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________________ ४८ शब्दरत्नमहोदधिः। [अदोष-अद्रिराज अदोष पु. (न दोषः) १. होपन समाप, त्रुटीमोथी. अद्यापि अव्य. (अद्य-अपि) ४ ५५५, २८°४ सुधी, રહિત. ૨. અશ્લિલતા અને ગ્રામ્ય વગેરે સાહિત્યના | અત્યારે નહીં, આજથી લઈને, દોષોથી મુક્ત. अद्रव पु. (न द्रवः) द्रवन साव. अदोष त्रि. (नास्ति दोषो यस्य) प. विनानु. अद्रव त्रि. (न द्रवः यस्य) द्रव विनानु शुन्य. अदोह पु. (नास्ति दोहो यस्य) होडवा माटेनी अयोग्य | अद्रव्य न. (अप्रशस्तं द्रव्यम्) ५२ हाथ, समय, नहोडवाय ते. | द्रव्य, अयोग्य पहा, तुच्छ वस्तु, नमो. ५६. अद्ग न. (अद् गन्) पुरोश. अद्रि पु. (अद् क्रि) १. पर्वत, २. ५वतनो ५८५२, 3. अद्धा अव्य. (अत् धा क्विप्) १. ५२५२, २. सायु, | वृक्ष, ४. मेध, ५. aun, . सूर्य, ७. .5 तर्नु 3. यथार्थ ४. शतिशय, ५. साक्षust२,७.स्पष्ट, ७. परिभास, ८. सातनी संध्या. नी - व्यालाधिपं च यतते परिरब्धुमद्धा-भाभि. ११५ | अद्रिकर्णी स्त्री. (अद्रि+कर्ण+ङीप्) ते. नामनी मे अद्भुत न. (अत् भा डुतच्) मा.२२॥स्त्र प्रसिद्ध वनस्पति... નવ રસોમાંથી તે નામનો એક રસ, આશ્ચર્ય. | अद्रिकील पु. (अद्रेः सुमेरोः कील इव) १६४मपत. अद्भुत त्रि. (अत् भा डुतच्) समुत, सभात | अद्रिकीला श्री. (अद्र्यः कीला इव यस्याः) पृथ्वी.. 6त्पन यनार 6त्पात. व३, माश्चन, वियित्र. | अद्रिज न. (अद्रौ जायते जन्+ड) पर्वतम पथनार, अद्भुतसार पु. (अत् भा डुतच) २नो सार, जेरी १. शिलात, २.२ ३. ६२. अद्रिजा स्त्री. (अद्रि जन्+ड टाप्) पात.. अद्भुतस्वन पु. (अद्भुतः स्वनो यस्य) महावि, | अद्रितनया स्त्री. (अद्रेः तनया) udd. ०अद्रिसुता, - આશ્ચર્યકારક શબ્દ. ___अद्रि-कन्या, अद्रिनन्दिनी. अद्भुतस्वन त्रि. (अद्भुतः स्वनो यस्य) पाश्चर्य।२४ अद्रिद्विष पु. (अद्रिभ्यः द्वेष्टि, द्विध् क्विप्) ५वतान शweauj. તોડનાર, પર્વતનો શત્રુ છે. अपनिन् पु. (अद् मनिन्) भनि.. अद्रिदुग्ध पु. (अद्रिभिविभिर्दुग्धः) १. सोरता, २. अद्यर त्रि. (अद् क्मरच्) 16, २iतियु. ५थ्थरीथी. सरतो. सोम. अद्य त्रि (अद् यत्) पावायोग्य, मान, जावा योग्य | अनिदोणि स्त्री. (अद्रेः द्रोणिरिव) पतनी नही. पहा. अद्रिनन्दिनी स्त्री. (अद्रेः नन्दिनी) पार्वत. अद्य अव्य. (अस्मिन्नहनि) मा४.. अद्रिपति पु. (अद्रीणां पतिः) हिमालय पर्वत, -अद्रिनाथः, अद्यतन त्रि. (अद्य भवः ल्यु तुट) मार्नु, मा४ | अद्रिपतिः, अद्रिराजः ।। संबंधी, ४ थनार. स्त्री. अद्यतनी. अद्रिबर्हस् त्रि. (अद्रेः बर्ह व बर्होऽस्य) सत्यंत. नि.. अद्यतन पु. (अद्य भवः ल्यु तुट) सूर्योहयथी. ते. अद्रिबुध्न पु. अत्यंत. हिन. સૂર્યાસ્ત સુધીનો કાળ, એક અડધી રાતથી બીજી अद्रिभिद् पु. (अद्रि भिनत्ति भिद्+क्विप्) ५वतान અડધી રાત સુધીનો સમય. તોડનાર, પર્વતનો શત્રુ ઈ. अद्यतनीय त्रि. (अद्य भवः ल्यु तुट ईय) अद्यतन, अद्रिभू स्री. (अद्रावपि भवति भू+क्विप्) अ५२।त. ___ , आधुनि.. सता, पार्वती.. अद्यत्व न. (अद्य त्व) आ४५६, तभान५. अद्रिभू त्रि. (अद्रावपि भवति भू+क्विप्) ५वतमi अछपूर्व त्रि. ५i. यना२ वस्तु मात्र अद्यप्रभृति अ. 0%थी, विसथी. साईन. अद्रिमात पु. (अद्रिर्मेघः तज्जलं मिमीते) मा+तृच्) अश्वीन त्रि. (अद्य श्वस् ख) ४ ८. डोना२, थान॥२. મેઘના જળને માપનાર. अश्वीना स्त्री. (अद्य श्वस् ख टाप्) 90°४ 5tcप्रसव अद्रिराज पु. (अद्रिषु राजते क्विप्) 6५८. श०६ પામનારી સ્ત્રી અગર વિયાવાની તૈયારીમાં આવેલી ગાય વગેરે. अद्रिराज पु. (अद्रीणां राजा टच्) लिमासय. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016067
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages864
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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