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________________ द्वितीयकाण्डम् १६७ मानववर्गः ७ ghrsग्रमांस स्त्री गुल्मैः प्लीहामेदो' बसावया । मायुः पुंसि भवेत्पत्तं स्नायुस्तु वस्नसा स्त्रियाम् ||६५|| कालखण्डं कुल्लीने तिलकं क्लोम फुप्फुसे । गोर्द गोर्दै च मस्तिष्कं क्लीबे किट्टे मलोऽस्त्रियाम् ॥ ६६ ॥ क्लोबे पुंरी तदन्त्रे च लीला तु स्यन्दिनी स्त्रियाम् । स्यात्पषं श्रोत्रमलं सिंघणं नासिकामलम् ॥६७॥ दूषिका स्त्रीनेत्रमलं कुल्य कीकसमस्थिनि । 3 (१) हृदय के बीच के मांस के दो नाम - बुक्का १ स्त्री०, अग्रमांस २ नपुं. पु० । (२) प्लीहा के दो नाम - गुल्म १, प्लीहा (प्लोहन्) २ पु० । (३) चरबी के तीन नाम-मेद (अकारान्त ) १ पु०, वसार, वपा ३, खा. सान्त मेदस् नपुं० । (४) पित्त के दो नाम मायु १ पु०, पित्त २ नपुं. (५) अङ्ग प्रत्यङ्ग सन्धि बन्धन के दो नाम - स्नायु १, वस्नसा २ स्त्री० ० । (६) यकृत् (प्रकाशय) के दो नाम - कालखण्ड १, यकृत् २ नपुं० । (७) हृदय के अन्तर्गत जल कोथली के तीन नामतिलक १, क्लोम २. फुप्फुस ३ नपुं० । (८) मस्तिष्क के तीन नाम - गोद १. गोर्द २ मस्तिष्क ३ नपुं । (९) मल के दो नामकिट्ट १ नपुं. मल २ पु. नपुं० । (१०) आंत के दो नाम पुरीतत् १, अन्त्र २ नपुं. । (११) लार के दो नाम - लाला १, स्यन्दिनी २ स्त्री० । (१२) कान में जो मल हो उसके दो नाम-पिज्जूष १, श्रोत्रमल २ नपुं । (१३) नासा मल के दो नाम - सिंघाण १, नासिकामल २ नपुं. । (१४) नेत्रमल के दो नाम - दूषिका १ स्त्री, नेत्रमल २ पु० । (१५) अस्थिमात्र के तीन नाम-कुल्य १, कीकस २, अस्थि ३ नपुं० । Jain Education International For Private & Personal Use Only D www.jainelibrary.org
SR No.016064
Book TitleShivkosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherKarunashankar Veniram Pandya
Publication Year1976
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size13 MB
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