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________________ १४ पु पुष्प प्रज्ञा प्रज्ञावृ प्रत प्रनत प्रमी प्रव प्रसा प्रसाउवृ प्रसावृ प्रश्न प्रश्नवृ बृद्रसं बृद्रसंवृ बृभा बृभावृ बृसं भआ भआविवृ भग भगचू भगभा पुष्पिका (पुफियाओ उत्ताणि खंड २) पुष्पचूलिका (पुप्फचूलिकाओ, उवंगसुत्ताणि खण्ड- २) प्रज्ञापना (पण्णवणा, उवंगसुत्ताणि खण्ड- २) प्रज्ञापनावृत्ति प्रश्नोत्तर तत्त्वबोध प्रमाणनयतत्त्वालोकालङ्कार प्रमाण मीमांसा प्रवचनसार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार उदयप्रभवृत्ति प्रवचनसारोद्धार वृत्ति प्रश्नव्याकरण (पण्हावागरणाई, अंगसुत्ताणि भाग - ३) प्रश्नव्याकरण वृत्ति बृहद् द्रव्यसंग्रह बृहद् द्रव्यसंग्रह वृत्ति बृहत्कल्पभाष्य बृहत्कल्पभाष्य वृत्ति बृहत्संग्रहणी भगवती आराधना भगवती आराधना विजयोदया वृत्ति भगवती (भगवई, अंगसुत्ताणि भाग २) भगवती चूर्णि भगवती भाष्य भगवती वृत्ति भगवृ Jain Education International भासं भिक्षु मनो मूला योश 唇 योशा योशावृ राज राजवृ लासं विभा विभाकोवृ विभामवृ वीस्तो व्य व्यभा व्यभाषी व्यभावृ शाभा श्राप्र श्राप्रवृ पखं षस सप्र सम समप्र For Private & Personal Use Only जैन पारिभाषिक शब्दकोश / संकेत सूची भावसंग्रह भिक्षुन्यायकर्णिका मनोनुशासनम् मूलाचार योगशतक योगशास्त्र योगशास्त्र वृत्ति राजप्रश्नीय राजप्रश्नीय वृत्ति लाटी संहिता विशेषावश्यक भाष्य विशेषावश्यक भाष्य कोट्याचार्यवृत्ति विशेषावश्यक भाष्य मलधारीया वृत्ति वीतराग स्तोत्र व्यवहार (ववहारो, नवसुत्ताणि) व्यवहारभाष्य गाथा व्यवहारभाष्यपीठिका व्यवहारभाष्य वृत्ति शान्तसुधारस भावना श्रावक प्रतिक्रमण श्रावकप्रज्ञप्तिवृत्ति षट्खण्डागम षड्दर्शनसमुच्चय सन्मतितर्कप्रकरण समवायांग (समवाओ) समवाओ प्रकीर्णक www.jainelibrary.org
SR No.016091
Book TitleJain Paribhashika Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2009
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, & agam_dictionary
File Size17 MB
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