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________________ द्वितीयकाण्डम् २१८ 'कोटिरभिः स्त्रियौ कोणोऽक्षवाटो मल्लयुद्धभूः । बन्धुकस्तु भुशुण्डी स्त्री तत्प्रभेदे तु नालिका ॥१०६॥ तोपे : पुमान् शतघ्नीत्रीचक्रे चक्रस्वरूपकम् । गोलिका गुलिका गोलो गुटिका च गुटी स्त्रियाम् ॥ १०७॥ पूतना वाहिनी सेनाsनीकिनी ध्वजिनी चमूः । अनीकमस्त्रियां सैन्यं बलं चक्रं च पुंसि तु ॥ १०८ ॥ मण्डलाssलीढ वैशाख प्रत्यालीढानि चाssसने । स्याद्व्यूहः सैन्यविन्यासोऽथपत्यादि क्रमो यथा ॥ १०९ ॥ क्षत्रियवर्गः ९ (१) कोण (खोणा) के तीन नाम- कोटि (कोटी) १ अश्रि २ स्त्री०, (अस्त्र, कोण कच अर्थ में पु०, अश्र शोणित अर्थ में नपुं० ) कोण ३ पु० । (२) अखाडा (जहां मल योद्धा शिक्षण पाते हॉ) के दो नाम- अक्षवाट १ पु०, मल्लयुद्धभु २ स्त्री० । (३) बन्दूक के दो नाम- बन्धूक १ पु०, भुशुण्डी २ स्त्री० । (४) पिस्तौल के एक नाम - नालिका [नाली ] १ स्त्री० । (५) तोप के दो नाम- तोप १ पु०, शत्रुघ्नो २ स्त्री० । (६) चक्र: जैसा आकार वाले शस्त्र का एक नाम - चक्र १ [नानार्थक ] नपुं० | गोली के पांच नाम- गोलिका १ गुलिका २ गोली ३ गुटिका ४ गुटी ५ पु० नपुं० । (७) सेना के दश नाम पृतना १ वाहिनी २ सेना ३ अनीकिनी ४ ध्वजिनी ५ चमू ६ स्त्री, अनीक ७ पु० नपुं., सैन्य ८ बल ९ चक्र १०पु० नपुं. । (८) धनुघरों के आसन के चार नाम - मण्डल १ आलीढ २ वैशाख ३ प्रत्यालीढ ४ नपुं. । ( ९ ) सैन्य रचना के दो नाम - व्यूह १ सैन्यविन्यास २ पु. (१०) पत्ति आदि सैन्य संख्या का कोष्ठक -- । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016064
Book TitleShivkosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherKarunashankar Veniram Pandya
Publication Year1976
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size13 MB
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