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________________ ११७ कटाह क नाम के विशेषणने लागतो तद्धित प्रत्यय-अल्पता के वहाल बतावे छे; अर्थमां कशो फेर कर्या वगर पण लागे छे (उदा० बालक) (२) पुं० ब्रह्मा (३) न० सुख ; आनंद (४) पाणी ककुद् स्त्री०, ककुद पुं०, न० पर्वतर्नु शिखर; टोच (२) खूध (३) राजचिह्न (छत्र, चामर वगेरे) (४)मुख्य ; श्रेष्ठ (व्यक्ति) ककुदिन् वि० श्रेष्ठ; मुख्य ककुपत्, ककुमिन् वि० खूधवाळू (२) पुं० पर्वत (३) आखलो ककुभ स्त्री० दिशा (२) शोभा; सौंदर्य (३) शिखर कक्ष पुं० बगल; काख (२)पासुं; पडढें (३)स्त्रीनो कंदोरो (४) वननो अंतर्भाग (५) सूकुं घास (६) राजानुं अंतःपुर (७)आसपास आवेली भींत (८) ग्रहनो भ्रमणमार्ग (९) कछोटो (१०) न० नक्षत्र ; तारो (११) पाप | कक्षा स्त्री० कमर; केड (२) कमरपटो; कंदोरो (३) उत्तरीय वस्त्र (४) भींत; आसपासनी भींत (५) वाडो; चोक; आंगणुं (६)सादृश्य (७)धरनो मध्यभाग; एकांत भाग (८) पासुं; पडलु (९) स्पर्धा (१०) वस्त्रनी किनारी; कोर (११) अंतःपुर कक्षाग्नि पुं० दावानळ [जंगल कक्ष्य न० वाजवा- पल्लू (२)सूका घासतुं कक्ष्या स्त्री० तंग;दोरडु(हाथी के घोडा-) (२) कंदोरो (३) महेलन अंतःपुर (४) दीवाल; भींत (५)कछोटो (६) समानता कच् १ उ० बांधवू (२) प्रकाशवं (३) १५० अवाज करवो कच पुं० केश; वाळ कचग्रह पुं० वाळ खेंचवा ते लडq ते कचाकचि अ० एकबीजाना वाळ पकडीने कचाचित वि० छूटा केशवाळू कच्चित् अ० 'इष्ट उत्तर आपशे' ए अर्थमां प्रश्न पूछवामां वपराय छे (२) हर्ष, विकल्प, हेतु अने मंगलप्रसंग -एवो भाव दर्शावे कच्छ पुं०, न० किनारो; किनारानो प्रदेश; भेजवाळो भाग (२) कछोटो कच्छप पुं० काचबो कच्छपी स्त्री० काचबी (२) सरस्वतीनी वीणा (३) वीणा कच्छु (-च्छु) स्त्री० खस (रोग) कज न० कमळ [अंजन (३) शाही कज्जल न० काजळ ; मेश (२) आंखनु कट पुं० एक तृण; तेनी सादडी (२) हाथीनुं गंडस्थळ-लमणो (३) द्यूतमां पासा फेंकवानी एक रीत (४)श्रोणी; नितंब (५) कटाक्ष (६) शब के तेनी ठाठडी (७) अतिशयता कटक पुं०, न० कडु; हाथ, धरेणुं (२) कमरपटो; कंदोरो (३) सादडी (४) पर्वतनी खीण आगळनो सपाट भाग (५) पर्वतनी भेखड के धार (६) हाथीना दंतूशळ उपरनुं कडु (७)सैन्य (८) छावणी कटकिन् पुं० पर्वत कटन न० घरनुं छापरु के छाज कटप्रभेद पुं० मद झरवा मांडवो ते कटाक्ष पुं० वक्रदृष्टि ; तीरछी आंखे जोवू ते (प्रेम, संकेत के क्रोधमां) कटारिका स्त्री० नानी कटार कटाह पुं० कढाई (२) घडार्नु ठीकरूं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016092
Book TitleVinit Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopaldas Jivabhai Patel
PublisherGujarat Vidyapith Ahmedabad
Publication Year1992
Total Pages724
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size14 MB
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