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________________ ति (२, ३ , १२७) के दक्षिा स्थत पर्वत ४३६ पाइअसद्दमहण्णवो तिंदूस-तितिक्खया तिंदूस । पुन [तिन्दुस, क] १ वृक्ष विशेष तिगिंछ [तिगिन्छ] द्रह-विशेष (इक) तिज वि [तार्य तैरने योग्य (भास ६३) तिंदूसग (परण १)। २ कन्दुक, गेंद तिगिंछायण न [तिगिञ्छायन] गोत्र-विशेष तिड्ड पुंस्त्री [दे] अन्न-नाश करनेवाला कीट, तिंदूसय' (णाया १, १८ सुपा ५३)। (सुज्ज १०, १६ टी)। | टिड्डी (जी १८)। स्त्री. ड्डो (सुपा ५४६)। ३ क्रीड़ा-विशेष (भावम)। तिगिछि ' [तिगिञ्छि] १ पर्वत-विशेष तिड्डव सक [ ताडय् ] ताड़न करना। तिकल्ल न [त्रैकाल्य तीनों काल का विषय | (ठा २, ३-पत्र ७०; इक सम; ३३)। तिडव इ (प्राकृ ७६)। (पएह २, २)। २ द्रह-विशेष, निषध पर्वत पर स्थित एक तिण न [तृण] तृण, घास (सुपा २३३, तिकूड पुं[त्रिकूट] १ लंका के समीप का | ह्रद (ठा २, ३-पत्र ७२)। अभि १७५; स १७९)1 सूय न ["शूक एक पहाड़, सुवेल पर्वत (पउम ५, १२७)। तिगिच्छ सक [चिकित्स] प्रतीकार करना, | तृण का अग्र भाग (भग १५) हत्थय पुं २ शीता महानदी के दक्षिण किनारे पर इलाज करना, दवा करना । तिगिच्छइ (उत्त [हस्तक] घास का पूला (भग ३, ३)। १६, ७६; पि २१५, ५५५) स्थित पर्वत-विशेष (ठा २, ३–पत्र ८०)। तिणिस पुं[तिनिश] वृक्ष-विशेष, बेंत (ठा सामिय ' [स्वामिन्] सुवेलपर्वत का तिगिच्छ पुं[चिकित्स] वैद्य, हकीम | ४, २; कम्म १, १६ औप)। (वव ५)। तिणिस न [दे] मधु-पाल, मधपुड़ा (द ५, स्वामी, रावण (पउम ६५, २१)। तिगिच्छ पु[तिगिच्छ] १ द्रह-विशेष, ११, ३, १२) । तिक्ख वि [तीक्ष्ण] १ तेज, तीखा, पैना निषध पर्वत पर स्थित एक द्रह (इक)। २ | तिणिस वि [तैनिश] तिनिश-वृक्ष-संबंधो, (महा गा ५०४)। २ सूक्ष्म । ३ चोखा, न. देवविमान-विशेष (सम ३८)। | बेंत का (राय ७४)। शुद्ध (कुमा)। ४ परुष, निष्ठुर (भग १६, तिगिच्छ न [ चैकित्स] चिकित्सा-शास्त्र तिणीकय वि [तृणीकृत तृण-तुल्य माना ३)। ५ वेग-युक्त, क्षिप्र-कारी (जं २)। ६ (सिरि ५६) हुमा (कुप्र५)। क्रोधी, गरम प्रकृतिवाला । ७ तीता, कडुवा तिगिच्छग । वि [चिकित्सक ] प्रतीकार तिण्ण एक [तिम् ] १ भाद्र होना। ८ उत्साहो । ६ मालस्य-रहित। १० चतुर, तिगिच्छय ) करनेवाला । २ पु. वैद्य, हकीम तिण्णाअइ २ सक. आद्र करना। तिएणादक्ष। ११ न. विष, जहर । १२ लोहा । (ठा ४, ४: पि २१५, ३२७) । अइ (प्राकृ ७५) १३ युद्ध, संग्राम । १४ शस्त्र, हथियार । १५ तिण्ण वि [तीर्ण] १ पार पहुंचा हुमा (प्रौप)। समुद्र का नोन । १६ यवक्षार । १७ श्वेत. तिगिच्छण न [चिकित्सन] चिकित्सा २ शक्त, समर्थ (से ११, २१)। कुष्ठ । १८ ज्योतिष-प्रसिद्ध तीक्ष्ण गण, यथा (पिंड १८८)। अश्लेषा, प्राी, ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र (हे तिगिच्छय न [चैकित्स्य] चिकित्सा-कर्म तिण्ण न [स्तैन्य] चोरी, तिलतिएणतप्परो' (उप ५६७ टी)। २, ७५, ८२)। (ठा -पत्र ४५१)। तिण्ण देखो ति = त्रि । भंग वि [ भङ्ग] तिक्ख सक [तीक्ष्णय् ] तीक्षण करना, तिगिच्छा स्त्री [चिकित्सा प्रतीकार, इलाज, त्रि-खण्ड, तीन खण्डवाला (अभि २२४)। दवा (ठा ३, ४) सत्थ न [°शास्त्र] तेज करना । तिखेइ (हे ४, ३४४)। आयुर्वेद, वैद्यकशास्त्र (राज)। "विह वि [विध] तीन प्रकार का (नाटतिक्खण न [तीक्ष्णन] तेज-करण, उत्तेजन चैत ४३)। तिगिच्छायण न [तिगिच्छायन] गोत्र(कुमा) । तिण्णिा पुं[तिनिक देखो तित्तिअ = विशेष (सुज्ज १०, १६)। तिक्याल सक [तीक्ष्णय् ] तीक्ष्ण करना । तित्तिक (इक)। तिगिच्छि देखो तिगिछि (ठा २, ३-पत्र कर्म. तिक्खालिज्जति (सुर १२, १०६)। तिण्ह देखो तिक्ख (हे २, ७५; ८२; पि ८० सम ८४; १०४ पि ३५४) तिक्खालिअ वि [दे] तीक्षण किया हुआ ३१२)।तिगिच्छिय [चैकित्सिक] वैद्य, चिकित्सक (दे ५, १३ पात्र) तिण्हा देखो तण्हा (राजः वज्जा ६०)। (पउम ८. १२४) तिक्खुत्तो प्र[त्रिस् ] तीन बार (विपा तिग्ग वि तिग्म] तोक्षण, तेज (हे २, ६२)। तितउ पुं[तितउ] चालनी या चलनी, पाखा, १, १ कप्प; प्रौपः राय) प्राटा या मैदा छानने का पात्र (प्रामा)। तिग्घ वि [त्रिन] तिगुना, तीन-गुना (राज)। तिग देखो तिअ = त्रिक (जी ३२; सुपा ३१; तिचूड त्रिचूड] विद्याधर वंश का एक तितय देखो तिअय (वव १) णाया १,१) वस्सि वि [वशिन] राजा (पउम ५, ४५)। तितिक्ख देखो तिइक्ख। तितिक्खइ, मन, वचन और शरीर को काबू में रखनेवाला; तिजड [त्रिजट] १ विद्याधर वंश के एक तितिक्खए ( कप्पः पि ४५७ )। वकृ. 'नरस्स तिगवस्सिस्स विसं तालउड जहा राजा का नाम (पउम १०,२०)। २ राक्षस तितिक्खमाण (राज)। (सुपा १६७)। वंश का एक राजा (पउम ५, २६२) । तितिक्खण न [तितिक्षण] सहन करना तिगसंपुण्ण न [त्रिकसंपूर्ण] लगातार तीस तिजामा। स्त्री [त्रियामा] रात्रि, रात (कुप्र दिन का उपवास (संबोध ५८)। लो त्रियामा] रात्रि, रात (कुप्र (ठा ६) तिजामी २४७; रंभा)। तितिक्खया देखो तितिक्खा (पिंड ६६६)। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016080
Book TitlePaia Sadda Mahannavo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovinddas T Seth
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1986
Total Pages1010
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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