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________________ उवचि-उवणय पाइअसहमहण्णवो उवचि सक [उप + चि] १ इकट्ठा करना। | उवजिण सक [उप + अर्ज.] उपार्जन उवट्ठाण न [उपस्थान] अनुष्ठान, प्राचार २ पुष्ट करना । उवचिणइ, उवचिणाइ उव- करना। उजिणेमि (स ४४३) (सूत्र १, १, ३, १४) । चिणंति। भूका. उवचिरिणसु । भवि. उवचि- उवज्झय । पुं [उपाध्याय] १ अध्यापक, | उवट्ठाणा स्त्री [उपस्थाना] जिसमें जैन साधुरिणस्संति (ठा २, ४, भग)। कर्म उवचि- उवज्झाय पढानेवाला (पउम ३६, ६०; लोग एक बार ठहर कर फिर भी शास्त्रज्जइ, उवचिजंति (भग)। षड् ) । २ सूत्राध्यापक जैन बुनि को दी जाती निषिद्ध-अवधि के पहले ही प्राकर ठहरे वह उवचिट्ठ सक [उप + स्था] उपस्थित होना, एक पदवी (विसे)। स्थान (वव ४) । उवज्झिय वि [दे] आकारित, बुलाया हुआ | उवट्राव देखो उवट्ठव। उवट्ठावेहि (पि समीप आना। उवचिठे, उवचिठ्ठज्जा (राज)। (पि ४६२) । ४६८)। हेकृ. उवठ्ठावित्तए, उवट्ठावेत्तए उवझाय देखो उवज्झाय (सिरि ७७)।" उवचिणिय देखो उवचिय (धर्मवि १०६)।-- (ठा)। उवट्टण देखो उध्वट्टण (राज) उवट्ठावणा देखो उवट्ठवणा (बृह ६) । उवचिय वि [उपचित ] १ पुष्ट, पीन उवटणा देखो उबट्टणा (भग; विसे २५१५ | उवट्रिय वि [उपस्थित] १ प्राप्तः 'जरणवाद(पराह १, ४ कप्प)। २ स्थापित, निवेशित टी)। मुवट्ठिों ' (उत्त १२) २ समीप-स्थित (प्राव (कप्प; परण २)। ३ उन्नति (प्रौप)। ४ व्याप्त उवट वि [उपस्थ एक स्थान में सतत प्रय- १०)। ३ तैय्यार, उद्यत (धर्म ३)। ४ (अणु) । ५ वृद्ध, बढा हुआ (पाचा)। स्थित (वव ४) । काल पुं [काल] पाने | आश्रित; निम्मत्तमुवट्टिो ' (आउ; सूत्र १, उवञ्चया स्त्री [उपत्यका] पर्वत के पास की की वेला, अभ्यागम समय (वव ४)। २)। ५ मुमुक्षु, प्रव्रज्या लेने को तैय्यार, नीची जमीन (ती ११)IV उवटुंभ पुं[उपष्टम्भ] १ अवस्थान (भग)। 'उवट्ठियं पडिरयं, संजयं सुतवस्सियं । उवच्छदिद (शौ) वि [उपच्छन्दित] २ अनुकम्पा, करुणा (ठा २) वुक्कम्म धम्मायो भंसेइ, महामोहं पकुव्वई अभ्यथित (अभि १७३)IV उवट्ठप्प वि [उपस्थाप्य १ उपस्थित करते | उवजंगल वि [दे] दीर्घ, लम्बा (दे १, योग्य । २ व्रत-दीक्षा के योग्य'वियत्त- उवठावणा देखो उवट्ठवणा (पंचा १७,३०)। किच्चे सेहे य उवटुप्पा य पाहिया' (बृह ६) उवडहित्तु वि [उपदहित] जलानेवाला, उवजा अक [उप + जन्] उत्पन्न होना। उवट्ठव सक [उप + स्थापय् ] युक्ति से 'अगणिकाएणं कायमुवडहित्ता भवई' (सूम उवजायइ (विसे ३०२९)। संस्थापित करना । उवट्ठयंति (सूम २, १ | २, २)। उवजाइ स्त्री [उपजाति छन्द-विशेष (पिंग)। २७)।। उवडिअ वि [दे] अवनत, नमा हुमा (षड्)। उवजाइय देखो उवयाइय (श्राद्ध १६; सुपा उवट्ठव सक [उप + स्थापय ] १ उपस्थित | उवणगर न [उपनगर] उपपुर, शाखा-नगर ३५४)। करना। २ व्रतों का प्रारोपण करना, दीक्षा (प्रौप)। उवजाय वि[उपजात] उत्पन्न (सुपा ६००)। देना। उवट्ठवेइ, उवट्ठवेह (महा; उवा)। | उवणच सक [उप + नर्त्तय ] नचाना, उवजीव सक [उप + जीव ] आश्रय लेना। हेकृ. उवट्ठवेत्तए (बृह ४)। नाच कराना । कवकृ. उवणश्चिज्जमाण उवजीवइ (महा)। (प्रौप)। उवट्ठवणा स्त्री [उपस्थापना] १ चारित्रउवजीवग वि [उपजीवक] प्राश्रित (सुपा | विशेष, एक प्रकार की जैन दीक्षा (धर्म २)। उवणद्ध वि [उपनद्ध घटित (उत्तर ६१)। ११९) २ शिष्य में व्रत की स्थापना; 'वयट्ठवणमु. उवणम सक [ उप + नम्] १ उपस्थित उबजीवि वि [उपजीविन १ प्राश्रय लेनेवट्ठवणा' (पंचभा)। करना, ला रखना। २ प्राप्त करना। उववाला ; 'न करेइ नेय पुच्छइ निद्धम्मा लिंग उवट्ठवणीय वि [उपस्थापनीय] देखो एमइ (महा)। वकृ. उवणमंत (उप १३६ मुवजीवो' ( उव) । २ उपकारक (विसे उपटुप्प (ठा ३)। टीः सूत्र १, २)। २८८६) उवजोइय वि [उपज्योतिष्क] १ अग्नि के उवट्ठा सक [उप + स्था] उपस्थित होना। | उवर्णामय वि [उपनमित ] उपस्थापित उवट्ठाएजा (भग)। (सरण)। समीप में रहनेवाला । २ पाक-स्थान में स्थितः उवट्ठाण न [उपस्थान] १ बैठना, उपवेशन उवणय वि [उपनत] उपस्थित (से १, ३६)। 'के इत्थ खत्ता उवजोइया वा अज्झावया वा (गाया १,१) । २ व्रत-स्थापन (महानि ७)। उवणय पुं[उपनय] १ उपसंहार, दृष्टान्त के सह खंडिएहिं (उत्त १२, १८)। ३ एक ही स्थान में विशेष काल तक रहना अर्थ को प्रकृत में जोड़ना, हेतु का पक्ष में उवज अक [उत् + पद्] उत्पन्न होना। (वव ४)। दोस पुं ['दोष] नित्यवास उपसंहार (पव ६६, ओघ ४४ भा)।२ उवजंति (सूम १, १, ३, १६)। दोष (वव ४)। "साला स्त्री [शाला] स्तुति, श्लाघा (विसे १४०३ टी; पव १४०)। उवजण न [उपार्जन] पैदा करना, कमाना आस्थान-मण्डप, सभा-स्थान (गाया १,१, ३ प्रवान्तर नय (राज)। ४ संस्कार-विशेष, (सुर ८, १४४ ।। निर १,१)। उपनयन (स २७२)। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016080
Book TitlePaia Sadda Mahannavo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHargovinddas T Seth
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1986
Total Pages1010
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size32 MB
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