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________________ विश्वासकृत्-विषनाशन शब्दरत्नमहोदधिः। १९०९ विश्वासकृत् त्रि. (विश्वासं करोति, कृ+क्विप्+तुक | विषजुष्ट त्रि. (विष+जुष्+क्त) २ पास, २ सेवस.. च) विश्वास. १२८२. विषज्वर पुं. (विषमिव प्राणहन्ता ज्वरो यस्य) ५ो. विश्वासघात पुं. (विश्वासस्य घातः) विश्वासनी घात. विषज्वरी स्त्री. (विषज्वर+स्त्रियां जाति. ङीष्) मेंस.. विश्वासघातक, विश्वासघातिन् त्रि. (विश्वासं हन्ति, | विषण्ड न. (विशेषेण षण्डम्) भजन Bisal.. हन्+ण्वुल्/विश्वासस्य घाती) विश्वासघात. ४२८२, विषण्ण त्रि. (वि+सद्+क्त) senो पामेल, 16 ४५४ी. थयेस, युडत. विश्वासभङ्ग पुं. (विश्वासस्य भङ्गः) विश्वासनी ना.. | विषण्णमुख, विषण्णवदन, विषण्णास्य त्रि. (विषण्णं विश्वासस्थान न. (विश्वासस्य स्थानम्) विश्वासन ___मुखं-वदनं आस्यं यस्य) ६ पामेला भुजवाणु, घ२. કંટાળેલા મુખવાળું. विश्वेदेव पं. न. ब. (विश्वे दीव्यन्ति) ते नामाना . विषण्णता स्त्री. विषण्णत्व न. (विषण्णस्य भावः श्राद्धवि. विश्वा न पुत्री- वसुः सत्यः क्रतुर्दक्षः ___ तल्+टाप्-त्व) , saml. कालः कामो धृतिः कुरुः । पुरूरवा माद्रवाश्च विषतिन्दु पुं. (विषयुक्तः तिन्दुः) ॥२२४२ वृक्ष, ५.5 विश्वेदेवाः प्रकीर्तिताः (पुं.) भनिन, यित्रानु, ७. વૃક્ષ, ખરાબ પિલુનું ઝાડ. विश्वेश्वर पुं. (विश्वस्य ईश्वरः) tीमi भावेलु और विषद पुं. (विषं हालाहलं जलं वा ददाति, दा+क) મહાદેવનું લિંગ-પિંડી. ___ मेघ, भोथ, घोगा. २२0, (त्रि. हालाहलं ददाति, दा+क) विष् (जुहो० उभ. सक, अनिट्-वेवेष्टि-वेविष्ट) व्य५j. २. मापना२, धोम गवाणु. (न. वि+षद् + अच्) (त्र्या. प. अ. अनिट्-विष्णाति) वियोगी थj, हर | મોરથુથુ. ५७, छूटा था. (भ्वा. प. स. अनिट-विषति) | विषदंष्ट्रा स्त्री. (विषयुक्ता दंष्ट्रा) सी. ६., ३ सीय, ७izg. हाढ, में तनो वेतो. विष स्त्री. (विष्+क्विप्) भम, विष्ट, विष्य, अन्या-ठेम -विट्पतिः विषदन्तक, विषघर पुं. (विषं दन्ते यस्य, कप्/विषं विष न. (विष्-सेचने+क) पाए0- विषं जलधरैः पीतं धरति, धृ+अच्) स. मूच्छिताः पथिकाङ्गना:-चन्द्रा० ५।८२। ५.स.२, विषदन्तकी, विषधरी स्त्री. (विषदन्तक+स्त्रियां जाति. २१. -मोदी, 401, २- विषं भवतु मा भूद् ङीष्/विषधर+स्त्रियां जाति. ङीप्) सा५.ए. वा फटाटोपो भयङ्करः-पञ्च० १।२०४। (पुं. न. विषदर्शनमृत्युक पुं. (विषस्य दर्शनेन मृत्युरस्य, कप्) विष्+क) 3315 २. (पुं.) भजनो. ६ise.. ચકોર પક્ષી. विषकण्टकिनी स्त्री. (विषुयुक्तं कण्टकमस्याः, इनि+ विषदर्शनमृत्युकी स्री. (विषदर्शनमृत्युक+स्त्रियां जाति. ङीप्) मे तनो al. ___ ङीष्) यो२ ५क्षिणी. विषकण्ठ पुं. (विषं कण्ठे यस्य) शिव. विषद्रुम पुं. (विषयुक्तो द्रुमः) ४८२२४२-3413 वृक्ष. विषधा स्त्री. (विषं हन्ति, हन्+ड निपा० कुत्वं च- | | विषधर त्रि. (विषं धरति, धृ+अच्) २ धा२५. ४२४२, टाप) गो. विषघातिन, विषघ्न पं. (विषं हन्ति, हन+णिनि/विषं | विषधर्मन् पुं. (विषस्येव धर्मोऽस्य अनिच् समा०) हन्ति, हन्+टक्) (शरीष. वृक्ष, २नो. न४२८२, એક જાતનો વેલો. જવાસો, બહેડાનું ઝાડ, ચંપાનું ઝાડ. विषधात्री स्री. (विषं धारयति, धृ+तृच्+ङीप्) ४२.513 विषघ्नी स्त्री. (विषं हन्ति, हन्+टक्+ङीप्) ल. स्त्री.. મોચિકા, ઈદરવરણી, ભોંયઆંબલી, હળદર, લાલ विषनाशन, विषनाशिन् पुं. (विषं नाशयति, नश्+ साटोn, H९८४२०४ वृक्ष. णिच् + ल्यु-णिनि) शिरीष, वृक्ष-स२सानु, आ3. (त्रि. विषजिह्व पुं. (विषयुक्ता जिह्येव पत्रमस्य) देवता विषं नाशयति/विष्+नश्+णिच्+णिनि) २नो नाश કરનાર. २. वृक्ष. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016069
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages562
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size10 MB
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