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सिन्दूरकारण- सिप्र ]
सिन्दूरकारण न. ( सिन्दूरस्य कारणम्) सीसुं. सिन्दूरतिलक पुं. (सिन्दूरस्येव तिलको यस्य ) हाथी. सिन्दूरतिलका स्त्री. ( सिन्दूरवर्णस्तिलको यस्याः) ना કપાળમાં સિન્દૂરનું ટીલું હોય છે તે સ્ત્રી, જેનો પતિ જીવે છે તે સ્ત્રી, સુવાસની સ્ત્રી. सिन्दूरतिलकी स्त्री. ( सिन्दूरतिलक + स्त्रियां जाति ङीष् ) हाथशी..
शब्दरत्नमहोदधिः ।
सिन्दूरहेतु न. ( सिन्दूरस्य हेतुः ) सीसुं. सिन्दूरिका स्त्री. ( सिन्दूर तद्वर्णोऽस्याः अस्ति,
अच्+ ङीप् कप् इत्वम्+टाप्) हींगजोड. सिन्दूरित त्रि. (सिन्दू+ तारका. इतच् ) सिन्दूर थोपडेल. सिन्दूरी स्त्री. (सिन्दूरं तद्वर्णोऽस्त्यस्याः अच्-गौरा.
ङीष्) रोयना, घावउनुं झाड.
सिन्धु पुं. ( स्यन्द् + उ - सम्प्रसारणं दस्य धश्च) समुद्र, રક્તચેલિ લતા, તે નામે એક નદ, હાથીનો મદ, નગોડનું ઝાડ, ધોળો ટંકણખાર, સંગીતપ્રસિદ્ધ એક शुL -माधवः शोभनः सिन्धुर्मारुमेनाडुकुन्तलासङ्गीतासिन्धु । नैर्ऋत्य भूशामां आवेलो खेड हेशसिन्धहेश. (स्त्री. स्यदन्ते इति स्यन्द् + उ सम्प्रसारणं दस्य धश्च ) नही, ते नाभे खेड नही- पिबत्यसौ पाययते च सिन्धू:- रघु० १३ ।९ ।
सिन्धुमन्थन न. ( सिन्धु + मन्थ् + भावे ल्युट् ) समुद्रमंथन. सिन्धुर पुं. (सिन्धुर्मदजलमस्यास्ति रः) हाथी
गतिञ्जितवरयुवतिः करी कपोलौ करोतु मदमलिनौआर्यास० १९८ ।
सिन्धुरी स्त्री. (सिन्धुर + स्त्रियां जाति० ङीष्) हाथशी.
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सिन्धुकफ पुं. (सिन्धो कफ इव) समुद्रनुं झा-सम६२ सिन्धुलवण न. ( सिन्धुजातं लवणम्) सैन्धव-सिंघालूरा. सिन्धुवार, सिन्धुवारत पुं. (सिन्धुमपि वृणोति गत्या, वृ+ अण्) (उत्तम घोडी (पुं. सिन्धुंनदजलमपि वारयति, तिरस्करोति तिक्तरसेन, वृ + णिच् + अण् / सिन्धुर्मदजलं वारितं येन) नगोउनुं आउ (न. सिन्धु + वृ + अण्) નગોડનું ફૂલ.
सिन्धुकर न. ( सिन्धौ सिन्धुदेशे, कीर्य्यते, कृ + अप्) ધોળો ટંકણખાર.
सिन्धुवेषण पुं. (विष् + ल्यु, सिन्धोः वेषणम्) गांभारी નામે વૃક્ષ.
सिन्धुखेल पुं. (सिन्धी तत्समीपे खेलति, खेल्+क) સિન્ધુદેશ-સિન્ધ.
सिन्धुजन. सिन्धुजात पुं., सिन्धुजन्मन् पुं. (सिन्धो जायते, जन्+ ड / सिन्धोः जातम् / सिन्धोः जन्म उत्पत्तिर्यस्य, पुं. सिन्धोः क्षीरसमुद्रात् जन्म यस्य) सैन्धव-सिंघासूरा, यन्द्र, ड्युर सिन्धुज, सिन्धुजात पुं. न. सिन्धुजन्मन्, सिन्धुतनय, सिन्धुतनुज, सिनधुतनूज, सिन्धुनन्दन, सिन्धुपुत्र, सिन्धुसुत, सिन्धुसून, सिन्धूद्भव पुं. (सिन्धौ जायते, जन्+ड / सिन्धोः क्षीरसमुद्राज्जातः / सिन्धोः जन्म यस्य / सिन्धोः तनयः / सिन्धोः तनुजः / सिन्धोः तनूज / सिन्धोः नन्दनः / सिन्धोः पुत्रः / सिन्धोः सुतः/ सिन्धोः सूनुः / सिन्धोः उद्भवः) यन्द्र, 5पूर, सिंघसूर, अमृत वगेरे.
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सिन्धुजन्मन् सिन्धुजा, सिन्धुजाता, सिन्धुतनया, सिन्धुतनुजा, सिन्धुतनूजा, सिन्धुनन्दिनी, सिन्धुपुत्री, सिन्धुसुता, सिन्धुसूनू स्त्री. (सिन्धो जन्म उत्पत्तिर्यस्याः / सिन्धोर्जायते, जन् +ड+टाप्/ सिन्धोः जाता/सिन्धोः तनया, सिन्धोः तनुजा / सिन्धोः तनूजा / सिन्धुं नन्दयति, नन्द् + णिच् + ल्यु+ ङीप् / सिन्धोः पुत्री / सिन्धोः सुता / सिन्धो सूनूः) लक्ष्मीदेवी. सिन्धुडा (स्त्री.) भाववरागनी पत्नी- धानुषी मालसी रामकिरी च सिन्धुडा तथा सङ्गीतदामोदरः । सिन्धुपुष्प पुं. (सिन्धौ पुष्यति प्रकाशते, पुष्पफुल्लने+अच्) शं.
सिन्धुमन्थ पुं. (सिन्धोः मन्थः) समुद्रमंथन. सिन्धुमन्थज, सिन्धुमन्थनज त्रि. (सिन्धुमन्थाज्जायते, जन्+ड / सिन्धु मन्थनात् जायते, जन्+ड) સમુદ્રમંથનથી ઉત્પન્ન થયેલ, ચન્દ્ર, સિંધાલવણ-અમૃત वगेरे.
सिन्धुशयन, सिन्धुशायिन् पुं. (सिन्धुः क्षिरोधः शयनं यस्य / सिन्धी शेते, शी+ णिनि) विष्णु. सिन्धुसङ्गम पुं. (सिन्ध्वो नद्योः नदीसमुद्रयोर्वा सङ्गमः / त्रि. सिन्धूनाम् सङ्गमो यत्र ) नहीनो संगम प्रदेश, નદી અને સમુદ્રનો સંગમપ્રદેશ. सिन्धूपल न. पुं. (सिन्धोः समुद्रस्य उपलमिव / सिन्धोरुपल इव) सिंघासूरा, सैन्धव
सिप्र ( सप्-रक् पृषो०) ते नामे भेड सरोवर, यन्द्र, अपूर, परसेवो, घाम.
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