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________________ ब्रह्मसंशित-ब्रह्माधिगम] शब्दरत्नमहोदधिः। १५९७ ब्रह्मसंशित त्रि. (ब्रह्मणा मन्त्रेण संशितः) मंत्री. ता | ब्रह्मसू पुं. (ब्रह्माणं सूतवान् सू+क्विप्) यतुव्यूहात्म, ३८. विनी. . भूत, भनिरुद्ध. (पुं. ब्रह्मणि तपसि ब्रह्मसंहिता स्री. (ब्रह्मणः संहिता) वैष्णवोन। माया२ सुवति प्रेरयति, सू-प्रेरणे+क्विप्) महेव. सिद्धान्तनो में ग्रंथ- कृष्णोपनिषदां सारः सञ्चिता ब्रह्मसूत्र न. (ब्रह्माणि वेदग्रहणकाले उचितं सूत्रम् ब्रह्मणोदिता । ब्रह्मप्रतिपादकं सूत्रम् वा) xls, प्यासे. ४२दु ब्रह्मसती स्त्री. (ब्रह्मरूपा सती) स.२२वती.. બ્રહ્મપ્રતિપાદક “શારીરિક સૂત્ર’. ब्रह्मसत्ता स्त्री. (ब्रह्मणः सत्ता) हानी गठिात्री ब्रह्मसूनु पुं. (ब्रह्मणः सूनुः) वाइवंशी थे. २%સત્તા, વેદ વગેરે શાસ્ત્રની સત્તા, તપની સત્તા. हात्त वसिष्ठ वगेरे. ब्रह्मसत्र न. (ब्रह्म वेदस्तत्पाठरूपं सत्रम्) वेन, अध्ययन ब्रह्मसोमा (मी.) वनस्पति. नाही.. तथा तन अध्यापन. ब्रह्मयज्ञ श६ मी. ब्रह्मस्तेय न. (ब्रह्मणः स्तेयः) शस्त्र ३ वहनी. योरी, ब्रह्मसदन न. (सीदत्यस्मिन्, सद्-आधारे ल्युट् ब्रह्मणः આજ્ઞા વિના વેદ કે શાસ્ત્રનું ભણવું. सदनम्) विनुं हमासन, बहस, ब्रहमान २3811. ब्रह्मस्थान न. (ब्रह्मणः स्थानम्) ते. नामनु, . ती. ब्रह्मसम्भव पुं. (ब्रह्मणो राज्ञः सम्भवति, सम्+भू+अच्) | ब्रह्मस्व न. (ब्रह्मणः स्वम्) बानधन. द्विपृष्ठ नमाना छैनविशेष. (त्रि. ब्रह्मणः सम्भवति, ब्रह्मस्वरूप न. (ब्रह्मणः स्वरूपम्) ब्रह्म-बा- प्रार्नु सम् +भू+अच्) ईश्वरथी उत्पन थनार, नहाथी. સ્વરૂપ, વેદનું સ્વરૂપ. ઉત્પન્ન થનાર વસિષ્ઠ વગેરે. ब्रह्महत्या स्त्री. (हन्+क्यप्+टाप, णः ब्रह्महत्या) ब्रानो ब्रह्मसरस (न.) ते नमर्नु, .3 तीर्थ. वध. ब्रह्मसर्प पुं. (ब्रह्मेव बृहन् सर्पः) मे तनो भोटो. ब्रह्महत्यासम (न.) हाडत्या समान असत्य माप.एस. साप. ब्रह्महन् त्रि. (ब्रह्माणं हतवान् हन्+क्विप्) बानो ब्रह्मसात् अव्य. (ब्रह्माधीनं करोति साति) हमने २नार. બ્રાહ્મણને આધીન, બ્રહ્માર્પણ, બ્રહ્મ અગર પરમાત્માની ब्रह्माङ्गभू, ब्रह्मात्मभू पुं. (ब्रह्मणोऽङ्गात् भवति, स्थिति. भू+क्विप्/ब्रह्मणः आत्मनः देहात् भवति, भू+क्विप्) ब्रह्मसामन् (न.) सामवहन मम विभा.. घो., बाहाना पुत्र. ब्रह्मसायुज्य न. (सह युनक्ति युज्+क्विप, तस्य भावः ब्रह्माञ्जलि पुं. (ब्रह्मणे शास्त्रपाठाय अञ्जलि:-गुरौ कृतो __सायुज्यं, ब्रह्मणः सायुज्यम्) नामाव-ईश्व.२५.७॥ने. विनयाञ्जलि: स्वरविशेषज्ञापनार्थं वा कृतोऽञ्जलि:) पाम त- ब्रह्मणो भवनं ताद्रूप्यं ब्रह्मभूयं भूहनः વેદપાઠ માટે કે શાસ્ત્રના અભ્યાસ માટે ગુરુને જોડેલા कयबिति कयप् त्वतौ भावे इति त्वे ब्रह्मत्वम् બે હાથ-ગુરુ પ્રત્યે વિનયાંજલિ, વેદના સ્વરવિશેષ मग्धबोधमते । જણાવવા માટે કરેલો વિનયરૂપ પ્રણામ. ब्रह्मसाष्टिता स्त्री. (ब्रह्मणः साष्टिता) ब्रह. तुल्य गति. बह्माणी सी. (ब्रह्माणं आनयति जीवयति, ब्रह्मसावर्णि पुं. (ब्रह्मपुत्रः सावर्णिः) ते नमन शमी अन्+णिच्+अण् पूर्व० णत्वम् ङीप्) नाति , मनु- मन्वन्तरे तु दशमे ब्रह्मपुत्रस्य धीमतः-भाग० ८।१३।२१।। રેણુકા નામે ગન્ધ દ્રવ્ય, રાજરીતિ, બ્રહ્માના અધ ब्रह्मसिद्धान्त पुं. (ब्रह्मणः सिद्धान्तः) बाहामे, २येस. શરીરથી ઉત્પન્ન થયેલી શતરૂપા, બ્રહ્માની પત્ની એક જ્યોતિષનો સિદ્ધાન્ત. सावित्री, रायत्री, सरस्वती. ब्रह्मसुत पुं. (ब्रह्मणः सुतः) बहाना पुत्र. भशयि वगैरे. | ब्रह्मादनी स्त्री. (ब्रह्मा ब्रह्मवाहनं हंसः, तस्येवादनं पादरूपं हेतु विशेष. यस्याः गौरा. ङीष) हंसपदी शब्द मो. ब्रह्मसुवर्चला (स्री.) स्नान २ वा. ६६२ दूध | ब्रह्माधिगम, ब्रह्माभ्या | ब्रह्माधिगम, ब्रह्माभ्यास पुं., ब्रह्माधिगमन न. (ब्रह्मणः જેવા રસવાળી પાણીમાં પેદા થનાર એક ઔષધિ, __ वेदस्य अधिगमः/ब्रह्मणः वेदस्य अभ्यासः/ब्रह्मणः બ્રહ્મસુવર્ચલા નાંખી ઉકાળેલું પાણી. वेदस्य अधिगमनम्) वहाध्ययन-वाभ्यास. ४२वो ते.. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016068
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages838
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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