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________________ तृतीयांक दयो. बनियावादिसूची जपनि पनामानि तत्संकेतनामानि प्रथमांकः द्वितीयांकः ८५ त्रिपुरामहोपनिषत् नि.म.,त्रि,महो., मंत्रात्मकः ८६ त्रिशिखिबामणोपनि. त्रि. ग्रा. खंडात्मकः वाक्यात्मकः पद्यात्मकच ८७ त्रिसुपर्णोपनिषत् त्रिसुप. मंत्रात्मकः ८८ दक्षिणामूर्युपनिषत् द. मू. वाक्यात्मकः ८९ दत्तात्रेयोपनिषत् दत्तात्रे. खण्डात्मकः वाक्यात्मकः ९० दत्तोपनिषत् (अशुद्धपचुरा) ९१ दुर्वासोपनिषत् दुर्वासो. पद्यात्मकः ९२ १देव्युपनिषत् देव्यु. मंत्रात्मकः पद्यात्मकश्व ९३ २ , [शिवरहस्यान्तर्गताऽप्यद्याप्यलब्धा. अ. ५५ ] २४ द्वयोपनिषत् वाक्यात्मकः पद्यात्मकश्च ९९ ध्यानबिन्दूपनिषत् ध्या. वि. पद्यात्मकः ९६ नादबिन्दूपनिषत् ना. चिं. पद्यात्मकः ९७ नारदपरिव्राजकोपनि. ना. प. उपदेशात्मकः वाक्यात्मकः पद्यात्मकश्व ९८ नारदोपनिषत् नारदो. बाक्यात्मकः ९९ नारायणपूर्वतापित्यु. ना. पू. ता. खण्डात्मकः वाक्यात्मकः १०० नारायणोत्तरतापिन्यु. ना. उ. ता. खण्डात्मकः वाक्थात्मकः १०१ नारायणोपनिषत् . नारा. वाक्यात्मकः (नारायणाथर्वशीर्षोप.) १०२ निरालम्बोपनिषत् रा.उ. वाक्यात्मकः निरा. लं. १०३ निरुक्तोपनिषत् निरुक्तो. अध्यायात्मकः वाक्यात्मकः पद्यात्मकश्व १०१ निर्वाणोपनिषत् निर्वाणो. वाक्यात्मक १०५ नीलरुद्रोपनिषत् नौलरु. खण्डात्मकः मंत्रात्मकः १०६ नृसिंहपूर्वतापिन्युपनि. नृ. पू. उपनिषदात्मकः वाक्यात्मकः १०७ नृसिंहषट्चक्रोपनिषत् नृ. षट्च. वाक्यात्मकः १०८ नृसिंहोत्तरतापिन्युपनि. नृसिंहो. खण्डात्मकः वाक्यात्मकः १.९ पञ्चब्रह्मोपनिषत् पश्चन, वाक्यात्मकः पं. ब्र. पद्यात्मक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016083
Book TitleUpnishad Vakya Mahakosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGajanand S Sadhale
PublisherRupa Books Jaipur
Publication Year1991
Total Pages380
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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