SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 945
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ समुल्लस-समोअर पाइअसद्दमण्णवो ८७५ समुल्लस अक [समुत् + लस् ] उल्लसित समुव्वत्त वि [समुद्वृत्तऊँचा किया हुप्रा समुहय वि [समुद्धत] समुद्धात-प्राप्त होना, विकसना। समुल्लसइ (नाट-विक्र. (से ११, ५१)। (श्रावक ६८) ७१)। वकृ. समुल्लसंत (कप्प; सुर २, समुव्वत्तिय वि [समुद्वर्तित] घुमाया हुप्रा, समुहि देखो स-मुहि - श्व-मुखि । ८५)।फिराया हुआ (सुर १३, ४३) । समूसण न [समूषण] त्रिकटुक-झूठ, पीपल समुल्लसिय वि [समुल्लसित] उल्लास-प्राप्त समुव्वह सक [ समुद् + वह.] १ धारण तथा मरिच या मिरचा (उत्तनि ३)। (सरण)। करना । २ ढोना । समुबहइ (भविः सण)। समूसवय देखो समुस्सविय (पएह १, समुल्लालिय वि [समुल्लालित] उछाला हुआ वकृ. समुव्वहंत (से ६, २, नाट---रत्ना ३-पत्र ४५) (णाया १, १५-पत्र २३७)। समूसस प्रक[समुत् + श्वस ] १ ऊँचा समुल्लाव [समुल्लाप पालाप, संभाषण समुव्वहण न [समुद्वहन] सम्यग् वहन- जाना। २ उल्लसित होना। ३ ऊर्ध्व श्वास (विपा १, ७-पत्र ७०; महा; गाया १, ढोना (उव)। लेना। समूससति (पि १४३) । वकृ. समू१६-पत्र १६६)। समुव्विग्ग वि [समुद्विग्न] अत्यन्त उद्वेग- ससंत, समूससमाण (गा ६०४; गउड; समुल्लास पु[समुल्लास] विकास (गउड)। वाला (गा ४६२)। से ११, १३२)। समुवइट्ठ वि [समुपविष्ट] बैठा हुआ (अ | समुव्बूढ वि [समुव्यूढ] १ विवाहित समूससिअन [समुच्छ्वसित] १ निःश्वास २८८)। (उप पृ १२७)। २ उत्तानित, ऊँचा किया (से ११, ५६)। २ देखो समुस्ससिय समुवउत्त वि [समुपयुक्त] उपयोग-युक्त, हुमा (से ११, ६०)। (णाया १, १--पत्र १३, कप्पः गउड)सावधान (जीवस ३६३) । समुव्वेल्ल बि [समुद्वेल्लित] अत्यन्त कँपाया | समूसिअ देखो समुस्सिअ (भगः प्रौप, सूत्र समुवगय वि [समुपगत] समीप पाया हुआ हुमा, संचालितः ‘गयजूहसमायड्डियविसमस- १, ५, १, ११ टीः परह १, ३--पत्र ४५)। (वव ४) मुब्वेल्लकमलसंघायं' (पउम ६४, ५२)। समूसुअवि [समुत्सुक] अति उत्कंठित (सुपा समुवज्जिय वि [समुपार्जित] उपाजित, समुसरण देखो समोसरण (पिंड २)। ४७७ नाट-विक्र ६२)। पैदा किया हुआ (सुपा १०० सण)। समुस्सय पुं[समुच्छ्य ] १ ऊँचाई, ऊध्यता समूह पुन [समृह] समुदाय, राशि, संघात; समुवत्थिय वि [समुपस्थित] हाजिर, (सूप २, ४, ७)। २ उन्नति, उत्तमता (सूम _ 'मंतीहि य उवसमियं भुयंगमाणं समूह व' उपस्थित (उप ४३५)। १, १५, ७)। ३ कर्मों का उपचय (प्राचा)। (पउम १०६, १५; भोघ ४०७, गउडा समुवयंत देखो समुवे । ४ संघात, समूह, राशि, ढग (दस ६, १७; भवि)। समुवविट्ठ वि [समुपविष्ट] बैठा हुआ (राय अणु २०)। समूह (अप) देखो समुह (भवि) • ७५)। समे सक [समा + इ] १ आगमन करना, समुवसंपन्न वि [समुपसंवन्न] समीप में हुआ (पउम ४०, ६)। प्राना, संमुख पाना । २ जानना। ३ प्राप्त समागत (धर्म ३)। समुस्ससिय वि [समुच्छ्वसित] १ उल्लास- करना। ४ अक. संहत होना, इकट्ठा होना । समुवहसिअ वि [समुपहसित] जिसका खूब | प्राप्त, 'समुस्ससियरोमकूवा' (कप्प)। २ समेइ, समेंति (भविः विसे २२६६)। वकृ. उपहास किया गया हो वह (सण)। उच्छ्वास-प्राप्त (पउम ६४, ३८)। देखो समेमाण (प्राचा १, ८, १, २)। संकृ. समुवागय वि [समुपागत] समीप में प्रागत समूससि। समिञ्च, समेञ्च (सूत्र १, १२, ११; पि (णाया १, १६-पत्र १९६; सण)। समुस्सिअ वि [समुच्छित] ऊर्ध्व-स्थित, - ५६१; प्राचा १, ६, १,१६, पंच ३,४५) । समुवे सक[समुपा +३] १ पास में माना।। ऊँचा रहा हुआ (सूत्र १,५,१,१५; पि ६४) . ऊँचा रहा हुमा (सूत्र १,५,१,१५; पि ६४) | समेअ) वि[समेत] १ समागत, समायात २ प्राप्त करना । समुवेइ, समुवेंति (यति समुस्सिणा सक[समुत् + श्रु] १ निर्माण समेत ) 'सीलवई परिणेउं गिहं समेग्रो ४२पि ४६३)। वकृ. समुवयंत (स | करना, बनाना । २ संस्कार करना, संवारना. महिड्डीए' (श्रा १६)। २ युक्त, सहितः 'तेहि ३७०)। जीर्ण मन्दिर आदि को ठीक करना । समुस्सि- समेतो अहयं वयामि जा कित्तियंपि भूभागं' समुवेक्ख । सक [ समुत्प्र + ईक्ष. ] १ णासि, समुस्सिणामि (प्राचा १,८,२,१२)। (सुर १, १६३, ३, ५८; सुपा २५६ समुवेह निरीक्षण करना। २ व्यवहार । समुस्सुग देखो समसुअ (द्र ४८ महा)। महा)। करना, काम में लाना। वकृ. समुवेक्खमाण, । समुस्सुय" समेर देखो स-मेर=स-मर्याद ।। समुवेहमाण (णाया १, १-पत्र १; समुह देखो संमुह (हे १, २६, गा ६५६ समोअर अक [समव + तृ] १ समाना, आचा १, ५, २, ३)। कुमाः हेका ५१, महा: पाम)। समावेश होना, अन्तर्भाव होना । २ नीचे Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016080
Book TitlePaia Sadda Mahannavo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovinddas T Seth
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1986
Total Pages1010
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy