SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 202
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १५५ अमरज-अमर्ष] शब्दरत्नमहोदधिः। अमरज पु. (अमर+जन्+ड) मे तनो २. | अमराद्रि पु. (अमराणामद्रिः) सुभे२ पर्वत. अमरणीय त्रि. (न मरणीयम्) सम२. अमराधिप पु. (अमराणामधिपः) इंद्र. अमरणीयता स्त्री. (न मरणीयता) अम२५, २वायसुम. | अमराधीश पु. (अमराणाम् अधीशः) द्र. अमरतरु पु. (अमराणां तरू:) स्वप्न मे. वृक्ष, हिव्य, अमराधीश्वर पु. (अमराणाम् अधीश्वरः) 3५२नो अर्थ वृक्ष, विहार, स्यवृक्ष. मो. अमरता स्त्री. (अमरस्य भावः तल्) नीये अमरत्वनो | अमरापगा स्त्री. (अमराणामापगा) स्वगन नही-u. અર્થ જુઓ. अमरालय पु. (अमराणामालयः) स्व.०, वोर्नु अमरत्व न. (अमरस्य भावः त्व) सम२५, देवत्व, निवासस्थान. स्वा-सु७. –भव्या व्रजन्ति तरसाऽप्यजरामरत्वम् | अमरावती स्त्री. (अमरा विद्यन्तेऽस्यां मतुप मस्य वः -कल्या० २१ दीर्घः) छंद्रनी नगी. अमरदारु न. (अमराणां प्रियं दारु) ४५६८२ वृक्ष, अमरिष्णु त्रि. (न मरिष्णुः) भ२॥धमलित. पवृक्ष, शुमा- अमरतरु श६. अमरी स्त्री. (अमर ङीप्) हेवनी स्त्री, हेवन्या , इंद्रनी. अमरद्विज पु. (अमरपूजकः द्विजः) पूरी, ना. રાજધાની. अमरपति पु. (अमराणां पतिः) छंद्र, हेवानी. २0%1. ॐद्र. अमरु पु समर्शत' नामना मन्थनी रयन८२ ते. अमरपुर न. (अमराणां पुरम्) हैवान, निवास स्थ, નામનો એક કવિ. ગ્રંથમાં ૧૬૩ શ્લોકો છે, શતક हिव्य स्वा, विदोs. શૃંગારિક છે. તેમનો સમય નવમી શતાબ્દીનો મધ્યકાળ अमरपुष्पक पु. (अमरं पुष्पं यस्य) १. स्यवृक्ष, २. शो, सश-तृ९५. अमरेश पु. (अमराणामीशः) छंद्र. अमरपुष्पिका स्त्री. (अमरमविशीर्णपुष्पमस्याः कप् अत | अमरेश्वर पु. (अमराणामीश्वरः) 6५२न. अर्थ, हुम. इत्वम्) अवाक्पुष्पी २६ . अमर्त्त त्रि. (न मृ तच्) भ२५॥धभर उत. अमरपुष्पी स्त्री. (अमरमविशीर्णपुष्पमस्याः जातित्वात् अमर्त्य त्रि. (न मृतिमर्हति) अम२, भ२९।५ २डित, डीप्) अवाक्पुष्पी २०६ मी. अविनाशी.. अमरप्रभु पु. (अमराणां प्रभुः) विष्प, द्र. अमर्त्य पु. (न मर्त्यः) हेव. अमरभर्तृ पु. (अमराणां भर्ता) द्र. अमर्त्यभुवन न. (अमर्त्यानां देवानां भुवनम्) स्व०८. अमररत्न न. (अमर इव शुद्ध रत्नम्) २५टिभलिए. | अमर्मन् न. (न मर्म) शरी२ना गोमid भ स्थ अमरराज पु. (अमराणां राजा) छंद्र. नथ.. अमरलोक पु. (अमराणां लोकः) स्व०, विलोs. | अमर्मवेधिता स्त्री. (न मर्मवेधिता) 40u uizी अमरलोक त्रि. (अमराणामिव लोको यस्य) स्व.नि. शुभांनो मे गुए. પામેલ કોઈ ધાર્મિક મનુષ્ય. अमर्मवेधिन् त्रि. (मर्म न विध्यति यः) भभ स्थानने अमरवल्लरी स्त्री. (अमरा वल्लरी) अमरवेल.. नवीधनारी, ओम, मृदु. अमरवल्ली स्त्री. (अमरा वल्ली) 6५२नो अर्थ हुमो. अमर्याद त्रि. (न मर्यादा यत्र) सीमा वगरनु, भयहि अमरसरित् स्त्री. (अमराणां सरित्) स्व०l, diou. વિનાનું, સન્માન વગરનું, સીમાઓને પાર કરનારો, अमरा स्री. (न मरा) १. गो, २. प्रोम3, 3. वा२४.. मना६२. ७२०२, अनुयित- मर्यादायाममर्यादाः वृक्ष, ४. . तनी दुवार, ५. थोर- ॐ3, स्त्रियस्तिष्ठन्ति सर्वदा-पञ्च० १।१८२ ૬. ગર્ભની ચોતરફ વીંટળાયેલી ઓર, ૭. ડુંટીની | अमर्यादा स्त्री. (न मर्यादा) महिना समाव., सीमानो नाण, ८. योनि, ८. द्रनी अमरावती नगरी, અભાવ, સન્માનનો અભાવ, અનાદર. ઇન્દ્રવારણાનું ઝાડ, ૧૦. ઘરનો થાંભલો. अमर्ष पु. (न मर्षः) १. क्षमानी समाव, २. ५, अमराङ्गना स्री. (अमराणामङ्गना) १. अप्स.२८, २. ठोध, 3. म.साडनशील, अधीर. - अमर्षशून्येन जनस्य हेवांगना. -मुषाण रत्नानि हरामराङ्गना-शिशु० १।५१. जन्तुना न जातहार्देन न विद्विषादरः- कि० १।३३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016067
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages864
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy