SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 34
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चर्षणी-चवर्ग] शब्दरत्नमहोदधिः। ८४१ चर्षणी स्री. (चर्षणि+स्त्रियां ङीप्) व्यमिया२ि५ स्त्री, | चलन त्रि. (चल+ल्यु.) ५वणु, डालतुं, यासतुं छीना. द्वावुपायाविह प्रोक्तौ विमुक्तौ शत्रुदर्शने । चल (तुदा. पर. सेट-चलति) त, २म, विलास. ४२वी. हस्तयोश्चलनादे को द्वितीयः पादवेगजः ।। . (भ्वा. पर. सेट् स.-चलति) ४j, यासg, -छिन्नाश्चेलुः पञ्चतन्त्रे २।१७४। क्षणं भुजाः-भट्टि० १४।४०, -पदात् पदमपि चलितुं न चलनक पुं. न. (चलन+कन्) उत्तम स्त्रीन, आधा शक्नोति-पञ्च० ४. । उद्+चलाये ४, मो . साथ सुधार्नु वस्त्र.. (उच्चचाल बलभितसखो वशी - रघु० १११५१। चलना स्त्री. गति. मन. बालवयव, धू°४५. वि+चल विशेष. याव.. (चुरा. उभय. सेट-चालयति, चलनी स्त्री. (चल+आधारे ल्युट + ङीप्) २४., मृगली, चालयते) पाणg,6छे२, भ.२४५-पोष। ४२. ચણિયો, ઘાઘરી, હાથી બાંધવાની સાંકળ. चल पुं. (चल+अच्) ५२मेश्व२, ५।२६, ५।२८, ५वन, चलपत्र पुं. (चलानि पत्राण्यस्य) पाणन आ3 अङ्गेन वायु, ७५, शिव, विष्णु - महाकेतुर्महाधातुनैकसानु केनापि विजेतुमस्या गवेष्यते किं चलपत्रपक्षम्-नै० । चरश्चल:-महा० १३।१७।११६ । (त्रि. चल्+अच्) यण, मस्थिर, वाणु. (न. चल+णिच्+अच्) चलपुच्छ पुं. (चलं पुच्छमस्य) i०४न. ५क्षा, हिवाणी __घो.. पन, sing, डास -ताडका चलकपालकुण्डला कालिकेव निबिडा बलाकिनी-रघु० ११।१५ (न.) चलमान त्रि. (चल्+शानच्) सतुं, यासतुं, ३२तुं. એક છંદ, જેના એક પાદમાં અઢાર અક્ષર હોય છે. चलस् न. 3 तनी. भा. चलकर्ण पुं. (चल: कर्णः यस्मिन्) पृथ्वीथी. As चलसंक्रान्ति स्त्री. अयनांशन यस.न. मेथ. ते સુધીનું જે અંતર હોય તે. રાશિઓના વિશેષ અંશમાં સૂર્ય વગેરે ગ્રહનો સંચાર. . चलकेतु पुं. (चल: केतुः) 5 तनी 141, 48. चलसन्धि पुं. (चल: सन्धिः) यासतो. साधी. चलचञ्चु पुं. (चला चञ्चुरस्य) २२ पक्षी. (स्त्री. चला स्त्री. (चल+अच+टाप) सुक्ष्मी, वीजी, शिलारस. चला चञ्चुरस्याः) यो२५क्षिी . चलाचल त्रि. यंयम, य५ण, स्थाव२-ॐगम, जन्मिनोचलचित्त न. (चलम् चित्तम्) यंयण मन.. (त्रि. चलं ऽस्य स्थितिं विद्वान् लक्ष्मीमिव चलाचलाम्___ चित्तमस्य) य५५ भनवाणु. किरा० ११।३० । (पुं.) 32. चलचित्तता स्त्री., चलचित्तत्व न. (चलचित्तस्य भावः चलाचली स्त्री. - 31.10.. तल्-त्व) यंयण मनवाय. चलातङ्क पुं. (चले चलने आतङ्को भयं यस्मात्) चलत् त्रि. (चल्+शतृ) यावतुं ४तुं. વાતામયનો ભેદ, એક જાતનો વાતરોગ. चलता स्री., चलत्व न. (चलस्य भावः तल्-त्व) चलि पुं. दी। वोर्नुि माछाहन... ચંચળપણું. चलित त्रि. (चल्+क्त) यणे, यावे.यु, हासेस, स, चलत्पद न. यासतुं, स्थानभ्रष्ट. ___ यायमान थयेट. (न.) याल, सयु, ५j - चलत्पूर्णिमा स्त्री. (चलन्ती पूर्णिमा पूर्णिमाचन्द्र इव) मे. तयोविलासवलितैश्चलितापाङ्गविभ्रभैः-राजत० ५।२६५ । જાતનું માછલું. चलु पुं. (चल्+उन्) डोगगो. चलदङ्ग, चलदङ्गक पुं. (चलन्ति अङ्गान्यस्य / चलदङ्ग चलुक पुं. (चलुना मीयते कन्) तनुं नानु वा कप्) मे तनुं भा७j चलदल, चलद्दल पुं. (चञ्चलानि दलान्यस्य) पार्नु पात्र, डायनो lal. चलेन्द्रिय त्रि. (चलानीन्द्रियाण्यस्य) यंग छन्द्रियवाj. 3. चलद्विष पुं. अयद पक्षी, दि. ५क्षी.. चलेन्द्रिय न. (चलमिन्दियम्) यंयणन्द्रिय. चलन न. (चल+ल्युट) भ्रम, याब, laj, dj, चलेषु पुं. (चलो लक्ष्यमप्राप्त इषुर्यस्य) सक्ष्य तावामा Buj -चलनं च विना कार्यं न भवेदिति मे मतिः ચૂકી જાય છે તેવો અનિપુણ બાણાવલી. देवीभाग० १।१७।१९ । (पुं. चलत्यनेन चल+करणे | चवर्ग पुं. (चस्य वर्गः) तायुस्थानथा. उथ्यास. स्५०. ल्युट) ५, iटियो, रिए, भृग, 4salो 4-2, ७, ४, ॐ, म. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016068
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages838
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy