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________________ ५४ शब्दरत्नमहोदधिः। [अधिराष्ट्र-अधिषवण अधिराष्ट्र अव्य. (राष्ट्रमधिकृत्य) २०७य विषे. अधिवाहन न. (अधि वह णिच् ल्युट्) 6५२ १६४, अधिरूक्म त्रि. (अधिगतं रूक्मं आभरणं येन) ने २थ. वगेरे वाहन. સુવર્ણનાં અલંકાર મળ્યા હોય તે માણસ. अधिवाहन अव्य. (वाहनम् अधिकृत्य) वाइनमi, वाइन अधिरूढ त्रि. (अधिरूह कतरि क्त) 6५२ यां, विषे. અત્યંત વધેલું. अधिविकर्त्तन न. (अधि+वि+कृत्त+छेदने+ ल्युट्) अधिरोपित त्रि. (अधिरुह् णिच् पुक् कर्मणि क्त) | અત્યંત કાપવું. અત્યંત આરોપિત. अधिविद्य अव्य. (विद्यायाम् अधि) विद्या विषे.. अधिरोह पु. (अधिरुह् घञ्) 6५२. यaj, अत्यंत. अधिविन्ना स्त्री. (अधि विद्-लाभे कर्मणि क्त) हेन। ઉપર બીજી શોક્ય લાવવામાં આવી હોય તેવી પ્રથમ अधिरोहण न. (अधिरूह भावे ल्युट्) 6५२ २aj, स्त्री, प्रथम ५२तर स्त्री.. અત્યંત વધવું. अधिवेत्तृ पु. (अधि विद् कर्तरि तृच्) मे. स्त्री. 6५२ अधिरोहणी स्त्री. (अधिरुह्यते अनया) नि.स.२५., जी स्त्री ५२नार. નિસરણીનો કઠેડો. अधिवेद अव्य. (वेदमधिकृत्य) वहभां, वह विधे. अधिरोहिणी स्त्री. (अधिरोह-इनि-डीप) निस.२५... अधिवेद पु. (अधिविद् घञ्) में स्त्री. 6५२ जी0 अधिरोहिन् त्रि. (अधि रुह् णिनि) यउन, सवार २वी -अधिवेदन. ___थनारी, ५२ यढेको. अधिवेदनीया स्त्री. (अधि विद् लाभे कर्मणि अनीयर) अधिलोक अव्य. (लोके अ) सोम सं जना, એક સ્ત્રી ઉપર વિવાહ કરવા યોગ્ય બીજી સ્ત્રી. सो विषे. अधिवेद्या स्त्री. (अधि विद् कर्मणि यत् टाप्) 6५२नो अधिवक्तृ त्रि. (अधिवच् तृच्) ५क्षपातथी. बोलना२.. अर्थ. अधिवचन न. (अधिवच् ल्युट वा अधिकं वचनम्) अधिश्रपण न. (अधि श्रा पाके णिच् पुक् हस्वश्च) પક્ષનું સમર્થન, પક્ષપાતથી કહેવું, અધિક કહેવું, राध, २सो ४२वी. नाम, उपनाम अधिश्रय पु. (अधि श्री अच्) ५४, राध, २सा, अधिवस्त्र त्रि. (अध्यावृत्तं वस्त्रं येन) 6५२ स्थापे, २. २j,sung. પહેરેલું વસ્ત્ર. अधिश्रयण न. (अधिश्री ल्युट्) यू. 6५२ भू, अधिवाक पु. (अधि वच् घञ्) ५क्षudeी. ४३j, ચૂલા ઉપર મૂકી રાંધવું. અધિકવચન. अधिश्रयणी स्त्री. (अधि श्री ल्युट ङीप्) यूदो, सग अधिवास पु. (अधि वस् घञ्) निवास, वास, सुगंध, वगैरे. રહેઠાણ, યજ્ઞના આરંભના અગાઉના દિવસે દેવતા | अधिश्रयणीय त्रि. (अधिश्रयणाय हितं छ) राधवायोग्य વગેરે સ્થાપવાનું કામ તથા પૂજન વગેરે કર્મ. पात्र. अधिवासन न. (अधि वस् णिच् ल्युट्) 6५२नो. ०४ | अधिश्रयणीय त्रि. (अधिश्री-कर्मणि अनीयर्) રાંધવાલાયક પદાર્થ વગેરે. अधिवासन न. (अधि वस् णिच् ल्युट) मुशवाहार अधिश्रयितवै अव्य. (अधि श्रा पाके वेदे कृत्यार्थे કરવું, ગંધમાલ્ય વગેરેથી સુગંધવાળું કરવું તે. तवै) राधा योग्य. अधिवासित त्रि. (अधिवास्सुरभीकरणे कर्मणि क्त) अधिश्री त्रि. (अधिका श्रीर्यस्य) अत्यंत. Acudij, सुगंधयुवेत. २९. (अधिवास् निवासे णिच् कर्मणि मपि संपत्तिवाणु, सर्वश्रेष्ठ, घनाय.... क्त) मवासित. ४२02.८ विता, भूर्तिमा वितानी | अधिषवण न. (अधिषूयते सोमः यत्र-अधि+षू अभिषवे, પ્રાણપ્રતિષ્ઠા કરવી વગેરે. ___ आधारे ल्युट्) सोमदतानी. २. वार्नु साधन, अधिवासिन् त्रि. (अधि वस् णिनि) २४-८२, सुगंधauj. 25 . 4३, स्नान. अर्थ. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016067
Book TitleShabdaratnamahodadhi Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktivijay, Ambalal P Shah
PublisherVijaynitisurishwarji Jain Pustakalaya Trust Ahmedabad
Publication Year2005
Total Pages864
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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