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________________ नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-कपिला शब्द | ४६ कपीतने गर्दभाण्डवृक्षेऽश्वत्थ - शिरीषयोः । आम्रातके गुवाकद्रौ पुमान् बिल्वमहीरुहे ॥ २५६ ॥ हिन्दी टीका कपिला शब्द के और भी पाँच अर्थ होते हैं-१. गृहकन्या २. भस्मगर्भा (शीशमशिशो का वृक्ष) ३. रेणुका (परशुराम की माता, जमदग्नि की धर्मपत्नी) ४. राजरीति (राजा की रीतिरिवाज) और ५. गो विशेष (कपिला गाय, भूरे रंग की गाय)। कपिश शब्द पुल्लिग है और उसके नौ अर्थ होते हैं-१. श्याव (कृष्ण पीत-फोका रंग) २. सिल्हक (लोहवान गन्ध द्रव्य विशेष) ३. कपीतन (अमड़ा शिरीस इमली) ४. गर्दभाण्ड वृक्ष (लाही पीपल) ५. अश्वत्थ (पीपल) ६. शिरीष (शिरीस, शिरीस नाम का वृक्ष विशेष) ७ आम्रातक (आमड़ा) ८. गुवाकद्र (सुपारी का वृक्ष) और ६. बिल्ब महीरुह (वेल का वृक्ष)। इस तरह कपिश शब्द के नौ अर्थ समझना चाहिए। मूल : कफः श्लेष्मणि हिण्डीरे लालायां कफकूचिका । कमठः कच्छपे वंशे शल्लकी दैत्यभेदयोः ॥ २६० ॥ मुनीनां जलपात्रेऽथ प्लक्षे कुण्ड्यां कमण्डलुः । कमलं सलिलो पद्मे क्लोम्नि भेषज-ताम्रयोः ।। २६१ ॥ हिन्दी टीका-कफ शब्द पुल्लिग है और उसके दो अर्थ होते हैं-१. श्लेष्मा (कफ) और २. हिण्डीर (फेन) । कफकूचिका शब्द स्त्रीलिंग है और उसका एक अर्थ ही माना जाता है-१. लाला (लाललेर)। कमठ शब्द पुल्लिग है और इसके चार अर्थ होते हैं--१. कच्छप (काचवा-काछु) २. वंश (कुलपरम्परा ३. शल्लकी (शाही) और ४ दैत्यभेद (दैत्य विशेष)। इस प्रकार कफ शब्द के दो एवं कफकूचिका शब्द का एक और कमठ शब्द के चार अर्थ समझना चाहिए । कमण्डलु शब्द भी पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१. मुनीनां जलपात्र (मुनियों का जलपात्र) २. प्लक्ष (पाकर नाम का वृक्ष विशेष) और ३. कुण्डी (खल) । कमल शब्द नपुंसक है और उसके पांच अर्थ होते हैं--१. सलिल (पानी-जल) २. पद्म (कमल) ३. क्लोम (पेट में जल रहने का स्थान, उदरगत जलाशय) ४. भेषज (औषध) और ५. ताम्र (तांबा)। इस तरह कमण्डलु शब्द के तीन और कमल शब्द के पाँच अर्थ समझना चाहिए। मूल : सारसे मृगभेदे तु कमलो ध्रुवकान्तरे । कमला निम्बुके लक्ष्म्यां श्रेष्ठ नार्यामपीष्यते ॥ २६२ ॥ कम्बलो रल्लके नागराज-प्रवारयोः कृमौ । सास्नायामुत्तरासंगे मृगभेदे करस्त्वसौ ॥ २६३ ।। करकायां वलौ हस्ते गभस्ति गजशुण्डयोः । करको दाडिमे राजकरे लट्वा पलाशयोः ।। २६४ ।। हिन्दी टीका-पुल्लिग कमल शब्द के तीन अर्थ माने जाते हैं-१. सारस (सारस नाम का पक्षी) २. मृगभेद (मृग विशेष) और ३. ध्र वकान्तर (ध्र व तारा विशेष)। कमला शब्द स्त्रीलिंग माना जाता है और उसके भी तीन अर्थ होते हैं --१. निम्बुक (निम्बू) २. लक्ष्मी और ३. श्रेष्ठ नारी (पद्मिनी नायिका)। इस तरह पुल्लिग कमल शब्द के तीन और स्त्रीलिंग कमला शब्द के भी तीन अर्थ समझना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016062
Book TitleNanarthodaysagar kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherGhasilalji Maharaj Sahitya Prakashan Samiti Indore
Publication Year1988
Total Pages412
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size22 MB
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