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________________ णिवेअ-णिसाम पाइअसहमहण्णवो णिवेअ पुं [निर्वेद] मुक्तिको इच्छा णिसंत विनिशान्त] १ श्रुत, सुना हुआ णिसन्न देखो णिसण (उवः णाया १, १)। (सम्मत्त १६६)। (णाया .,१४: उवा)। २ अत्यन्त ठंढ़ा णिसम सक[नि + समय 1 सुनना । वकृ. गिब्वेअ ' [निर्वेद] १ खेद, विरक्ति (कुमा (मावम)। ३ रात्रि का अवसान, प्रभात, णिसमेंत (आवम) । कवकु. णिसम्मत द्र ६२) । २ संसार को निगुणता का प्रव- | जहा णिसते तवरणचिमाली, पभासई केवल- । (गउड) संकृ. णिसमिअ, णिसम्म (नाट. धारण-निश्चय (ज्ञान) करना (उप ६८६)। भारहं तु' (दस ६.१, १४)। वेणी ६८; उवाः प्राचा)। णिव्वेअण न [निर्वेदन] १ खेद, वैराग्य। णिसंस वि [नृशंस] क्रूर, निर्दय (सुग णिसमण न [निशमन] श्रवण, आकर्णन २ वि. वैराग्यजनक । स्त्री. णी (ठा ४, २)। ४०६) । (हे १, २६६; गउड)। णिवे? सक [निर + वेष्टय ] १ नाश णिसग्ग ' [निसर्ग] १ स्वभाव, प्रकृति (ठा णिसम्म अक [नि+सद् ] १ बैठना । २ करना, क्षय करना। २ घेरना । ३ बांधना। २, १७ कुप्र १४८) । २ निसर्जन, त्याग सोना, शयन करना । णिसम्मउ (से ६, वकृ. णिव्वेटुंत (विसे २७४५, प्राचा २, (विसे)। १७)। हेकृ. णिसम्मिउं (से ५, ४२) । ३, २)। णिसग्ग वि निसर्ग] स्वभाव से होनेवाला, णिसर देखो णिसिर कवकृ. निसरिजमाण णिव्वेढ सक [निर + वेष्टय त्याग स्वाभाविक (सुपा ६४८)। (भग)। करना । णिवेढेइ (सुज्ज २, १)। 'णिसग्ग न [नैसर्ग] जात्यन्ध की तरह णिसल्ल देखो णिस्सल्ल (श्रा ४०)। मिजोर मान वेशय मजबती स्वभाव से प्रज्ञता (सूम २, ३, १६)। णिसह देखो णि लढ (इक)। से बेष्टन करना । णिव्वेढिज, रिणब्बेडेज्ज णिसग्गिय वि [नैसगिक] स्वाभाविक (सण)। णिसह देखो णिस्सह (षड् )। (आचा २, ३, २; पि ३०४)। णिसज्ज पुं. देखो णिसज्जा निसज्जे वियड- णिसह सक [नि + सह ] सहन करना। णिव्वेढ वि [दे] नग्न, नंगा (दे ४,२८)। णाएं (वव १)। रिणसहइ (प्राकृ ७२)। णिव्वेद देखो णिव्वेअ (उत्त २६, २)। णिसज्जा स्त्री [निषद्या] १ प्रासन (दस ६)। णिसा स्त्री [निशा] अन्धकारवाली नरकणिश्वेर वि निर्वैर वैर-रहित (अच्चु ५६)। २ उपवेशन बैठना ( दव ) । देखो। भूमि (सू णिव्वेरिस वि दे] १ निर्दय, निष्करुण। णिसिज्जा। |णिसा [निशा] १ रात्रि, रात (कुमा, प्रासू २ अत्यन्त, अधिक (दे ४, ३७)। णिसट्ट वि [निसृष्ट] १ निकाला हुआ, । ५५)। २ पीसने का पत्थर, शिलौट, सिलवट णिवेल्ल अक [निर + वेल्लू ] फुरना. सत्य । त्यक्त १, १६) । २ दत्त, दिया हुआ (णाया (उवा)। अर पुं[कर] चन्द्र, चाँद (हे १, ठहरना, साबित होना। रिणव्वेल्लइ (पि १०७) १,१-पत्र ७१)। ८ षड्) । अर पुं[°चर] राक्षस (कप्पू: से णिवेल्लिअ वि [निर्वेल्लित] प्रस्फुरित, स्फूर्ति- णिसट्ठ वि [दे] प्रचुर, बहुत (मोघ ८७)।। १२, ६६)। अरेंद पुं [चरेन्द्र] राक्षसों युक्त (से ११, १६)। का नायक, राक्षस-पति (से ७,५६) । नाह णिस? (अप) वि [निषण्ण] बैठा हुआ णिव्वेस वि [निष] द्वेष-रहित (से १५, (सए)। पुं[ नाथ] चन्द्रमा (सुपा ४१६)। 'लोढ ६५)। णिसढ [निषध १ हरिवर्ष क्षेत्र से उत्तर न [°लोष्ट] शिला-पुत्रक, पोसने का पत्थर, णिव्वेस [निवेश] १ लाभ, प्राप्ति (ठा में स्थित एक पर्वत (ठा २, ३)। २ स्वनाम लोढ़ा (उवा)। वइ पुं[पति चन्द्र, चाँद, ५,२) । २ व्यवस्था, 'कम्मारण कप्पियाणं ख्यात एक वानर, राम-सेनिक (से ४,१०)। चन्द्रमा (गउड)। देखो णिसि । काही कमतरेसु को णिव्वेस' (अच्नु १८)। ३ बैल, सौढ़ (सुज ४) । ४ बलदेव का एक णिसाण सक [नि+ शाणय ] शान पर णिव्वेहणिया स्त्री [निर्वेधनिका] वनस्पति- पुत्र (निर १,५; कुप्र ३७२) । ५ देश-विशेष। चढ़ाना, पैनाना, तीषण करना । संकृ. निसाविशेष (सूप २, ३, १६)। ६ निषष देश का राजा(कुमा)। ७ स्वर-विशेष णिऊण (स १४३)। णिव्योढव्य विनिर्वोढव्या निर्वाह-योग्य, (हे १, २२६; प्राप्र)। कूड न [कूट] णिसाग न [निशाण] शान, एक प्रकार का वहन करने योग्य, निभाने लायक (प्राव ४)। निषध पर्वत का एक शिखर (ठा २, ३)। निषध पर्वत का एक शिखर (ठा २, ३)। पत्थर, जिस पर हथियार तेज किया जाता णिव्योल सक [क] क्रोध से होठ को मलिन दह पुं[द्रह] द्रह-विशेष (जं ४)। है (गउड सुपा २८)। करना । णिव्वोलन (हे ४, ६६)। जिसण्ण वि निषण्ण] १ उपविष्ट, स्थित णिसाणिय वि [निशाणित] शान दिया णिवोलण न [करण] क्रोध से होठ को (गा १०८ ११६, उत्त २०) । २ कायोत्सर्ग हुमा, पैनाया हुमा, तीक्ष्ण किया हुमा, पैना, मलिन करना (कुमा)। का एक भेद (प्राव ५)। धारदार, नुकीला प ५६)। णिस देखो णिसा (कुमा; पउम १२, ६५)। णिसण्ण वि [निःसंज्ञ] संज्ञा-रहित से ६. णिसाम देखो णिसम । णिसामेइ (महा) । ३८)। वकृ. णिसामेंत (सुर ३, ७८)। संकृ. णिस सक [नि + अस् ] स्थापन करना। णिसत्त वि [दे] संतुर मंतोष-क (दे ४, णिसामिऊग, णिमामित्ता (महा: - णिसेइ (प्रौप)। २)। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016080
Book TitlePaia Sadda Mahannavo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovinddas T Seth
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1986
Total Pages1010
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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