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________________ ११०६ शब्दरत्नमहोदधिः। [देवतर-देवदालिका देवतर त्रि. (अतिशयेन देवः दीप्तः देवको वा तरप्) | देवतायतन न. (देवतायाः आयतनम्) हेव मन्दिर, અતિશય દીપ્ત-પ્રદીપ્ત, અતિશય રમતિયાળ. हवालय. देवतरु पुं. (देवप्रियस्तरु: देवानां तरुर्वा) भन्हा२, | देवतिथि (पुं.) पुरवंशी. मोधन पुत्र-स. २०%81. પારિજાતક, સન્તાનક, કલ્પવૃક્ષ, હરિશ્ચન્દન એવાં देवत्र त्रि. (देवान् त्रायते त्रा+क) हेवानी. २६॥ ४२ना२. पाय. वृक्ष. पै.डी. से., चैत्यवृक्ष - पञ्चैते देवतरवः देवत्रा अव्य. (देवाय देयं करोति सम्पद्यते वा देये त्रा) मन्दार: पारिजातकः । संतानः कल्पवृक्षश्च पुंसि वा દેવને અર્પણ કરવા યોગ્ય, દેવને સ્વાધીન. हरिचन्दनम्' - अमरको० । देवदण्डा स्त्री. (देवात् मेघाद्दण्डोऽस्याः) नागना नामनी. देवता स्त्री. (देव एव स्वार्थे तल देवस्य भावः वा तल | मे. वनस्पति. टाप्) घोगा धंतूशन जाउ, हेवनी भूर्ति, हेवा. .. देवदत्त (पुं.) बुद्धवनो नानी माS, अर्जुननो ते. नामको ता नो देवा देवतया युवं मधुमतस्कृतम्- એક શંખ, તે નામનો એક નાગ, શરીરમાં રહેલો ऋग्वेदे १०।२४।६।। म. प्र.२नो वायु. (पुं. देवा एनं देयासुः दा+संज्ञायां देवताजित् पुं. (देवतां जयति जि+क्विप्) हेवन तना२ क्त ददादेशश्च) ते. नामे भास. (त्रि. देवेन અસુર વગેરે, ભરતના મિત્ર સુમતિનો એક પુત્ર. देवाय वा दत्तम्) ४३. सापेल, विनिमित्त अपए। देवताड, देवताडक पुं. (देवो दीप्तस्तालः लस्य ड/ કરેલ ગ્રામ વગેરે. स्वार्थे क) देवताड नामन मे वृक्ष, घोष देवदत्तक पुं. ब. व. (देवदत्तः मुख्योऽस्त्येषां कन्) नामनी सता. (पं. देवी आदित्यचन्द्रौ ताडयति । हेवहत्तभ मध्य होय ते. ताडि+ अण) राई. (पुं. देवनाय दीपनाय ताड्यतेऽसौ | देवदत्ता स्त्री. (जै. प्रा. देवदत्ता) वि५॥ सूत्र'- मे. ताडि+कर्मणि अच्) अग्नि.. નામનું નવમું અધ્યયન, ચંપાનગરીની રહેવાસી, એક देवतात पुं. (देवानां तातः) श्य५, भय, Bि२४ - | गरा-वेश्या. ब्रह्मा, यश. देवदत्ताग्रज पुं. (देवदत्तस्याग्रजः) सुद्धव. देवताति पुं. (देव+स्वार्थे तातिल्) हेव, ताई.४२. | देवदर्श, देवदर्शक त्रि. (देवं पश्यति, दृश्+अण्/ પરમાત્માનું એક નામ. देवस्य दर्शकः देवं पश्यति दृश्+ण्वुल्) हेवने ठोनार, देवताधिकरण न. (देवताऽधिक्रियतेऽत्र, अधि+कृ+ | देवतार्नु हशन ७२॥२. आधारे ल्युट) हैवान यशम अघिN५ | देवदर्शन न. (देवस्य दर्शनम् (पुं.) ते. नामे में. અનધિકારિપણું છે એવું સાધનાર એક ન્યાય-વિચાર. | देवताधिप, देवताधिपति पुं. (देवतानामधिपः। । देवदर्शम् अव्य. (देवं दृष्ट्वा इत्यर्थे णमुल्) विनय देवतानामधिपतिः) इन्द्र, ५२भेश्वर. દર્શન કરીને, દેવને જોઈને. देवानुक्रम पुं. (देवानामनुक्रमः) देवतानो अनुभ.. देवदानी स्त्री. (देवानामिव दानं शुद्धिरस्याः दैप् देवताप्रणिधान न. (देवतायाः प्रणिधानम्) हेवर्नु, ध्यान... शोधने+भावे ल्युट गौरादित्वात् ङीष्) स्तिघोषा देवताप्रतिमा स्त्री. (देवतायाः प्रतिमा) हेवनी प्रतिकृति, નામની લતા. __ प्रतिमा. देवदारु न. (देवानां दारु तेषां प्रियत्वात्/पुं. देवप्रियं देवताप्रतिष्ठा स्त्री. (देवतायाः प्रतिष्ठा) विना प्रतिष्ठा, दारु यस्य) हेवहा३ नामर्नु वृक्ष -'अमुं पुरः पश्यसि શાસ્ત્રવિધિપૂર્વક દેવની સ્થાપના. देवदारुम्' - रघुवंशे । -वनानि देवदारूणां मेघानामिव देवताभ्यर्चन न. (देवताया अभ्यर्चनम्) देवपू, हेवनी । वागुराः -महा० ३११७८।१०। सेवा. देवदालिका, देवदाली स्त्री. (देवदालीव काति, देवतामय त्रि. (देवतात्मकं देवता+मयट) हेवमय, कै+क+टाप् पूर्व ह्रस्वः) मडास. नमन, वृक्ष.. हेवस्व.३५. (स्त्री. देवेन मेघोदयेन दालो दलनं यस्याः डीए) देवतामयी स्री. (देवतात्मके स्त्रियां ङीष्) (8२७५. वेद नामनी में दो -देवदालीफलं तिक्तं हेवता. कृमिश्लेष्मविदारकम्-भावप्र० । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016068
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages838
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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