SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 375
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २०१० शब्दरत्नमहोदधिः। [श्रमसाध्य-श्रि श्रमसाध्य त्रि. (श्रमेण साध्यः) भन तथा-श्रमथी सिद्ध | श्राद्धकाल पुं. (श्राद्धस्य कालः) पितृ , हवसनो થઈ શકે તેવું, યત્નસાધ્ય, કષ્ટ સાધ્ય. આઠમો ભાગ. श्रमसिद्ध त्रि. (श्रमेण सिद्धः) परिश्रम-यत्नथी सिद्ध. | श्राद्धदेव पुं., श्राद्धदेवता स्त्री. (श्राद्धोद्देश्यानां पितृणां श्रमिन् त्रि. (श्रम+अस्त्यर्थे इनि) श्रमवाणु, था, देवः शाक:/श्राद्धे देवता त्यक्तव्यद्रव्यस्योदेश्यादेवता) मनतुं. યમરાજ, વૈવસ્વત મનુ, અંત્યેષ્ઠિ સંસ્કારની અધિષ્ઠાત્રી श्रम्भ (भ्वा. आ. अ. -सेट-श्रम्भते) भूस, यू, हवता. प्रभाह ४२वो, (वि+श्रम्भविश्रम्भते) =विश्वास. २वी, | श्राद्धभुज त्रि. श्राद्धभोक्तृ पुं. (श्राद्धं भुङ्क्ते, આસ્થા રાખવી. भुज+क्विप्/श्राद्धं भुङ्क्ते, भुज्+तृच्) श्राद्ध पान२. श्रय पुं., श्रयण न. (श्री+अच्/श्री+भावे ल्युट्) uश्रय, श्राद्धशाक न. (श्राद्धयोग्यं शाकम्) श्राद्धम ४२ ___साधार, अयाव.. दाय श.. श्रव पुं. (शृणोत्यनेन, श्रु+अप्) आन, ज्याdि, प्रसिद्ध. श्राद्धिक, श्राद्धिन् त्रि. (श्राद्ध देयं श्राद्धं तद्रव्यं श्रवण न. (शृणोत्यनेन, श्रु+करणे ल्युट) श्र१४. नक्षत्र, भक्ष्यत्वेनास्त्यस्य वा ठन् / श्राद्धं तद् द्रव्यं __ान, समjd. (पुं. श्रु+ल्युट) श्रवा नक्षत्र. भक्ष्यत्वेनास्त्यस्य इनि) श्राद्धमा आवाई श्रवणद्वादशी स्त्री. (श्रवणेन युक्ता द्वादशी) मावा દ્રવ્ય વગેરે, શ્રાદ્ધમાં આપવા લાયક દ્રવ્ય ખાનાર. सु६ पारस. श्रान्त त्रि. (श्रम्+क्त) परिश्रमवाणु, थान, शान्त श्रवणपथ पुं. (श्रवणस्य पन्थाः) आननो भास- हन्द्रिय, (न. श्रम्+भावे क्त) परिश्रम, श्रम, श्रवणगोचरे तिष्ठ, भेटले. या सुधी. समाय. त्यi मनत, यल २४ी. -वृत्तान्तेन श्रवणविषयप्रापिणा-रघु० १४।८७। श्रान्तसंवाह न. (श्रान्तस्य श्रमस्य संवाहम्) थाने श्रवणशीषिका स्त्री. (श्रवणमिव शीर्षमस्याः, कप्+टाप्) આસન વગેરે આપી થાક દૂર કરાવવો તે. श्रावी वृक्ष. श्रान्ति स्त्री. (श्रम्+ भावे क्तिन्) परिश्रम, था. श्रवणा (स्त्री.) श्रवा नक्षत्र, मुं3. वृक्ष. श्राम् (चु. उभ. स. सेट-श्रामयति-ते) मंत्र ४२वी, श्रवस् न. (श्रूयतेऽनेन, श्रु+करणे असि) आन, होति.. | बोदाव, भास, समय. श्रवाव्य पुं. (श्रु-श्रवणे+उणा० आय्य) यज्ञनो पशु. श्रावक त्रि. (शृणोति, श्रु+ण्वुल) समन२. (पुं.) श्रविष्ठा स्त्री. (श्रूयते, श्रु+अप् श्रवः प्रसिद्धिरस्त्यस्याः । हैन स्थ, मौद्ध स्थ, 32. मतुप अतिशयेन श्रववती इष्ठन् मतुपो लुक्) धनिष्ठा श्रावण पुं. (श्रवणेन युक्ता पौर्णमासी श्रावणी साऽस्मिन् नक्षत्र, श्रवरा नक्षत्र मासे अण्) श्राव. भलिनी, पा3, 2.5 तनु श्रविष्ठाज, श्रविष्ठाभू पुं. (श्रविष्ठायां श्रवणनक्षत्रे वर्ष (त्रि. श्रवणस्येदं, श्रवण+अण) आनन, डान. जायते, जन्+ड/श्रविष्ठायां भवति, भू+क्विप्) સંબંધી, શ્રવણ નક્ષત્રનું શ્રવણ નક્ષત્ર સંબંધી. बुध. श्रावणा (स्त्री.) ध्यादी वृक्ष.. श्रा (अदा. प. अनिट्-श्राति) uj, ५4j. श्रावणिक पुं. (श्रावणी श्रवणनक्षत्रयुक्ता पूर्णिमाऽश्राण त्रि. (श्रा+क्त) घी, दूध, सिवायनो मांस. व. स्त्यस्मिन् मासे ठन्) श्री मलिनो. કોઈપણ રાંધેલો પદાર્થ. श्रावणी स्त्री. (श्रवणनक्षत्रेण युक्ता पौर्णमासी अण्+ ङीप्) श्राणा स्त्री. (श्रायते स्म, श्रा+क्त+टाप्) २०, २०ी.. શ્રાવણ મહિનાની પૂનમ. श्राद्ध न. (श्रद्धा प्रयोजनमस्य अण् श्राद्ध- 'श्रद्धया | श्रावणीय त्रि. (श्रु+णिच्+अनीयर) Ainmal us. दीयते यस्मात् श्राद्धं तेन निगद्यते' -हेमाद्रिश्राद्धकल्पे ।। श्रावन्ती स्त्री. (श्रु+झिच्+पृषो. ङीप्) धर्मपतन. २२. श्राद्ध ! प्रा२र्नु छ-नित्य, नैमिति भने भ्य. | श्रावस्ति(स्ती) (स्रो.) diu नहीनी उत्तरे श्रावस्त. (त्रि. श्रद्धा+अण) श्रद्धावा. રાજાએ સ્થાપેલું નગર. श्राद्धकर, श्राद्धकृत् त्रि. (श्राद्धं करोति, कृ+अच्/ श्रि (भ्वा. उभ. स. सेट-श्रयति-ते) सेवj- परीता __ श्राद्धं करोति, कृ+क्विप् तुक् च) श्राद्ध २८२. रक्षोभिः श्रयति विवशा कामपि दशाम्-भामिनी० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016069
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages562
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy