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________________ द्वितीयकाण्डम् वनस्पतिवर्गः४ वार्षिकी मल्लिकाश्वेता हेमै पुष्पा तु यूथिका। चन्द्रेवल्यतिमुक्ता च वासन्ती माधवी लता ॥२०॥ लाक्षा'पुष्पातु सेवन्ती शतपुष्पा महासहा । चाम्पेयश्चम्पको हेम पुष्पको भ्रमरातिथिः ॥२१॥ बकुलो मुकुलो वृद्ध बकुलस्तु बुको वसुः । माध्यः कुन्दो मुकुन्देस्तु पालक्यां कुन्दकुन्दरु ॥२२॥ पुन्नागस्तिलको नीयू कदम्बौतु हरिप्रिये । (जाती) ३ स्त्री० । (१०) चम्बेली के पांच नाम-चम्बेली १, उपजातिका २, वार्षिकी ३, मल्लिका ४, श्वेता ५ स्त्रो० । (११) जूही के दो नाम- हेमपुष्पा १, यूथिका २ स्त्री० । (१२) कुन्द वनस्पति के पांच नाम-चन्द्रवल्लो १, अतिमुक्ता २ वासन्ती ३ माधवी ४ लता ५ स्त्रो० । हिन्दी-(१) कटहरो चम्पा के चार नाम-लाक्षापुष्पी १ सेवन्तो २ शतपुष्पा ३ महासहा ४ स्त्री० । (२) चम्पा पुष्प के चार नाम- चाम्पेय १ चम्पक२ हेमपुष्पक ३ भ्रमरातिथि ४ पु. (३) मौलसरी के दो नाम-बकुल १ मुकुल २ पु० । (४) बकुल पुष्प के तीन नाम-वृद्धबकुल १, बुक २, वसु ३ पु० । (५) कुन्द पुष्प के दो नाम-माध्य १, कुन्द २ पु० नपुं० । (६) पालक शाक के तीन नाम- मुकुन्द १, कुन्द २, कुन्दर ३ पु० । (७) पुंनाग (सन्देशरा) के दो नाम-पुंनाग १, तिलक २ पु० । (८) कदम्ब के तीन नाम-नीप १, कदम्ब २, हरिप्रिया ३ पु० । (९) कर्णिकार कठचंपा के दो नाम-कर्णिकार १, परिव्याध २ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016064
Book TitleShivkosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherKarunashankar Veniram Pandya
Publication Year1976
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size13 MB
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