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________________ द्वितीयकाण्डम् १७४ मानववर्गः७ केशः शिरोरुहो बालः कश्चिकुर कुन्तलौ । केशवेशस्तु कवरो धम्मैिलः संयतः कचः ॥१३॥ केशपाशी शिखा चूडा तापसानां जटा मता । अलकः कुटिलो बाल स्तद्वन्दं कैश्य केशिकौ ।९४॥ स्त्रीणां शिरः स्थिता वेणिः प्रवेणि मॅटिकाऽऽकृतिः। बाह्वो रङ्गेद केयूरे भूषणं तन्नपुंसकम् ॥१५॥ शैना मेखला काञ्चो कटिसूत्रं च शङ्खलम् । मजीरो नपुरो न स्त्री हंसकश्च पुमानयम् ॥१६॥ १२किङ्किणी क्षुद्रघण्टा स्यात्तले रूतमुभे समे । हिन्दा- (१) केश के छ नाम- केश १ शिरोरुह २ बाल ३ कच ४ चिकुर ५ कुन्तल ६ पु०। (२) विन्यस्त केश का एक नाम- कवरी १ स्त्री० । (३) रचना विशेष से बद्ध केश का एक नाम- धम्मिल १ पु० । (४) चोटी के तीन नाम- केशपाशो १ "शिखा २ चूडा ३ स्त्री० । (५) तापसों के जटा का एक नामजटा १ स्त्रो० । (६) घूधर बाल का एक नाम- अलक १ पुं० (७) केशसमूह के दो नाम- कैश्य १ कैशिक २ नपुं० । (८) स्त्री चोटी के दो नाम- वेणि १ प्रवेणि २ स्त्रो० । (९) बाहू के भूषण के दो नाम-अङ्गद १ केयूर २ नपुं० । (१०) कटि सूत्र के पांच नाम- रशना १ मेखला २ काञ्ची ३ स्त्री०, कटिसूत्र ४ शङ्खल ५ नपुं० । (११) पदभूषण (पांजनी) के तीन नाम-मजोर १ नूपुर २ पु.नपुं०, हंसक ३ पु० । (१२) क्षुद्रघंटिका (धुंधरु) के दो नाम- किङ्किणो १ क्षुद्रघंटिका २ स्त्री० । (१३) सई के दो नाम- तूल १ रूत २ नपुं० । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016064
Book TitleShivkosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherKarunashankar Veniram Pandya
Publication Year1976
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size13 MB
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