ (२) आंगळी पुं० राहु (३) एक राक्षस करकुड्मल न० आंगळी कम् १० प० चाहवू (२)अत्यंत इच्छवू करज पुं० नख (हाथ उपरनो) कमठ पुं० काचबो करट पुं० हाथीनुं गंडस्थल (२) कागडो कमन वि० सुंदर (२) कामुक (३) करटक पुं० कागडो इच्छावाळ (४) पुं० प्रेमी; पति करटिन् पु० हाथी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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