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________________ 33. १०८६ शब्दरत्नमहोदधिः। [दुर्मन्तु-दुर्लतिका दुर्मन्तु त्रि. (दुर्+मन्+तुन्) हुष्ट मानतुं. । दुर्मुहूर्त पुं. (दुर्निन्दितो मुहूर्तः) लिन्हित. भुत, दुर्मन्त्रित त्रि. (दुर्+मन्त्र+क्त इट) दुष्ट मंत्रल, २५ | भुत. विया३८.. (न. दुष्टं मन्त्रितम्) हुष्ट मंत्र, २५. | दुर्मूल्य त्रि. (दुःस्थितं मूल्यमस्य) घj ४ भोछु, अयोग्य विया२-मसलत. मतuj. (न. दुःस्थितं मूल्यम्) भूल्य दुर्मन्त्रिन् पुं. (दुष्टो मन्त्री) २. सवार, २८% હોવું જોઈએ તેનાં કરતાં અધિક મૂલ્ય, ઘણી કીમત. हुष्ट प्रधानमंत्री, ५२. वाणी मंत्री... दुर्मेध, दुर्मेधस् त्रि. (दुष्टा मेधा यस्य-दुर्निन्दिता मेधा दर्मर पं., दर्मरण (दष्टो मरः/मरणः मृत्युः) ६ थी । धारणवती बुद्धिर्यस्य वेति/दुष्टा निन्दिता वा मेधाऽस्य भ२ , मायघात-मुभात, ४९२४ म२५. (त्रि. असिच्) हुष्ट बुद्धिवाणु, ५२म बुद्धिवाणु, मह दुष्टो मरः यस्य/दुःखेन मरणं यस्य, मृ+कर्मणि बुद्धिवाणु - ग्रन्थानधीत्य व्याकर्तुमिति दुर्मेधसोऽप्यलम्ल्युट/न. दुःखेन म्रियते भावे ल्युट) दुःपथी भरनार, शिशु० -२।२६। -न किञ्चिदुक्त्वा दुर्मेधास्तस्थौ આપઘાત કરનાર, કુમોતે મરનાર. () પીપરનું किञ्चिदवाङ्मुखः-महा० ३।१०।२९ । दुर्मोह पुं. (दुर्निन्दितो मोहो यस्मात्) slzतुgst नमनी दुर्मरा स्त्री. (दुर्मर+टाप्) घोजी घरो, दू[. वनस्पति. दुर्मर्ष, दुर्मर्षण त्रि. (दुःखेन मृष्यते दुर्+मृष्+कर्मणि दुर्मोहा स्त्री. (दुर्मोह+टाप्) 51516-0-5थारो नामनी खल्/दुर्+मृष्+युच्) स.न. ४२वाने आशय, मथी. વનસ્પતિ. સહન કરવા યોગ્ય. दुर्य पुं. (दुरं द्वारं याति या+क दुरि द्वारे भवः वा दुर्मर्षण पुं. (दानवादिभिः मर्षितुं न शक्यते) १८, यत्) घर, बा२५॥मा २3सो. स्तम. ધ્રુતરાષ્ટ્રનો તે નામનો એક પુત્ર. दुर्यन्त पुं. (जै. प्रा. दुग्जित) मे. प्रायीन हैन भनि. दुर्मल्लिका, दुर्मल्लीका (स्री.) साहित्य प्रसिद्ध दृश्य । दुर्यशस्, दुर्यशस्क त्रि. (दुर्निन्दितं यशः यस्य/दुष्टं કાવ્ય રૂપ એક રૂપક. यशो यस्य कप्) हुष्ट यशवाणु, अ५.तिवाणु. दुर्मायु त्रि. (दुष्टानि आयुधानि मिन्वन्ति क्षिपन्ति ये (न. दुष्टं यशः) दृष्ट ५२, लिन्हित शति-अ५.४ीति. दुर्+मि+उण्) हुष्ट मायुधो. ३४२. दुर्योग पुं. (दुष्टो योगः प्रा. स.) होमय. सूय दुर्मित्र न. (दुष्टं मित्रम्) दुष्ट मित्र, शत्रु. (त्रि. दुष्टं प्रयोग दुःस्थितं वा मित्रं यस्य) दुष्ट मित्रवाणु. दुर्योण न. (दुष्टो योनिः स्थानमस्त्यस्य अच् संज्ञात्वात् दुर्मित्रिय त्रि. (दुर्मित्राय अमित्रत्वाय साधु छ) मित्र णत्वम्) २५।-संयम, युद्ध. ३५. २३८. दुर्योध त्रि. (दुःखेन युद्धयतेऽसौ दुर्+युध+कर्मणि खल्) दुर्मिलका (स्री.) ते. नामनी मे. भात्रावृत्त ७६. મુશ્કેલીથી લડી શકાય તેવું, દુઃખથી યુદ્ધ કરી શકાય दुर्मुख पुं. (दुर्निन्दितं मुखं यस्य दुःस्थं मुखं तद्व्यापारो | ते. वाऽस्य) न२ -ततो यूथपतिर्वीरो दुर्मुखो नाम | दुर्योधन पुं. (दुर् दुःखेन युद्ध्यतेऽसौ युध्+युच्) वानरः -रामा० ४।३९।३३। ते. न . २,A. धृतराष्ट्रनो सौथी भोटो पुत्र -कलेरंशस्तु संजज्ञे નામે એક રાક્ષસ, મહિસાસુરનો સેનાપતિ, મહાદેવ, भुवि दुर्योधनो नृपः -महा० १।६७।८८ धृतराष्ट्रनो मे. पुत्र, घोडी, ते ना. मे. यक्ष, | दुर्योनि स्त्री. (दुष्टा निन्दिता योनिः प्रा. स.) दुष्ट રામચંદ્રના અન્તઃ-પુરનો એક ચાકર, ઉત્તર દ્વારનું | ति, ५२.७ति. (त्रि. दुष्टा निन्दिता योनिर्यस्य) ५२, 16 संवत्स२. पै.डी. तर वर्ष. (त्रि. दुःस्थं । दुष्ट तिवणु-५२२७. तिवाणु - 'न कथंचिद् दुःखजनकं वा मुखं तद्व्यापारस्तन्निःसृतवचनं वाऽस्य) दुर्योनिः प्रकृतिं स्वां नियच्छति' -मनु० । सानिया लोसना२ -मप्रिय शनवाजो -चक्रे वसन्तक- दुर्लतिका स्री. (दुष्टा लतैव स्वार्थे क टाप् अत स्यापि रूपं दन्तुरदुर्मुखम् -कथासरित्सा० १२।५। इत्वम्) लिन्हित. वेदो-५२७. वेतो. (स्री.) ते. नामनो (न. दुष्टं मुखम् प्रा. स.) हुष्ट भोईं. से छह. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016068
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages838
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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