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________________ १९२८ शब्दरत्नमहोदधिः। [वृहत्कालशाक-वेगवत्तम वृहत्कालशाक पुं. (वृहन् महान् कालशाकः) 2.3 | वृहद्राव (पुं.) (वृहच्चासौ रावश्च) भोटो. श६. तनुं us. वृहद्रविणी स्त्री. (वृहद्राविन्+स्त्रियां ङीप्) धुवर माहा. वृहत्काश पुं. (वृहच्चासौ काशश्च) मे. तनु घास. वृहद्राविन् पुं. (वृहद् रौति, रु+णिनि) मे. सातवें वृहत्कुक्षि त्रि. (वृहत्कुक्षिः यस्य) मोटा पेटा.. धुप ५६l. (त्रि. वृहद्राव+अस्त्यर्थे इनि) भो.21 वृहत्ताल पुं. (वृहन् ताल:) तिार वृक्ष. શબ્દવાળું. वृहत्तिक्त स्त्री. (वृहती चासौ तिक्ता च) 4. वनस्पति. वृहद्वल्क पुं. (वृहत् वल्कमस्य) पट्टिा -बोध२वृक्ष.. वृहत्तृण न. (वृहत् तृणं यत्र) aiसनु 3. वृहद्वात पुं. (वृहत् वातो धातुभेदो यस्मात्) ते. नामे वृहत्त्वच पुं. (वृहती त्वक् यस्य) ते. नामे मे. 13. | मे आउ. वृहत्पत्र पुं. (वृहत् पत्रं यस्य) स्त.६ वृक्ष. वृहद्वारणी स्त्री. (वृहती चासौ वारुणी च) महेन्द्रपा२९ वृहत्पत्रा स्री. (वृहत् पत्रं यस्याः) त्रिप वनस्पति. वनस्पति. वृहत्पाटलि पुं. (चुरा. पट्-अलिः, वृहच्चासौ पाटलिश्च) | वृहद्वीज पुं. (वृहत् वीजमस्य) Aud5-मारो ધંતૂરાનું ઝાડ, वृक्ष. वृहत्पाद पुं. (वृहत् पादो मूलं यस्य) 4उनु, उ. (त्रि. | वृहन्नड, वृहन्नल पुं. (वृहन्नलो यस्य डलयोरभेदात्/ वृहत् पादो यस्य) भो। ५गवाणु. वृहन्नला यस्य) अर्जुन. वृक्ष-०६७. वृहत्पालिन् पुं. (वृहतः पालयति, पाल+णिनि) 40. | वृहस्पति पुं. (वृहत्या वाचः पतिः पृषो. नि.) हेवगुरु, हेवाया- 'सन्त्यन्त्येऽपि वृहस्पतिप्रभृतयः संभाविताः वृहत्पीलु पुं. (वृहच्चासौ पीलुश्च) मोटा पादुनु, जाउ. पञ्चषास्तान् प्रत्येष विशेषविक्रमरुची राहुर्न वैरायते' वृहत्पुष्प न. त्रि. (वृहच्च तत् पुष्पं च/वृहत् पुष्पं -भर्तृ० । . .. यस्य) भौटुंस, भो.. सवाj. | वृहस्पतिचक्र न. (वृहस्पतेः चक्रम्) साठ वर्षनु, मे. वृहत्फल न. (वृहच्च तत् फलं च) भौटुं ३०. (त्रि. य.. वृहत् फलं यस्य) मीटर वाj. वृहस्पतिसव (पुं.) में य.. वृहत्फला स्त्री. (वृहत् फलं यस्याः) वा तुंबडी, | वृ (क्रया. उभ. स. सेट् वृणाति-वृणीते) 4२y, स्व.६२, मान , भोट ijk 3, बीनू उ. ५संह २. वृहत्सामन् न. (वृहत् साम) ते ना. साम.. वे (भ्वा. उभ. स. अनिट्-वयति-ते) 4.- सितांशुवृहदङ्ग पुं. (वृहत् अङ्गं यस्य) हाथी... वणैर्वयति स्म तद्गुणैः-नैष० १।१२। वृहदङ्गी स्त्री. (वृहदङ्ग+स्त्रियां जाति. ङीष्) थी . केकट (पुं.) ॐवे, नियो, नu2s ४२२, . वृहदम्ल पुं. (वृहच्चासौ अम्लश्च) ते. नामे में. 3. ___तर्नु भाछ.. वृहदेला स्त्री. (वृहती चासौ एला च) भी.टी. मेदायथी. वेग पुं. (विज्+घञ्) प्रवाह, वे -मदनज्वरस्य वेगात् वृहद्ग्रह पुं. (वृहद् ग्रहं यस्मिन्) ते. नामनी मे. शि. ___ -का० । मुशी, भ, रेतस, ॐ3५, महण , वृहद्गोल न. (वृहद् गोलं गोलाकारं फलम्) तरबूय. વીર્ય, આકસ્મિક આવેગ, મૂત્રવિષ્ટા વગેરેને બહાર वृहद्दल पुं. (वृहद् दलमस्य) मे तनु, बोधवृक्ष, કાઢવાનો એક યત્ન, ન્યાયમાં કહેલ એક સૂત્ર. हितासवृक्ष. वेगतस अव्य. (वेग+पञ्चम्यर्थे तसिल) वेगथी, ॐउपथी, वृहद्धल (न.) भोटुं . _Galama. वृहद्भट्टारिका स्त्री. (वृहती चासौ भट्टारिका च) हु | वेगरोध पुं. (वेगस्य रोधः) वानी. 4254. वी, पार्वती.. वेगरोधन न. (वेग+रुध्+ल्युट) व .पोते. वृहद्भानु पुं. (वृहद् भानुः किरणो यस्य) मन, वेगवत्, वेगिन् त्रि. (वै+अस्त्यर्थे मतुप मस्य वः। यित्रानुं जाउ. वेग+अस्त्यर्थे इनि) वेगवाणु, स्फूर्तिवापुं. वृहद्रथ पुं. (वृहद् रथोऽस्य) न्द्र, 5 तर्नु यशात्र, वेगवत्तम, वेगवत्तर त्रि. (वेगवत्+अतिशये तमप्/ . . नामर्नु मे सम. __ वेगवत्+अतिशथे तरप) सत्यन्त वेगवाj. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016069
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages562
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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