SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 277
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २३० शब्दरत्नमहोदधिः। [अश्वत्थ-अश्वमित्र - पूनम. अश्वत्य पु. (न श्वश्चिरं शाल्मलीवृक्षादिवत् तिष्ठति | अश्वपत्यादि पु. पालिनीय व्या5२३शास्त्र प्रसिद्ध मे. स्था+क पृषो.) १. पी५णानुॐ3 - शसम - अश्वपति, ज्ञानपति, शतपति, धनपति, उर्ध्वमूलोऽवाक्शाखएषोऽश्वत्थः सनातनः - भग० गणपति, स्थानपति, यज्ञपति, वादपति, कुलपति, १५।१, २ पी५२नु 33, 3. संसार वृक्ष, ४. अश्विनी गृहपति, धान्यपति, धन्यपति, बन्धुपति, धर्मपति, नक्षत्र. समापति, प्राणपति, क्षेत्रपति. अश्वत्थक पु. (अश्वत्थस्तत्फलं तधुक्तः कालोऽ. अश्वपर्ण त्रि. (अश्वानां पर्णं गमनं यत्र) घोडाना प्यश्वत्थस्तत्र देयं ऋणम् वुन्) १. पी५मानु है ગમનથી યુક્ત રથ વિગેરે. કાળે ફળે છે તે વૈશાખ વગેરે માસમાં આપવાનું अश्वपर्ण घु. (अश्व-व्यापि पर्णं पतनं यस्य) मेध. 5२४. स्वार्थे कन्. २. पी५गर्नु काउ. अश्वपाद त्रि. (अश्वस्य पाद इव पादोऽस्य) घाना अश्वत्थकुण पु. (अश्वत्थस्य पाकः पील्वादेः कुणच्) ___ u tu: પીપળાના ફળનો પાક વગેરે. अश्वपाल पु. (अश्वान् पालयति पा+णिच्+लन् अण्) अश्वत्थभेद पु. (अश्वत्थस्य भेदविशेषो यत्र) नहीqa, ઘીડાનો ખાશદીર, ઘોડાનો પાલક. એક જાતનું પીપળાનું ઝાડ. अश्वपलिक पु. (अश्वान् पालयति ण्वुल्) 6५२८ अश्वत्था स्त्री. (अश्वत्थेन युक्ता पौर्णमासी) सो भई अभी. સુદી પૂનમ. अश्वपुच्छी स्री. (अश्वस्य पुच्छमिव केसरोऽस्य) nel અડદનો છોડ. अश्वत्थामन् पु. (अश्वस्येव स्थाम बलमस्य अथधा अश्व इव तिष्ठति युद्धे स्थिरत्वात्) १. द्रोund अश्वपुरी स्त्री. हैनशन. प्रसिद्ध पश्चिम महाविना દક્ષિણ દિશાની પ્રથમ વિજયેની મુખ્ય રાજધાની. भने सानो पुत्र मत्थामा, - अश्वस्येवास्य यत् अश्वपेज पुं. मममा मेषि . स्थाम नदतः प्रदिशोगतम् । अश्वत्थामैव बालोऽयं अश्वपेश त्रि. (अश्वेम पेशो रूप रूपणीयं यस्य) तस्मान्नाम्ना भविष्यति ।। - महाभारतम्, २. ५७ ઘોડા ઉડે નિરૂપણ કરવા યોગ્ય. સૈન્યમાંનો તે નામનો એક હાથી. अश्वपोषक त्रि. (अश्वस्य पोषकः) धौ.ना. पोषनार, अश्वत्थिक त्रि. (अश्वत्थेन चरति) पी५i until सहि२. ઉપર ફરનાર. अश्वबन्ध पु. (अश्वानां बन्धः) घोसीनो पास.. अश्वत्थी स्री. (क्षुद्रोऽश्वत्थः अल्पार्थे डीप्) नानो अश्वबाल पु. (अश्वस्य बाल इव) १. स32, __ nel. luut. २. घोडानाan. अश्वदंष्ट्रा स्त्री. (अश्वस्य दंष्ट्रेवाकारेण) मनु काउ. अश्वबाहु पु. यदुवंश में त्रिय. अश्वदूत पु. (अश्वेन सहितः दूतः) घाउसवार त. | अश्वभा प. (अश्वस्येव भाः) वीणी.. अश्वनाय पु. (अश्वं नयति अण्) घोसनो , अश्वमक्षिका स्त्री. (अश्वस्य मक्षिका) घोडानी. भाजी, ઘોડાઓને ચરાવનારો. Mus. अश्वनिबन्धिक पु. (अश्वानां निबन्धिकः) घोसानो अश्वमर्दक पु. (अश्वस्य मर्दकः) धोने मई- ४२२. પાલક, ઘોડાઓને બાંધનારો. अश्वमहिषिका स्त्री. (अश्वमहिषयोर्वैरम्) घो८ माने. अश्वन्त पु. (अश्वस्य व्यापकस्य धर्मस्यान्तो यत्र) ___५. वय्येनु, ३२. १. अशुम, २. क्षेत्र, 3. भउर्दु, ४. यूक्षो. अन्धभार पु. (अश्वं भारयति भृ+णिच्) ४२२. अश्वप पु. (अश्वं पाति पा+क) घोसनो पाल, अश्वमारक पु. (अश्वस्य मारकः मृ+णिच्+ण्वुल्) पासहार. ઉપરનો અર્થ જુઓ. अश्वपति पु. (अश्वस्य पतिः) १. धोनी पास, | अश्वमित्र पु. हैनशन प्रसिद्ध अश्वमित्रायार्थ नामना ખાસદાર, ૨. રામાયણ પ્રસિદ્ધ કૈકય દેશના રાજાનું ચોથા નિત્સવ કે જેણે દરેક પદાર્થ ક્ષણે ક્ષણે નાશ नाम. પામે છે એવો સિદ્ધાંત સ્થાપિત કર્યો. Jain Education International www.jainelibrary.org For Private & Personal Use Only
SR No.016067
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages864
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy