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________________ ६२६ पाइअसद्दमहण्णवो फेफस-फोसणा फेप्फस न [दे] देखा फिप्फिस, फोफा स्त्री दे] डराने की आवाज भयोत्पादक फोडिअ वि [स्फोटित] १ फोड़ा हुआ, फेफस । फुप्फुस (राजः तंदु ३६) शब्द (दै ६, ८६) विदारित (णाया १, ७ स ४७२)। २ फेरण न [दे] फेरना, घुमानाः 'गुफणफेरण- फोड सक [ स्फोटय्] १ फोड़ना, विदारण राई प्रादि से बघारा हुमा (वव १)। सुंकारएहि' (सुर २,८) करना। २ राई आदि से शाक आदि को फोडिअय वि [दे. स्फोटित, क] राई से फेल सक [क्षिप] १ फेंकना । २ दूर बघारना । फोडेज (कुप्र ६७) । वकृ. फोडंत, | बघारा हुआ शाकादि (दे ६,८८)। करना । लदि (शौ) (नाट) । संकृ. फोडेमाण (सुपा २०१; ५६३: प्रौप) फोडियन दि] रात के समय जंगल में फेलिअ (नाट) फोड पुं[स्फोट १ फोड़ा, द्रण -विशेष (ठा सिंहादि से रक्षा का एक प्रकार (दे ६,८८)।फेला स्त्री [] झूठन-झठन, जूठन, भोजन १०-पत्र ५२०)। २ वरणं-विशेष, शब्द फोडिया स्त्री [स्फोटिका] छोटा फोड़ा (उप से बचा-खुचा, उच्छिष्ट भेद (राज)। ३ वि. भक्षक; 'बहुफोडो' ७६८ टी)। 'तस्स य अणुकंपाए देवी (ोघभा १६१)। फोडी स्त्री [स्फोटी, स्फौटी] देखो फोडि . दासी य तम्मि कूवम्मि । फोडअ (शौ) पुं[स्फोटक] ऊपर देखो (प्राकु (उवा: पब ६; पडि)। निचं खिवंति फेलं तीए सो जियइ सुणउव्व। फोडग न [स्फोटन] १ विदारण (पव ६ फोफस न [दे] शरीर का अवयव-विशेष, 'दुग्गंधकूववासो गन्भो, टी; गउड)। २ राई आदि से शाक आदि को 'कालिज्जयअंतपित्तजरहिययफोप्फसफेफसपिजगणोइ चावियरसेहिं । बघारना (पिंड २५०)। ३ राई आदि लिहोदर-'(तंदु ३६)। जै गम्भपोसणं पुण तं फेलाहारसंकासं । । संस्कारक पदार्थ (पिंड २५५)। ४ वि. फोफल न [दे] गन्ध-द्रव्य विशेष, एक प्रकार (धर्मवि १४६)। फोड़नेवाला, विदारण करनेवाला; 'कायर- की औषधि, 'महुरविरेयणमेसो कायवो फेलाया स्त्री [दे] मातुलानी, मामी (दे ६, जगहिययफोडणं (गाया १, ८); 'अम्ह फोफलाइदव्वेहि' (भत्त ४२)। ८५) मरणसराहअहिअमवरणफाडणं गीअं' (गा फोफस देखो फोप्फस (पएह १,१फेल्ल पुंदे] दरिद्र, निर्धन (दे ६,८५)। ३८१) पत्र८) फेल्लुस सक [दे] फिसलना, खिसकना, फोडर देखो फोडअ (पउम ६३, २६)। फोरण न [ स्फोरण ] निरन्तर प्रवर्तन, खिसककर गिरना। फेल्लुसइ (दे ६, ८६)। फोडाव सक [स्फोटय ] १ फोड़वाना। 'विसयम्मि अपत्तेवि हु रिणयसत्तिप्फोरणेण संकृ. फेल्लुसिऊण (दे ६, ८६ स ३५५) । तोड़वाना। २ खुलवाना । संकृ. फोडाविऊण | फलसिद्धी' (उवर ७४) । फेल्लुसण न [६] १ फिसलन, पतन । २ (स ४६०)। फोरविअ वि [स्फोरित] निरन्तर प्रवृत्त पिच्छिल जमीन, वह जगह जहाँ पाँव फिसल फोडाविय वि [स्फोटित] १ तोड़वाया | किया हुअा, 'तेहिपि नियनियसत्ती फोरवीया' हुप्रा । २ खुलवाया हुमा 'फोडाविया संपुडा' | (सम्मत्त २२७ हम्मीर १४)। पड़े (दे ६, ८६) (ल ४६०) फेल्हसण देखो फेल्लुसण (वव ४ टी)। फोस देखो फुस = स्पृश् ; 'सव्वं फोसंति फोडि श्री [स्फोटि] विदारण, भेदनः 'भाडो- जग (जीवस १९६)।फेस पुंदे] १ त्रास, डर । २ सद्भाव (दे। फोडीसु वजए कम्म' (पडि)। कम्म न फोस पुगद] उद्गम (दे ६, ८६) कर्मन] १ जमीन आदि का विदारण करने फोस पुं [दे. पोस] अपान-देश, गुदा फो [दे] उद्गम (दे ६, ८६) का काम, हल आदि से भूमि-दारण, कूप, (तंदु २०)। फोइअय वि [दे] १ मुक्त । २ विस्तारित तडाग प्रादि खोदने का काम । २ उक्त काम फोसणा स्त्री [स्पर्शना] स्पर्श-क्रिया (जीवस कर आजीविका चलाना (पडि)। १६६) ॥ इन सिरिपाइअसद्दमण्णवे फाराइसहसंकलणो अट्ठावीसइमो तरंगो समत्तो।। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016080
Book TitlePaia Sadda Mahannavo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovinddas T Seth
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1986
Total Pages1010
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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