SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 210
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अम्बुवाहिनी-अम्र] शब्दरत्नमहोदधिः। १६३ अम्बुवाहिनी स्त्री. (अम्बु+वह+ङीप) १. upl. uवनारी | अम्भोज न, (अम्भसि जायते जन्+ड) मग. - સ્ત્રી, ૨. નૌકાની આકૃતિવાળું પાણી છાંટવાનું લાકડાનું ___ बाले ! तव मुखाम्भोजे कथमिन्दीवरद्वयम्शृङ्गार० १७. पात्र. अम्भोज पु. (अम्भसि जायते जन्+ड) १. यंद्र, अम्बुविहार पु. (अम्बुनि विहारः) ५ullvi d२ को३ २. पू२७, 3. सा२२. ५क्ष... જળકીડા. अम्भोज प. न. (अम्भसि जायते जन+ड) शप अम्बुविसवा स्त्री. (अम्बूनि विस्रवति अम्बु वि+स्रु अम्भोज त्रि. (अम्भसि जायते जन्+ड) ५.lvi उत्पन्न अच्) मे तनी हुवा२. थन॥२. अम्बुवेतस पु. (अम्बुजातः वेतसः) ४सवेत.स., uellvi अम्भोजखण्ड न. (अम्भोजानां समूहः खण्डं च) थन.२. नेत२. १. ५-नो समूह अम्बुशिरीषिका स्त्री. (अम्बुनि अल्पः शिरीषः कन् | अम्भोजजन्मन् पु. (अम्भोजाज्जन्म यस्य) मदोत्पन्न स्त्रीत्वम्) पाएमा थनार शिरीष. अम्बुसरण न. (अम्बूनां सरणम्) ४२, ५0नो | अम्भोजयोनि पु. (अम्भोजं योनिर्यस्य) Mal. प्रवाई. अम्भोजिनी स्त्री. (अम्भोज+इनि+ङीप्) १. मसानो अम्बुसर्पिणी स्त्री. (अम्बुनि सर्पति सृप णिनि) soul. समूह, २. भ.सनी. व. अम्बुसेचनी स्त्री. (अम्बुनि सिच्यन्ते नौकातः अनया अम्भोद पु. (अम्भः ददाति दा+क) १. भेष, सिच् करणे ल्युट् ङीप्) suvial usl. staवान २. भोय. એક જાતનું પાત્ર, પાણી સીંચવાનું પાત્ર. अम्भोद त्रि. (अम्भः ददाति दा+क) ५५ ५.ना२. अम्बूकृत न. (अम्बु च्चि कृ क्त) p. 3 ते अम्भोधर पु. (अम्भो धरति अम्भस्+धृ+ अच्) जोर, उ4312 3२वी, भोम ४ पोल्या ४२... १. मेघ, २. समुद्र, 3. भोय. अम्ब्ल पु. (अबि क्ल) uटो २४.. अम्भोधि पु. (अम्मांसि धीयन्ते यत्र अम्भस् धा+कि) अम्ल त्रि. (अबि क्ल) 102t २सवाणु, माटुं. समुद्र अम्भ (भ्वा. आ. सेट् अम्भते) ५४ ४२५, २०६ | अम्भोधिवल्लम पु. (अम्भोधिर्वल्लभो यस्य) ५२वाणु, १२वी. प्रवास. अम्भस् न. (आप्यते आप+ असुन् नुम्भौ, अम्भ् । अम्भोनिधि पु. (अम्भसां निधिः) समुद्र. - अम्भोनिधौ असुन् वा) १. ५८९, २. हेव, 3. पितृसो, क्षुभितभीषणनक्रचक्रम्-भक्ता० ४०. ४. मनुष्य, ५. मसुर, १. ते. नामनी. . भौषधि, | अम्भोराशि पु. (अम्भसां राशिः) समुद्र ७. योतिषशास्त्र प्रसिद्ध नयी योy स्थान, | अम्भोरुह पु. (अम्भसि रोहति रुह+क्विप्) १. भ७, ८. माध्यामि तुष्टिवणो, ८. माश- २. स.२सपक्षी.. अम्भसाकृतम् पाए।थी. रेj - स्वेद्यमामज्वरं प्राज्ञः | अम्भोरुह न. (अम्भसि रोहति रुह्+क्विप् क) 6५२नो कोऽम्भसा परिषिञ्चति - शिशु० २।४५. सर्थ भी. अम्भःसार न. (अम्भसां सारम्) भोती.. अम्भोरुह त्रि. (अम्भसि रोहति रुह+क्विप् क) uswi अम्भःसू पु. (अम्भांसि सूते) धूमाउट, .5॥२. ઊગનાર, પાણીમાં ઉત્પન્ન થનાર अम्भःस्थ त्रि. (अम्भसि तिष्ठति स्था+क) पाएमा | अम्भय त्रि. (अपां विकारादि अप्+मयट) १. पामय, २नार. २. पाशीनी वि२. 3. घसवाणं स्था. अम्भसांनिधि (अम्भसां निधिः) समुद्र. अम पु. (अमति सौरभेण दूरं गच्छति अम्+रन्) अम्भृण पु. (भ्रण शब्दे यङ्लुक् अच् वेदे) मयं.२ मार्नु साउ. श०६ ४२॥२, मोटु. अम न. (अम्+रन्) Ailk ३० ४३ पांडं. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016067
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages864
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy