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________________ आराधना कथाकोश कहा उसका कहना मुझे प्रमाण है।" उसने निःशंक होकर एक ही झटके में सारे सीकेको काट दिया । काटनेके साथ ही जबतक वह शस्त्रोंपर गिरता है तबतक आकाशगामिनी विद्याने आकर उससे कहा-देव, आज्ञा कीजिये, मैं उपस्थित हूँ। विद्याको अपने सामने खड़ी देखकर अंजनचोरको बड़ी खुशी हुई। उसने विद्यासे कहा, मेरु पर्वतपर जहाँ जिनदत्त सेठ भगवान्की पूजा कर रहा है, वहीं मुझे पहुँचा दो । उसके कहनेके साथ ही विद्याने उसे जिनदत्तके पास पहुंचा दिया। सच है, जिनधर्मके प्रसादसे क्या नहीं होता ? सेठके पास पहुंचकर अंजनने बड़ी भक्तिके साथ उन्हें प्रणाम किया और वह बोला-हे दयाके समुद्र ! मैंने आपकी कृपासे आकाशगामिनी विद्या तो प्राप्त की, पर अब आप मुझे कोई ऐसा मंत्र बतलाइये जिससे मैं ससार समुद्रसे पार होकर मोक्षमें पहुँच जाऊँ, सिद्ध हो जाऊँ । अंजनको इस प्रकार वैराग्य भरी बातें सुनकर परोपकारी जिनदत्तने उसे एक चारणऋद्धिके धारक मुनिराजके पास लिवा लेजाकर उनसे जिनदीक्षा दिलवा दी। अंजनचोर साधु बनकर धीरे-धीरे कैलासपर जा पहुंचा। वहाँ खूब तपश्चर्या कर ध्यानके प्रभावसे उसने घातिया कर्मोंका नाश किया और केवलज्ञान प्राप्त कर वह त्रैलोक्य द्वारा पूजित हुआ। अन्तमें अघातिया कर्मोंका भी नाश कर अंजन मुनिराजने अविनाशी, अनन्त गुणोंके समुद्र मोक्षपदको प्राप्त किया। सम्यग्दर्शनके निःशंकितगुणका पालनकर अंजनचोर भी निरंजन हुआ, कर्मोंके नाश करनेमें समर्थ हुआ। इसलिये भव्यपुरुषोंको तो निःशंकित अङ्गका पालन करना हो चाहिये। मूलसंघमें श्रीमल्लिभूषण भट्टारक हुए । वे सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र रूप उत्कृष्ट रत्नोंसे अलंकृत थे, बुद्धिमान थे, और ज्ञानके समुद्र थे। सिंहनन्दी मुनि उनके शिष्य थे। वे मिथ्यात्वमतरूपी पर्वतोंको तोड़नेके लिये वज्रके समान थे, बड़े पाण्डित्यके साथ वे अन्य सिद्धान्तोंका खण्डन करते थे और भव्यपुरुषरूपो कमलोंको प्रफुल्लित करनेके लिये वे सूर्यके समान थे। वे चिरकाल तक जीयें उनका यशःशरोर इस नश्वर संसारमें सदा बना रहे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016063
Book TitleAradhana Katha kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaylal Kasliwal
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year2005
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size21 MB
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