SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 356
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आराविन्-आरोप] शब्दरत्नमहोदधिः। ३०९ आराविन् त्रि. (आरौति आ+रु+णिनि) भोटो श६ | आरू त्रि. (ऋ+ऊ+णिच्च) पिंगा ag[aj. કરનાર, મોટો અવાજ કરનાર. आरूक न. (ऋ+ऊ+ततः संज्ञायां कन) लिमालय.थती आरित्रिक त्रि. (अरित्रे भवः ष्ठञ् ञिठ वा) वहन मे. भौषधि. -अम्लं परुषकं द्राक्षा बदर्याण्यारूकाणि સુકાનમાં થનાર. च-चरकः आरिन्दमिक त्रि. त्रि. (अरिन्दमे भवः ठञ् छि वा) आरूढ त्रि. (आ+रूह+कर्तरि क्त) यढेल, लत्यनाथयेट, શત્રુને દમન કરનારમાં થનાર. 60, यन॥२.-राम रामेति रामेति कूजन्तं मधुराक्षरम्। आरिष्मीय त्रि. (रिष्-हिंसने मन् न. त. अरिष्मः | आरूढकविताशाखं वन्दे वाल्मीकिकोकिलम् ।। -अहिंसकः तस्य सनिकृष्टादौ छण्) मसिनी आरूढ न. (आ+रुह+भावे क्त) यढj, उत्पन्न પાસેનો પ્રદેશ વગેરે. थ.-योगारूढस्य तस्यैव शमः कारणमुच्यते-भग० आरीहणक त्रि. (अरीहणेन निर्वृत्तं वुञ्) शत्रुनो घात | आरूढि स्त्री. (आ+रुह+भावे क्तिन्) 6५२नी अर्थ. शुभी.. કરનારાએ કરેલ. ___ -अत्यारूढिर्भवति महतामप्यपभ्रंशनिष्ठा - श० ४.। आरु पु. (ऋ+उण्) १. मे तनुं 3, २. ४२यदा, आरेक पु. (आ+रिच्+घञ्) १. सभेटj, संय, २. ____3. y3, २. वधारो, वृद्धि, 3. दी. ४२. आरुज त्रि. (आरुजति आज्+रु+क) १. सारी रात आरेचित त्रि. (आ+रिच् णिच्+क्त) ॥२ संजयायेत, पी31 5२नार, २. सामे, २४ी. ना२. મીંચાયેલ (આંખ ઉપરની ભ્રમરો). आरुज पु. २२वना ५क्षनी 9.5 राक्षस.. आरेवत पु. (आरेवयति रेचयति मलम् आ+रेव+णिच्+ आरुणक त्रि. (अरुणदेशे भवादि धूमा. पुञ्) मरू ___ अतच्) २२माणानु, उ. નામના દેશમાં થનાર. आरेवत (आरेवयति मालं तस्य फलम् अण् तस्य आरुणि पु. (अरुणस्य अपत्यम् इञ्) १.६८. गौतम लुक्) २माणा. મુનિ, વૈશંપાયનનો એક શિષ્ય, ૨. સામવેદનો એક आरोग्य न. (अरोगस्य भावः ष्यञ्) तन्दुरस्ती. प्रा, 3. आयो, धौभ्य भुनिनो मे शिष्य, ___ -धर्मकामार्थ-मोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम् । नीशा५५i. ४. स. १८ भानना पुत्र, ससा संबंधा, ५. सूचना पुत्र, वैश्यं क्षेमं समागम्य शूद्रमारोग्यमेव च -मनु० । 5. सूर्यना साथि अरू नो पुत्र, ७. विनतानो पुत्र.. आरोग्यव्रत न. (आरोग्यार्थं व्रतम्) माघ मलिनानी आरुणिन् पु. ब. (आरुणिना वैशम्पायनान्तेवासिना અજવાળી સાતમથી માંડીને દરેક અજવાળી સાતમે प्रोक्तमधीयते णिनि) वैशम्पायनन शिष्ये ४३. अन्य કરવાનું એક વર્ષ સુધીનું એક વ્રત. વગેરેનું અધ્યયન કરનાર. आरोग्यशाला स्त्री. (आरोग्यार्था शाला) हवामार्नु, आरुणेय प. (आरुणेरुद्दालकस्यापत्यम ढक) 6वाला डोस्पिट, सेनटेरियम.-आरोग्यशालां कुर्वीत महौषधपમુનિનો પુત્ર, શ્વેતકેતુ. रिच्छदाम् । विदग्धवैद्यसंयुक्तां बहून् न रससंयुतान् ।। आरुत न. (आ+रु+भावे क्त) आराव २०६ हुमो. आरोग्यस्नान न. (आरोग्यनिमित्तकं स्नानं) रोग दूर आरुत त्रि. (आ+रु+कर्तरि क्त) आराविन् २०६ થયા પછી કરવાનું વિધિપૂર્વક સ્નાન. दुओ. आरोड्ढ पु. (आ+रु+तृच्) यढना२. आरुद्ध त्रि. (आ+रुध+क्त) रोस. 12वेद.. आरोधन न. (आ+रुध+भावे ल्यूट) Ps. घेरd. आरुरुक्षु त्रि. (आरोढुमिच्छति आ+रु+सन्+3) यउवा | आरोधन त्रि. (आ+रुध्+कर्मणि ल्युट) रो४वा योग्य २७॥२- आरुरुक्षोर्मुनेोगं कर्मकारणमुच्यते- गीता. २वा योग्य. (कर्तरि ल्युट) रोनार. (करणे ल्युट) आरुषी स्त्री. (मनोः कन्याभेदे च्यवनपत्न्याम्) मनु२॥४ानी. રોકવાનું સાધન. કન્યા, જે અવન ઋષિની સ્ત્રી હતી તે. आरोप पु. (आ+रु+णिच्+ल्युट) १. मिथ्याशान आरुषीय त्रि. (अरुषः व्रणस्य सन्निकृष्टदेशादिः अण्) -वस्तुन्यवस्त्वारोपोऽध्यारोपः-वेणी०, २. से. वस्तुना વણની પાસેનો પ્રદેશ વગેરે. ગુણોને બીજી વસ્તુમાં આરોપિત કરવા તે, ૩. કોઈના आरुह त्रि. (आ+रुह+क) यउना२. 6५२ २४॥ यावते. -असूया तु दोषारोपो गुणेष्वपि आरू पु. (ऋ+ऊ+णिच्च) पिंजीव -अमरः । भा२ यदावो, होषारो५९॥ ४२. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016067
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages864
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy